भूत का रहस्य

राहुल उनकी बात ध्यान से सुन रहा था। उसके पापा अपने मित्र से कह रहे थे, ‘बड़ी अजीब डरावनी आवाज़ आ रही थी। जैसे कोई बच्ची को मार रहा हो। जिसकी मार से वह रो रही है।’
‘तुम्हें अंदर जाकर देखना था।’ पापा का मित्र राजन कह रहे थे।
‘मैंने वहीं किया। माल गोदाम के अंदर गया। वहां कोई नहीं था। मगर तब भी बच्ची के रोने का आवाज़ सुनाई दे रही थी। इससे मुझे अजीब से डर लग रहा था।’
‘रात के 2 बजे ऐसा हादसा हो तो हर कोई डर सकता है,’ राजन ने कहा।
राहुल को उनकी बात अजीब लग रही थी। पानी के विशालकाय जहाज में ऐसा हो सकता है। यह वह सोच नहीं पा रहा था। कहीं यह किसी शैतान की कोई चाल तो नहीं है। कहीं जहाज पर कोई भूत हो।
तभी पापा की निगाहें उस पर गईं। उन्होंने उस रहस्यमयी आवाज की बातें बंद कर दीं। फिर वे राहुल से बोले, ‘बेटा! तुम अपने कैबिन में जाओ। मैं 2 मिनट में आता हूं।’
राहुल ने भी वहां रूकना ठीक नहीं समझा। वह जहाज के मध्य बने हुए लंबे गलियारे से होता हुआ अपने कैबिन की तरफ चल दिया। अभी वह कुछ दूर ही गया था कि सामने से आता हुआ विकास दिखाई दिया।
‘क्यों राहुल, क्या बात है। बड़े सुस्त नज़र आ रहे हो?’ विकास ने पास आते ही पूछा तो राहुल ने उसे सब बातें विस्तार से बता दीं। कहा, ‘मेरे पापा माल गोदाम के इंजार्च है। उनके साथ ऐसा हादसा होना शोभा नहीं देता है। हो सकता हो कि कोई चोर यह शैतानी कर के माल गोदाम से माल साफ करना चाहता हो।’
‘हो सकता है कि कोई रहस्यमय भूत हो।’ विकास ने कहा, ‘मगर हम इस रहस्य से परदा अवश्य उठाएगे।’ कहते हुए विकास ने अपनी योजना राहुल को समझा दीं।
योजना के मुताबिक दोनों तैयार थे। दोनों रात को 2 बजे उठकर बैठ गए। फिर माल गोदाम के पास पहुंचे। जहां उसके पिता कैबिन में बैठे हुए थे। तभी ठीक 2 बजकर 10 मिनट पर मालगोदाम से किसी बच्ची की रोने की अजीब से आवाज़ सुनाई देने लगी। जिसे सुनकर राहुल के पापा पुन: चौंक उठे।
वे उठकर माल गोदाम के पास आए। दरवाजा खोलकर अंदर गए। मौके का फायदा उठाकर राहुल और विकास भी मालगोदाम के अंदर पहुंच गए।
मगर, आज अजीब हादसा हुआ। पहले एक बच्ची के रोने की आवाज़ आ रही थी। राहुल और विकास ने देखा कि अब कई बच्चियों की रोने की आवाजें आने लगी थी। साथ ही जहाज हिचकोले खाने लगा। एक बारगी दोनों डर गए। उसके पापा भी घबरा कर पलटे। तभी वे राहुल से टकरा गए।
‘अरे तुम!’ उसके पापा चौंकते हुए बोले तो विकास ने बात संहाली, ‘अंकल राहुल ने आपकी बात सुन लीं थी। वह आप की मदद करना चाहता था इसलिए हम यहां आ गए।’    
यह सुनकर राहुल के पापा को गुस्सा आया। मगर फिर न जाने क्या सोच कर बोले, ‘ठीक है। तुम मेरे पीछे-पीछे रहना। मैं देखता हूं, यह कौन है।’ कहते हुए राहुल के पापा माल गोदाम में छानबीन करने लगे। मगर उन्हें रोने वाली बच्ची कहीं नहीं मिलीं।
इसी दौरान राहुल और विकास ने अपना दिमाग लगाना शुरू कर दिया था। वे आवाज की दिशा में बढ़ते हुए एक खोखे के पास आकर रूक गए, ‘राहुल हो न हो, यह आवाज इस खोखे में से आ रही है।’
‘नहीं, यह आवाज़ इस खोखे में से आ रही है,’ राहुल ने दूसरे खोखे की ओर इशारा करके कहा।
‘चलो, इनको खोलकर देखते है,’ कहने के साथ विकास और राहुल ने खोखे को खोल दिया।
उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उन खोखे के अंदर इलेक्ट्रानिक गुड़िया पैक थी। जो हिलाने पर जोरदार करूण क्रंदन करती थी।
यह देखकर राहुल चिल्लाया, ‘पापाजी, यह रहा रहस्यमय भूत, जो रोज रात को रोता था।’
‘कहां?’ कहने के साथ राहुल के पापा विकास और राहुल के पास आकर बोले, ‘मगर ये गुड़िया रात में ही क्यों रोती थी।’
‘इसका कारण यह है अंकल,’ विकास ने बताया, ‘रात के समय जहाज हिलौरे यानी तूफानी लहर के कारण ज्यादा हिचकोले खाता है। जिसके कारण ये गुड़िया हिलने डूलने लगती थी। जिसके कारण इन में यह करूण क्रंदन की आवाज निकलती थी।’ यह सुनकर सभी हंस पड़े। उन्हें रहस्यमय भूत के रहस्य का पता चल गया था। (सुमन सागर)

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