करतारपुर गलियारा प्रोजैक्ट अंतिम चरण पर

अमृतसर, 21 अक्तूबर (सुरिन्द्र कोछड़): पाकिस्तान की ओर से करतारपुर गलियारा प्रोजैक्ट का कार्य अपनी अंतिम चरणों में है। विश्व का सबसे विशाल गुरुद्वारा बन चुके गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के सौन्दर्यीकरण से लेकर गलियारे के निर्माण की प्रत्येक कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। 12 नवम्बर को आने वाले श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से तीन दिन पहले गलियारे को औपचारिक रूप से खोला जाएगा। गुरुद्वारा साहिब में अत्याधुनिक नमूने और डिजाईन वाले सरोवर, दरिया रावी पर 800 मीटर लम्बे पुल, जीरों प्वाइंट से गुरुद्वारा साहिब और आसपास की 6.08 किलोमीटर लम्बी सड़क, गुरुद्वारा साहिब के 10 एकड़ के घेरे वाले प्रांगण में संगमरमर लगाने का कार्य, बार्डर टर्मिनल, सराय, दो मंजिला दर्शनी डयोढ़ी, लंगर भवन, मुसाफिरखाना, अजायब-घर, लाइब्रेरी, प्रशासनिक ब्लाक, बाथरूम, सीवरेज, पानी सप्लाई एवं निकासी, गैस लाईन और बिजली की तारों की फिटिंग आदि का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है और निर्माण का शेष कार्य भी अपने अंतिम चरणों में है। ‘डिवैल्पमैंट ऑफ करतारपुर कारीडोर’ प्रोजैक्ट के अन्तर्गत 28 दिसम्बर को शुरू किए गए गलियारे के निर्माण के चलते बार्डर टर्मिनल एवं इमीग्रेशन काऊंटरों पर टाईल तथा संगमरमर का कार्य पूर्ण करते सी.सी.टी.वी. कैमरों की फिटिंग एवं लाईट एवं साऊंड सिस्टम का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के साथ गुरु नानक देव जी के खेतों में विश्व का सबसे बड़ा खंडा एवं गुरुद्वारा साहिब में 150 से 200 फुट तक ऊंचा निशान साहिब भी स्थापित कर लिया गया है। सबसे विशेष बात डेरा बाबा नानक सीमा से दूरबीन द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन दीदार का विशेष प्रबन्ध करते भारतीय सीमा की ओर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया गया है।