क्या कोई व्यक्ति पृथ्वी को उठा सकता है ?
बच्चो! यूनान की पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि हर्कुलस नहीं बल्कि एटलस ने पृथ्वी को अपने कंधों पर उठाया हुआ है। इन कथाओं के अनुसार हर्कुलस को जो 12 काम सौंपे गये थे, उनमें एक यह भी था कि वह हेस्पेरिडेस के बागीचे से सोने का सेब लेकर आयें, जिसकी चौकीदारी एटलस कर रहे थे। अस्थायी तौर पर हर्कुलस ने पृथ्वी को उठाने की ज़िम्मेदारी ली थी ताकि एटलस उनके लिए सोने का सेब ले आयें। इस पौराणिक कथा के चलते यूनान में यह प्रश्न आम था कि क्या कोई व्यक्ति पृथ्वी को उठा सकता है?
इस पर लीवर (उत्तोलक) के नियमों की खोज करने वाले महान यूनानी आर्कमिडीज ने कहा था, ‘मुझे खड़े होने की जगह दे दो तो मैं पृथ्वी को उठा लूंगा।’ उन्होंने एक बार राजा हीएरो, जिनसे उनकी दोस्ती थी, को पत्र में लिखा था कि लीवर के ज़रिये किसी भी भार को उठाया जा सकता है। अगर कोई दूसरी पृथ्वी होती तो वह उस पर जाकर इस पृथ्वी को भी उठा सकते हैं। आर्कमिडीज जानते थे कि लीवर का प्रयोग करते हुए भारी से भारी वजन को भी सबसे कमजोर बलों को अप्लाई करके उठाया जा सकता है। इस बल को सिर्फ लीवर के लम्बे आर्म पर अप्लाई करना है ताकि छोटा आर्म भार पर काम करने लगे। इसलिए उन्होंने सोचा कि अति लम्बे लीवर से वह पृथ्वी या उसके बराबर के वजन को उठा सकते हैं। अब मेरा सवाल यह है कि क्या आर्कमिडीज या कोई भी अन्य व्यक्ति पृथ्वी को उठा सकता है?
इस प्रश्न का उत्तर है- नहीं। दरअसल, अगर पृथ्वी का असल भार मालूम हो तो कोई भी ऐसा दावा नहीं करेगा, भले ही उनके पास एक ‘अन्य पृथ्वी’ हो, आवश्यक पॉइंट ऑ़फ सपोर्ट भी और वह ज़रूरी लम्बाई का लीवर भी बना लें। अब कल्पना कीजिये कि उन्हें पृथ्वी या उसके बराबर के भार को मात्र एक सेंटीमीटर ऊपर उठाने में कितना समय लगेगा? तीस मिलियन मिलियन वर्ष! इससे एक दिन भी कम नहीं! खगोलशास्त्री जानते हैं कि पृथ्वी का मॉस या भार राउंड फिगर में- 6,000,000,000,000,000,000,000 टन है।
फज़र् कीजिये कि एक व्यक्ति सीधे तौर पर केवल 60 किलो वजन उठा सकता है, इसलिए ‘पृथ्वी को उठाने’ के लिए उसे ऐसा लीवर चाहिए होगा जिसमें छोटे आर्म से बड़ा आर्म निम्न गुणा लम्बा हो- 100,000,000,000,000,000,000,000
अब आप सहज ही अंदाज़ा लगा लेंगे कि छोटे आर्म का सिरा एक सेंटीमीटर लिफ्ट करने के लिए दूसरा सिरा स्पेस में 1,000,000,000,000,000,000 किमी की आर्क बनाये।
यह बहुत विशाल दूरी है जिसमें आर्कमिडीज या किसी अन्य दावेदार को लीवर पुश करना होगा पृथ्वी को मात्र एक सेंटीमीटर उठाने के लिए। इसमें कितना समय लगेगा? अगर आर्कमिडीज 60 किलो को एक सेकेंड में एक मीटर उठा लेते हैं तो पृथ्वी को एक सेंटीमीटर उठाने में उन्हें 1,000,000,000,000,000,000,000 या तीस मिलियन वर्ष लगेंगे। अगर आर्कमिडीज लाइट की स्पीड 300,000 किमी/सेकंड से भी अपना लीवर पुश करते तो भी पृथ्वी को एक सेंटीमीटर उठाने में उन्हें दस मिलियन वर्ष लगते। इसलिए आर्कमिडीज कम से कम अपनी जिंदगी में तो पृथ्वी को बाल बराबर भी नहीं उठा सकते थे।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर