भारत को बेचे जा रहे सस्ते नमक मामले की होगी जांच : चौधरी फवाद

अमृतसर, 5 दिसम्बर (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान के विज्ञान व टैक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा है कि भारत को पिछले कई वर्षाें से सस्ते भाव में बेचे जा रहे पाकिस्तानी नमक के मामले की जांच के आदेश दिए गए है व इस की रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को भेजे जाने वाले नमक पर रोक लगाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की नैशनल असैंबली की सदस्य असमा कदीर ने वाणिज्य मंत्रालय से पूछा था कि यह सच है कि पाकिस्तान के पास गुलाबी नमक नाम से प्रसिद्ध लाहौर नमक (सेंधा या चट्टानी नमक) का दुनिया में सबसे ज्यादा भंडार है व इस को बिल्कुल मामूली कीमत पर निर्यात किया जा रहा है। इस के जवाब में वाणिज्य मंत्रालय ने माना कि पाकिस्तान का गुलाबी नमक दुनिया भर में कच्चे रूप में या विदेशी मॉर्का के तहत बहुत कम कीमत पर बेचा जाता है। मंत्रालय के अनुसार इस का एक कारण यह है कि पाकिस्तान कारोबारियों ने अभी तक अपना ब्रांड विकसित नहीं किया है। उधर पाकिस्तान के ज़िला जेहलम के गांव दादन खान की खेवड़ा खान के प्रोफैक्ट डायेरक्टर तनवीर अशरफ ने कहा है कि भारत को नमक का आयात रोकना मुश्किल बात नहीं है। बल्कि सरकार को चाहिए कि देश में फैक्टरियां स्थापित करे, लोगों को सिखलाई दी जाए ताकि जो यहां कच्चा नमक तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत को नमक 4 रुपए 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से बेचता है व भारत नमक को यूरोप व दुनिया के अन्य हिससों में 3-4 गुणा महंगा करके बेच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत नमक की प्रौसिंग पर पैसा भी खर्च करता है, उस के पास फैक्टरियां व कारीगर भी है, जबकि पाकिस्तान में न तो उद्योग है व न ही कुशल कर्मचारी। वर्णनीय है कि समुद्र के खारे पानी से तैयार होने वाले साधारण नमक गुजरात, मद्रास (चेन्नई) आदि के समुद्रों से बड़ी मात्रा में देश भर में उपलब्ध करवाया जा रहा है जबकि लाहौरी नमक को पाकिस्तान से मंगवाने के अलावा भारत के पास कोई अन्य साधन नहीं है।