अपना सपना मनी ..मनी

आहा क्या बात है, चारो तरफ पैसा ही पैसा, काश ये पैसा रखने का कोई बहुत बड़ा खदान होता, जिसमे पैसे भर कर रखता और उसे ढक देता किसी चीज़ से जिससे किसी को पता भी नहीं चलता और मैं जब चाहता उस पैसे से अपने तरह-तरह के शोख पूरा करता। मैं जब चाहता बाजार से मन पसंद के खाने के समान ले आता, जैसे तरह-तरह की मिठाइयां व्यंजन और फिर मैं जी भर कर खाता, जब मेरी मर्जी करती हजारों कपड़े ले आता और हर रोज नए कपड़े पहनकर शोख पूरा करता, जैसे राजा महाराजा पहना करते थे। वैसे ही मैं भी पहना करता, जब हमारी मर्जी होती तो दूर कहीं घूमने जाते। हर देश का भ्रमण करते वहां कुछ दिन रहता, और  ठाट... बाट से किसी गेस्ट हाउस में अपने दिन बिताता, लेकिन ये संभव तभी होगा न जब हम अपने पैसे को छिपा ले कहीं, नहीं तो किसी की नज़र पड़ी तो एक झटके मैं वो हमसे छीन लेगा। पुलिस को फोन करेगा और मेरे सारे काले धन की कमाई, जो मैने बहुत मेहनत से कमाई और बहुत ही जतन से इकट्ठा किया, वो एक झटके में पुलिस हमसे ले लेगी और मुझे जेल भेज देगी। इसलिए तो मैं सोच रहा हूं, काश पैसे को छिपाना के लिए कोई जगह होती। 
अभी तो कोई जगह नहीं मिल रही है, ऐसा करता हूं पैसे को गद्दे पर बिछा देता हूं और उस पर एक चादर बिछा देता हूं ताकि किसी को शक भी ना हो और मैं आराम से रह सकूं, चैन से खा पी सकूं और जो मेरा ख्वाइश थी, अपना सपना मनी ..मनी उसे भी पूरा ही समझूं। समीर बिस्तर पर सोया हुआ सपने देख रहा था, मंद मुस्कुरा भी रहा था और ये सोच रहा था मैने कैसे काले धंधे करके पैसे कमाए, हमारे पापा की राशन की दुकान थी। कुछ दिन से पापा की तबियत खराब थी इसलिए मैनें बैठना शुरू किया और मैने सारे राशन के समान में मिलावट शुरू किया, जिसके कारण मेरे पास सिर्फ पैसे ही ..पैसे  है, सच में काले धंधा करके मैंने करोड़ो कमा लिया और पापा तो बस रोटी कपड़ा और किराया के मकान का ही जुगाड लगा पाए। मैने तो पापा को कितने बार कहा है, ये शराफत की धंधे छोड़िए पापा और कुछ काले धंधे भी शुरू किए, लेकिन पापा को बस ईमानदारी ही पसंद थी वो तो बस ईमानदारी की लाइसेंस लेकर ही पूरी जिंदगी चलना चाहते थे, आज पापा की दुकान कहां थी,? और मैने उसे कहां पहुंचा दिया। समीर सपने में बहुत सारा पैसा पाने का सपना देख रहा था और खूब हंसे जा रहा था। तभी उसने सपने में देखा उसके पड़ोसी ने भी ऐसे ही काले धंधे का काम किया। जिससे गरीब लोगों का घर उजड़ गया। उसके मिलावट राशन के समान से कितने की जिंदगियां खत्म हो गई। 
पुलिस उसे हथकड़ियां पहना कर डंडे से पीटे जा रहा है और जेल ले जा रहा, सपने में ये सब देख कर समीर रोए भी जा रहा है, उसकी मां ये सब बहुत देर से देख रही थी। उसने एक बाल्टी पानी समीर के उपर ढाली और बोली उठ कामीने क्या हालत बना रखी तुमने? कभी तुम सोए-सोए हंसता है, तो कभी तुम सोए-सोए रोते हो आखिर तुम्हें हो क्या गया है? समीर छटपटा के उठता है और बोलता मां मैं सपने देख रहा था मेरे पास बहुत पैसे है और जो मैने काले धंधे से कमाए है और मैं सारे शोख मौज कर रहा था, लेकिन मैने सपने ये भी देखा काले धंधे करने वाले को पुलिस पकड़कर ले गई और उसे जेल में डाल दिया और मेरे सारे सपने खत्म हुए और अपना सपना मनी ..मनी के सपने ही रह गए, समीर को मां ..समीर को बातो को सुनकर बोली, अच्छा है हमारे सपने मनी ..मनी के नहीं हैं, कम से कम हम सुकून की जिंदगी तो जी रहे हैं न।