पानी बर्बाद न करें

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर है। फिर भी आज़ाद भारत के 73 वर्ष बाद भी देश की ज्यादातर आबादी को पानी, शुद्ध पानी नहीं मिला है। देश के किसान परेशान होकर आत्महत्याएं कर रहे हैं। हमारे देश की योजनाएं खोखली होती जा रही हैं। छोटे-बड़े शहरों के लोगों, गांवों में रहने वाले सामर्थ लोगों आदि को पानी आसानी से मिलता रहता है, तो ऐसे लोग पानी बचाने के बारे में नहीं सोचते हैं। आज जो लोग व्यर्थ पानी को बर्बाद करते हैं, उन्हें पानी बचाना चाहिए ताकि भविष्य में आने वाले वर्षों में इन्सानों, पक्षियों, जानवरों आदि को पानी की कमी न झेलनी पड़े। हम भारतीयों का फज़र् बनता है कि गरीबों, किसानों, जनता आदि के लिए आज से पानी बचाना शुरू कर दें। 

-डा. एम.एल. सिन्हा