बच्चों को दूर रखें मोबाइल से

जब से मोबाइल फोन का चलन बढ़ा है, इससे होने वाले हानि-लाभ के प्रश्नों पर मीडिया में यदा-कदा समाचार आते रहते है। विश्व में कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान हुए हैं जिनके चौंकाने वाले परिणाम पढ़ने को मिलते हैं। 
स्वीडन में किये गये अनुसंधानों में पाया गया है कि जी.एस.एम. मोबाइल फोन का माइक्रोवेव रेडिएशन मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को क्षतिग्रस्त करता है व उपयोगकर्ता को बुढ़ापे की ओर धकेलता है। 
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को इसके उपयोग से बचने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों की खोपड़ी पतली, सिर छोटा और तंत्रिका तंत्रा विकसित हो रहा होता है इसलिए उन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। 
केन्द्रीय दूरसंचार विभाग ने भी कुछ निर्देश जारी किये जो एक तरह से चेतावनी हैं। विभाग ने कहा है कि मोबाइल फोन से निकलने वाले घातक विकिरणों से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दिल के मरीजों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। विभाग ने सोलह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसके प्रयोग से बचने को विशेष रूप से कहा है। पेसमेकर व अन्य मैडीकल साधन का उपयोग करने वालों को मोबाइल का कम से कम उपयोग करना चाहिए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने कहा है कि अस्पताल के संवेदनशील स्थान जैसे आई.सी.यू. में मोबाइल फोन के प्रयोग को प्रतिबंधित कर देना चाहिए।  मोबाइल फोन को लेकर विश्व के देशों में कई जगह अनेक प्रकार के और भी अनुसंधान हो रहे हैं और अगर यह पुष्ट हो जाये कि इससे वास्तव में शरीर को बहुत हानि है तब भी प्रश्न यही सामने आता है कि इससे बचा कैसे जाए। सरकार निर्देश जारी कर देगी लेकिन पालन तो आम लोगों ने करना है लेकिन उपयोग करने वाले अंधे होकर उसका प्रयोग करते हैं।