मनोवैज्ञानिक करेंगे पुलिस कर्मचारियों के मन का अध्ययन

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर (मनजोत सिंह जोत) : पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सैंटर फार पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा आगामी दिनों में पुलिस कर्मियों के मन का अध्ययन किया जाएगा। यह अध्ययन करवाने का मकसद पुलिस कर्मचारियों में सहनशीलता की कमी आना, उदासी रोग (डिपरैशन), तनाव व गुस्सा आने के कारणों का पता लगाना है। यह अध्ययन पहले चंडीगढ़ पुलिस के लगभग 90 पुलिस कर्मचारियों पर किया जाएगा जिसमें एएसआई, हैड कांस्टेबल व कांस्टेबल रैंक के कर्मचारी शामिल होंगे यदि अध्ययन सफल रहा तो लगभग 200 और पुलिस कर्मियों पर भी किया जाएगा। यह अध्ययन के लिए विभाग द्वारा पीजीआई के मनोरोग विभाग के मनोवैज्ञानिकों के अलावा अन्य माहिरों की सेवाएं ली जाएंगी। यह अध्ययन करने पर जिन पुलिस कर्मचारियाें के उदासी रोग (डिप्रेशन) का शिकार होने बारे पता चलेगा या जिन कर्मचारियों में उदासी रोग की तीसरी स्टेज पाई जाएगी। उन कर्मचारियों को इलाज के साथ-साथ आसान जगह पर तैनात करने के लिए सिफारिश भी की जाएगी ताकि वह उदासी रोग से जल्द बाहर निकल सकें। यह अध्ययन नवम्बर में शुरू किए जाने की सम्भावना है। हालांकि पुलिस कर्मचारियों को उनकी ट्रेनिंग समय सहनशीलता रखने और मुश्किल हालातों से निपटने के लिए विशेष तौर पर बल दिया जाता है ताकि वह मुश्किल से मुश्किल हालातों का सामना आसानी से किया जा सके। इसी तरह की विशेष ट्रेनिंग मिलने के कारण पुलिस कर्मियों में आम लोगों से सहनशीलता ज्यादा होती है परंतु दिन-रात की कड़ी ड्यूटी करने और लगातार कई घंटे काम करने के कारण पुलिस कर्मियों में सहनशीलता की कमी, ज्यादा गुस्सा आना व उदासी रोग के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसके चलते पंजाब यूनिवर्सिटी के सैंटर फार पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा चंडीगढ़ पुलिस कर्मचारियों पर अध्ययन करने का फैसला लिया गया है। इस अध्ययन में पीजीआई के डाक्टरों द्वारा भी योगदान दिया जाएगा। इस संबंधी गत दिनों एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में पंजाब यूनिवर्सिटी के सैंटर फार पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के चेयरपर्सन डा. कुलदीप सिंह व चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के एस.एस.पी. सुशांक आनंद को शामिल किया गया था।