सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फिर मिली पैरोल
डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर पैरोल मिल गई है। रोहतक स्थित सुनारिया जेल से गुरमीत राम रहीम करीब साढ़े 7 साल बाद अपने सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में पहुंचा है। डेरा प्रमुख को 30 दिनों के लिए पैरोल मिली है और इस पैरोल के दौरान डेरा प्रमुख 10 दिन सिरसा डेरे में और 20 दिन उत्तर प्रदेश स्थित डेरा में रहेगा। गुरमीत राम रहीम को मंगलवार सुबह सुनारिया जेल से भारी सुरक्षा के बीच सिरसा डेरा ले जाया गया। डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने के बाद उसे सिरसा ले जाने के लिए गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत सुनारिया जेल आई थी। डेरा प्रमुख जिस लैंड क्रूजर टोयटा गाड़ी में सिरसा के लिए निकला उस गाड़ी में गुरमीत राम रहीम के अलावा हनीप्रीत, ड्राइवर राजा और दान सिंह भी थे। डेरा प्रमुख के काफिले में एक अन्य फॉर्च्यूनर गाड़ी भी थी जिस गाड़ी में वजीर, ड्राइवर, अभिजीत, नवीन, प्रीतम और हर्ष अरोड़ा थे। दोनों गाड़ियों के आगे-पीछे सुरक्षा के लिए पुलिस की गाड़ियां चल रही थीं। सुबह करीब साढ़े 6 बजे के बाद डेरा प्रमुख की गाड़ियां सुनारिया जेल से चली और करीब 9 बजे से पहले सिरसा डेरे में पहुंच गईं।
पैरोल की टाइमिंग पर सवाल
10 दिनों तक गुरमीत राम रहीम सिरसा डेरे में ही रहेगा। सिरसा डेरे पहुंचते ही डेरा प्रमुख ने अपने अनुयायियों के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें डेरा समर्थकों से कहा गया था कि वे अपने-अपने घरों में रहें और सिरसा डेरा न आएं। गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलते ही एक बार फिर विरोधियों ने कड़ा विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। उनका डेरा प्रमुख को पैरोल देने की टाइमिंग पर एतराज है। उनका कहना है कि डेरा प्रमुख पहले भी चुनाव के समय पैरोल पर आया था और अब दिल्ली चुनाव के अवसर पर उसे फिर पैरोल दी गई है। अगस्त 2017 में दुष्कर्म मामले में सज़ा होने व जेल जाने के बाद गुरमीत राम रहीम पहली बार सिरसा आया है और पिछले साढ़े 7 साल से वह सुनारिया जेल में ही सज़ा काट रहा था। जहां गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलने पर विरोधी सरकार की तीखी आलोचना कर रहे हैं वहीं प्रदेश सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जेल नियमों के अनुसार ही पैरोल दी जा रही है और जेल नियमों के अनुसार हर कैदी को पैरोल और फरलो पाने का भी हक है। साढ़े 7 साल बाद सिरसा डेरा में आने से गुरमीत राम रहीम को लेकर एक बार फिर कई तरह के विवाद उठने लगे हैं और सरकार पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखे हुए है।
नायब सरकार के 100 दिन
हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के 100 दिन पूरे कर लिए हैं। मुख्यमंत्री ने सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बकायदा एक पत्रकार सम्मेलन बुलाकर न सिर्फ अपनी सरकार के इन 100 दिनों के कामकाज की जानकारी दी बल्कि विरोधियों को भी निशाने पर लिया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने इन 100 दिनों में अपने कई चुनावी वादे पूरे किए हैं और किसानों, महिलाओं, व्यापारियों सहित विभिन्न वर्गों के लिए अनेक कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान सरकार ने अपने आने वाले दिनों के लिए भी विकास का एक रोडमैप तैयार किया है और इस रोडमैप के अनुसार भविष्य में काफी तेज़ी से विकास कार्य करवाए जाएंगे और समाज के हर वर्ग को राहत प्रदान की जाएगी। उनका यह भी कहना है कि जल्दी ही प्रदेश में सीईटी की परीक्षा करवाकर करीब 2 लाख सरकारी नौकरियां देने का काम किया जाएगा और गरीबों को 100-100 गज प्लॉट भी प्रदान किए जाएंगे।
यमुना के पानी पर राजनीति
