सफेद खरगोश

पड़ोस वाली आंटी बीमार है। मां उन्हें देखने उनके घर जा रही थी। पांच साल का टिल्लू और साल भर का बिल्लू...। मां के जाने के बाद आज उन्हें कुछ देर के लिए घर में अकेले ही रहना है। ‘देखो टिल्लू! छोटे का ध्यान रखना। हालांकि तुम खुद अभी छोटे ही हो लेकिन बिल्लू के बड़े भाई हो। न तो खुद कोई ऐसी कोई शरारत करना और न ही बिल्लू को करने देना जिससे किसी को चोट लगे। समझ गये ना। और हां! बोतल में दूध रखा है, भाई को भूख लगे तो पिला देना। मां ने एक-एक शब्द धीरे-धीरे टिल्लू को समझाते हुए कहा।टिल्लू को कुछ समझ में आया  कुछ नहीं लेकिन वह इतना ज़रूर समझ गया था कि आज उसे बिल्लू का बड़ा भाई होने की जिम्मेदारी निभानी है। बिल्लू अभी चलना नहीं जानता। लेकिन घुटनों के बल पूरे घर की सैर कर लेता है।  कुछ देर तक तो बिल्लू  भाई के साथ खिलौनों से खेलता रहा लेकिन जल्दी ही उनसे ऊब गया। अब उसने इधर घूमना शुरू कर दिया। कभी रसोई में जाए तो कभी चारपाई पर चढ़ने की कोशिश करे। टिल्लू को डर था कि छोटा कहीं खुद को चोट न पहुंचा ले। वह साये की तरह उसके साथ लगा रहा। टिल्लू उसके पीछे-पीछे भागता परेशान हो गया लेकिन बिल्लू ने तो मानो आज पानी की जगह पेट्रोल पी लिया था।  उसकी गाड़ी चले ही जा रही थी। टिल्लू अब थक गया। वह चारपाई पर लेट गया। नजर अब भी बराबर बिल्लू पर बनी हुई थी। बिल्लू ने रास्ता साफ  देख कर रसोई की तरफ  मुंह घुमा लिया। शायद इसे भूख लगी है, उसे रसोई की तरफ  जाते देखकर टिल्लू ने सोचा और उसकी दूध की बोतल ले आया लेकिन शैतान बिल्लू को कहां दूध भाये, उसे तो रसोई में जाकर बर्तन पटकने में मजा आ रहा था। कभी कटोरी तो कभी गिलास। एक-एक कर सब नीचे फर्श पर आने लगे। टिल्लू उसे रोकने के लिए रसोई की तरफ  लपका। बिल्लू ने टिल्लू को अपनी तरफ आते देखा और खिलखिलाता हुआ लट्टू की तरह तेजी से इधर-उधर घूमने लगा। छुपने की कोशिश करता बिल्लू आटे वाली टंकी के पीछे चला गया। टिल्लू उसकी शैतानी समझ गया था। वह दबे पांव उसके पीछे पहुंच गया।  ‘हाऊ!’ करके टिल्लू ने उसे डराने का नाटक किया। अचानक पीछे से आई इस आवाज से बिल्लू सचमुच डर गया। वह हड़बड़ी में पलटा और आटे की टंकी को अपने साथ लेकर गिर पड़ा। पूरे फर्श पर आटा ही आटा बिखर गया। आटे में सना बिल्लू बिल्कुल सफेद खरगोश सा लग रहा था। उसे देखकर टिल्लू की हंसी छूट गई। फिर वह भी बिल्लू के साथ आटे से खेलने लगा। अब वहां एक नहीं बल्कि दो सफेद खरगोश दिखाई दे रहे थे। तभी मां लौट आई। ‘हे भगवान! सारा आटा बर्बाद कर दिया दोनों ने’ माँ ने सिर पकड़ लिया। अब तो पक्का चपत लगने वाली है। टिल्लू घबरा गया। लेकिन कोई बात नहीं! तुम दोनों तो सुरक्षित हो। टिल्लू! तुमने आज बड़े भाई का रोल बहुत ज़िम्मेदारी से निभाया। ‘शाबाश’ मां ने टिल्लू की पीठ थपथपाई और बिल्लू को गोद में उठा लिया। टिल्लू अब खुश था। वह ज़िम्मेदार जो हो गया था। मां दोनों बच्चों को नहलाने के लिए बाथरूम की तरफ  चल दी।

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