पिराई सीज़न सिर पर, किसानों के करोड़ों रुपए बकाया

दोरांगला, 15 नवम्बर (लखविंदर सिंह चकराजा) : पंजाब में 9 सहकारी और 7 निजी चीनी मिलों जिनके द्वारा अगले कुछ दिनों तक पिराई सीज़न शुरू किया जा रहा है, परंतु इन मिलों द्वारा किसानों का पिछले सीज़न का करोड़ों रुपए के गन्न की अदायगी का बकाया अभी भी बाकी है, जिसको लेकर किसान कई बार धरने-प्रदर्शन और आवाजाही रोकने जैसे फैसले ले चुके हैं। परंतु पंजाब सरकार द्वारा न तो सहकारी मिलों में फंसी बकाया राशि जारी की गई और न ही निजी चीनी मिलों पर अदायगी करवाने के लिए कोई ठोस दबाव बनाया गया। यदि इन बकाया राशि की बात करें तो अकेला सहकारी चीनी मिलों द्वारा किसानों का लगभग 185 करोड़ रुपए बकाया अभी भी बाकी है। इसी तरह लगभग 225 करोड़ रुपए निजी चीनी मिलें भी किसानों के दबाए बैठी हैं। यहां तक कि कुछ सहकारी चीनी मिलों द्वारा 17-18 गन्ने के सीज़न का करोड़ों रुपए बकाया भी आज तक किसानों को जारी नहीं किया गया। जानकारी के अनुसार 25 रुपए प्रति क्ंिवटल जो सरकार द्वारा दिए जाने हैं, एक निजी चीनी मिल द्वारा करोड़ों का बकाया अभी भी बाकी है। यही कारण है कि गेहूं, धान के बदले किसानों द्वारा शुरू की गई गन्ने की खेती भी समय पर अदायगी न होने के कारण और मिलों द्वारा की जाती परेशानी के कारण इस वर्ष 30 प्रतिशत कम हो गई है। मिलों द्वारा अदायगी न करने के कारण गन्ना किसानों की आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी है कि किसान अन्य फसल बीजने और संभाल के लिए असमर्थ होते जा रहे हैं। गुरदासपुर सीमा क्षेत्र जहां अधिकतर गन्ने की खेती पर ही किसान निर्भर है। इन किसानों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि मिलों से पैसे न मिलने के कारण वह आर्थिक मंदी से इतने टूट चुके हैं कि घर में पड़े गहने गिरवी रखकर वह अपने घर का गुजारा चलाना पड़ रहा है और वह दिनों-दिन कर्ज के नीचे दबे जा रहे हैं। इस संबंधी लोक भलाई इंसाफ वैल्फेयर सोसायटी पंजाब के ज़िला गुरदासपुर के प्रधान हरदेव सिंह चिट्टी के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब भी अदायगी लेने के लिए किसान संगठन या किसानों द्वारा कोई धरना प्रदर्शन किया जाता है तो उस समय प्रशासन और मिल मैनेजमैंट द्वारा तुरंत अदायगी करने का वादा कर धरना समाप्त करवा दिया जाता है परंतु बाद में किसानों की सार नहीं ली जाती। उन्होंने कहा कि यदि आज तक पिछली अदायगी नहीं हो सकी तो अगले सीज़न की अदायगी की मिलों से क्या आस रखी जा सकती है। उन्होंने कड़े शब्दों में सरकार और मिल मैनेजमैंट को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की पिछलों बकाया राशि अदा न की गई तो वह मिलें चलने का विरोध करेंगे। जिसकी ज़िम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी। राज्य के किसानों ने भी सरकार से मांग करते हुए कहा कि नई पिराई सीज़न शुरू होने से पहले मिलों से बकाया अदायगी जारी करवाई जाए।