यमुना के पानी को लेकर दिल्ली व हरियाणा सरकार के बीच आजकल ठनी हुई है और दोनों तरफ से आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर आरोप लगाया कि दिल्ली की जनता को हरियाणा द्वारा दूषित व जहरीला पानी भेजा जा रहा है और इस मामले को लेकर दिल्ली के ज्यादातर मंत्रियों व विधायकों ने भी हरियाणा पर गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लेकर हरियाणा के अनेक मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने न सिर्फ दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला बल्कि यहां तक कहा कि दिल्ली सरकार लोगों का ध्यान अपनी विफलताओं से हटाने के लिए हरियाणा पर ज़हरीला पानी छोड़ने जैसे आरोप लगा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के चुनाव में अपनी संभावित हार को देखकर लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के गैर ज़िम्मेदाराना आरोप लगा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि दिल्ली में पानी वितरण की सही व्यवस्था नहीं है और दिल्ली के 28 नाले यमुना नदी में डालने से दिल्ली का पानी दूषित हो रहा है। हरियाणा सरकार का यह भी कहना है कि हरियाणा के सोनीपत ज़िले के आखिरी बिंदु पर दिल्ली सरकार के अधिकारी आकर पानी की जांच कर लें ताकि उन्हें पता चल सके कि हरियाणा से एकदम ठीक पानी आ रहा है और दिल्ली के प्रदूषण के कारण लोगों को दूषित पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। दोनों तरफ से आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला तेज़ी से जारी है और आजकल यमुना के पानी का मुद्दा निरंतर सुर्खियां भी बना हुआ है।
दिल्ली चुनाव में सक्रिय हरियाणा के नेता
हरियाणा के प्रमुख राजनेता आजकल दिल्ली विधानसभा चुनाव में काफी सक्रिय नज़र आ रहे हैं। दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा बसा हुआ है और दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर व्यापारियों, कर्मचारियों, अधिकारियों व सुरक्षा कर्मचारियों का संबंध भी हरियाणा से ही हैं। दिल्ली में बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो रहते दिल्ली में है और उनके वोट भी दिल्ली में हैं लेकिन उनकी नौकरी या व्यापार हरियाणा के गुरुग्राम, बहादुरगढ़, फरीदाबाद या सोनीपत जिले के सीमावर्ती कस्बों या शहरों में हैं। इसी के चलते हरियाणा के ज्यादातर एनसीआर वाले नेताओं की ड्यूटी भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में लगाई हुई है।
दिल्ली चुनाव में भाजपा ने इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और हरियाणा के ज्यादातर प्रमुख भाजपा नेता दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। दूसरी तरफ हरियाणा आम आदमी पार्टी के नेता भी दिल्ली में अपनी पार्टी की सरकार को बनाए रखने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं ताकि दिल्ली में उनकी सरकार बनी रह सके और इसी के बलबुते पार्टी आने वाले समय में हरियाणा में अपना विस्तार कर सके। वैसे भी अरविंद केजरीवाल हरियाणा से संबंधित हैं और उनकी पार्टी व उनके भविष्य पर हरियाणा वासियों की खास नज़र बनी हुई है। इस बार कांग्रेस भी दिल्ली में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए पूरी जी-तोड़ कोशिश कर रही है। हरियाणा के अनेक कांग्रेसी नेताओं की दिल्ली चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है और दिल्ली में कांग्रेस को पहले से बेहतर बनाने के लिए हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं द्वारा भी काफी प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली चुनाव का नतीजा क्या रहेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन दिल्ली चुनाव के नतीजों पर पूरे देश के साथ-साथ हरियाणा के लोगों की खास नजर लगी हुई है।
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