हाईकोर्ट ने सरकारों को जारी किए नोटिसर् क्या धान की फसल के विकल्प पर हो सकता है विचार?


चंडीगढ़, 18 जुलाई (सुरजीत सिंह सत्ती):  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्णा मुरारी व जस्टिस अरुण पल्ली की डिवीज़न बैंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा व केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या धान के बदले किसी अन्य फसल लगाने पर विचार किया जा सकता है? वास्तव में एक जनहित याचिका मेें कहा गया कि धान की परम्परागत फसल से भूमिगत जल का स्तर गिरता जा रहा है जबकि पानी के स्तर की हालत यह है कि अगले कुछ वर्षों में पीने वाले पानी तक का भी संकट पैदा हो सकता है। याचिका में कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों व अनुसंधान केन्द्र वैकल्पिक फसल बारे ध्यान नहीं दे रहे। दूसरी ओर धान जैसी फसल से भूमिगत जल खत्म होता जा रहा है। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वह चाहते हैं कि धान की फसल लगानी ही बंद कर दी जाए। इस पर याचिकाकर्त्ता ने कहा कि धान की फसल ऐसी जगह पर लगाई जानी चाहिए जहां पानी का स्तर ऊपर हो, जैसेकि नहरों के किनारों वाले क्षेत्रों में।