खुली कृषि जेल में 34 कैदियों ने की भूख हड़ताल 

नाभा, 2 अक्तूबर  (अ.स.): नाभा की कड़ी सुरक्षा और नई ज़िला जेल जहां लगातार विवादों में रहती हैं वहीं तीसरी खुली खेतीबाड़ी जेल भी विवादों में आई है। जिसमें उम्र कैद की सज़ा काट रहे 44 के करीब कैदियों में 34 कैदियों के भूख हड़ताल करने का मामला सामने आया। बातचीत दौरान कैदी जगरूप सिंह भोला मानसा, अवतार सिंह पटियाला, हरप्रीत सिंह अमृतसर, बलवीर सिंह राजपुरा, रणजोत सिंह, राज कुमार, मंगल सिंह, गुरदेव सिंह, प्रकाश सिंह, कुलदीप सिंह, रविंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल सुपरिटैडेंट द्वारा धक्केशाही की जा रही है। समय से कैदियों की रिहाई केस और पुलिस जांच जहां नहीं भेजी जाती वहीं श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मुख्य रखते हुए पंजाब सरकार द्वारा कैदियों को 84 दिन से पैरोल छुट्टी बढ़ा कर 112 दिन के लिए की गई थी, परन्तु सुपरिटैडेंट किसी भी कैदी को सरकार की हिदायत अनुसार छुट्टी मांगने उपरांत 112 दिन की इकट्ठी पैरोल छुट्टी नहीं दे रहा। जबकि पंजाब की समूह जेलों में बहुत कैदी इकट्ठी 112 दिन की पैरोल छुट्टी पर गए हैं। 34 कैदियों ने एक चिट्ठी ए.डी.जी.पी. जेलों पंजाब को लिखते हुए कई अन्य खुलासे किए और कहा कि जेल में कैदी मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। कैदियों मुताबिक रसोई को ताला लगाया हुआ है जिसकी चाबी सुपरिटैडेंट जेल के पास है। इस संबंधी सुपरिटैडेंट जेल सूच्चा सिंह का कहना था कि कैदी भूख हड़ताल पर नहीं उल्टा रोटी खा कर बैठे हैं। सभी के पास अपने चूल्हे और राशन हैं। सभी कैदियों की छुट्टी बना कर भेजी हुई है। दो या तीन कैदी शरारत करके यह कुछ करते हैं। सूच्चा सिंह ने कहा कि जांच-पड़ताल करने पर सामने आया है कि उम्र कैद में पैरोल का समय गिना जा रहा जो कि गलत है। इस संबंधी उच्च अधिकारियों और सरकार सहित होम सैक्टरी तक यह बात बताई जा चुकी है।  वर्णननीय है कि जो चिट्ठी कैदियों द्वारा ए.डी.जी.पी. पंजाब जेलों को लिखी गई है उस पर 33 कैदियों के हस्ताक्षर और अंगूठे मौजूद हैं।