क्या आप पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के बारे में जानते हो ?

भारत में मौजूदा उच्च न्यायालयों (हाईकोर्ट्स) की कुल संख्या 25 है।
* जनवरी 2019 को अमरावती (आंध्र प्रदेश) भारत की 25वीं उच्च न्यायालय बनी।
* पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जजों की अधिक से अधिक संख्या 68 (स्थाई 38 और अस्थाई 30) हो सकती है।
* वर्तमान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के जजों की कुल संख्या 56 है।
* पंजाब हाईकोर्ट की स्थापना कानून (आर्टीकल) 1915 और धारा 106-113 के अनुसार हुई।
* पंजाब हाईकोर्ट की स्थापना मार्च 1919 ई. में लाहौर में हुई, जिसके मुख्य जज शादी लाल (रेवाड़ी, हरियाणा) बने।
* 15 अगस्त, 1947 ई. के बाद पंजाब हाईकोर्ट शिमला बदल गई, क्योंकि उस समय शिमला पंजाब की राजधानी थी। इसके मुख्य जज राम लाल बने।
* भारत सरकार के कानून (आर्टीकल) 1915 के अनुसार 17 जनवरी 1955 ई. को पंजाब हाईकोर्ट शिमला से चंडीगढ़ आ गई, जिसके मुख्य जज अमर नाथ भंडारी बने।
* 1 नवम्बर, 1966 ई. को हरियाणा पंजाब से अलग हो गया। फिर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के मुख्य जज मेहर सिंह बने।
* अमर नाथ भंडारी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के सबसे लम्बे समय (1952 ई. से 1959 ई.) तक चीफ जस्टिस रहे।
* भारतीय संविधान के अधिनियम (आर्टीकल) 231 अनुसार दो या दो से अधिक राज्यों की एक हाईकोर्ट हो सकती है।
* भारत की हाईकोर्ट्स का वर्णन संविधान के आर्टीकल 124 में है।
* रवि शंकर झा वर्तमान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के 35वें च़ीफ जस्टिस हैं। 
* रवि शंकर झा से पहले कृष्ण मुरारी पंजाब एंड हरियाणा में चंडीगढ़ के 34वें च़ीफ जस्टिस थे।
* हाईकोर्ट का प्रत्येक जज 62 साल की आयु तक अपने पद पर काम कर सकता है।

-सेवानिवृत मास्टर, 212, फुल्कियां इन्कलेव पटियाला
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