दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम
अमृतसर में गणतंत्र दिवस पर संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेदकर की प्रतिमा का अपमान करने वाले लड़के को उसी ही समय लोगों द्वारा काबू करके पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इस घटना ने पंजाब के सभी समुदायों में रोष की लहर पैदा की है तथा दलित समुदाय में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। आकाश सिंह नामक यह व्यक्ति ज़िला मोगा के कस्बा धर्मकोट के गांव चूंगा बस्ती का रहने वाला है तथा दलित समुदाय से संबंधित है। उसकी मां आशा रानी ने यह बताया कि वह मज़दूरी करते हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। तीन वर्ष पहले 12वीं कक्षा पास करके वह दुबई चला गया था तथा उसके बाद उसने उनसे सम्पर्क तोड़ दिया था। तीन महीने पहले वह दुबई से वापस आया था। उसके बेटे ने पहले केश नहीं रखे थे। पिछले वर्ष कर्नाटक में भी बाबा साहेब की प्रतिमा तोड़ने की घटना घटित हुई थी। इसी तरह की घटना पिछले वर्ष 16 नवम्बर को उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में घटित हुई थी, जहां तक महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की प्रतिमाओं का संबंध है तो कहीं न कहीं इनके अपमान की घटनाओं के समाचार समय-समय पर आते रहे हैं। महात्मा गांधी तथा पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमाओं के साथ भी कई बार विभिन्न स्थानों पर ऐसा हुआ है।
चाहे इस व्यक्ति के प्रति पैदा हुए गुस्से के कारण उस समय लोगों द्वारा मारपीट भी की गई थी तथा पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था, परन्तु इस घटना से पहले उसके द्वारा हथौड़ा लेकर घूमते रहने का समाचार और तेल अपने पास रखना बड़े सन्देह के दायरे में आता है, जिन्हें लेकर वह प्रतिमा के साथ लगी सीढ़ी पर चढ़ गया था। इस घटना का विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी कड़ा संज्ञान लिया है तथा आरोपी को कड़ी से कड़ी सज़ा देने की मांग भी की है। मुख्यमंत्री की ओर से चाहे शहीद भगत सिंह के साथ डा. अम्बेदकर की तस्वीरें भी अपने कार्यालय में लगाई गई हैं परन्तु इस घटना के प्रति विपक्षी पार्टियों ने मूलभूत रूप में उन्हें ही निशाना बनाया है तथा यह भी कहा है कि पंजाब में अमन कानून के मामले पर लगातार घटित हो रहीं ऐसी घटनाओं के लिए उनकी बड़ी ज़िम्मेदारी बनती है। हम समझते हैं कि ऐसा कुछ उन तत्वों द्वारा भी करवाया गया हो सकता है, जो पंजाब में अमन एवं सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं। सभी नेताओं ने पंजाबियों को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अनुशासन में रहने और शांति बनाये रखने की अपील की है। प्रशासन की ओर से यह दावा किया गया है कि आरोपी को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी। इसलिए पुलिस को इस मामले की गहराई तक जाना चाहिए तथा यह भी कि ऐसा कुछ किस साजिश के तहत किया गया है? सच्चाई सामने आने पर ही इसका निपटारा हो सकेगा।
यह सन्तोषजनक बात कही जा सकती है कि पंजाबियों ने ऐसी हर तरह की भड़काऊ घटनाओं के बावजूद समय-समय पर आपस में सद्भावना बनाए रखी है। भविष्य में भी प्रशासन को सुचेत रूप में ऐसे ठोस प्रबन्ध करने होंगे कि अनेक स्थानों पर ऐतिहासिक व्यक्तियों की लगी प्रतिमाओं के साथ ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना न घटित हो। हम समूह समुदाय को इस संबंध में अनुशासन और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द