नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप IGMC शिमला के डॉक्टर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज


शिमला , 25 सितंबर - हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के गंभीर मामले में डॉक्टर विनय जिष्टु की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। उन पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म  और बलात्कार का आरोप है। यह मामला शिमला के महिला थाने में 4 सितंबर 2025 को दर्ज FIR नंबर 22/2025 से जुड़ा है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64(2)(m) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने शिकायत में बताया कि वह अपने बीमार पिता के इलाज के लिए पिछले 9-10 महीनों से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (IGMC) में आ रही थी। इस दौरान उसकी मुलाकात आरोपी डॉक्टर विनय जिष्टु से हुई। शिकायत के मुताबिक, 29 अक्टूबर 2024 को OPD में मुलाकात के बाद डॉक्टर ने पीड़िता के साथ नजदीकियां बढ़ाईं और 11 दिसंबर 2024 से 26 अगस्त 2025 तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता उस समय 17 साल की थी और 4 मई 2007 को जन्मी होने के कारण नाबालिग थी

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