महामारी का प्रकोप सावधानी बनाये रखने की ज़रूरत

देश में कोरोना महामारी का प्रभाव कुछ कम होते दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही इसके प्रति ज्यादातर लोगों में उदासीनता चिन्ताजनक है। जितने नये केस पहले प्रतिदिन आते थे, उससे एक लाख से अधिक मामले अब प्रतिदिन कम  होने शुरू हो गये हैं। इसके साथ ही तालाबन्दी की पाबंदियां खत्म होने से उद्योग तथा व्यापार के साथ-साथ अन्य प्रत्येक तरह की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। बाज़ारों में भीड़ लग रही है। इस सब कुछ के कारण लोग लापरवाही की अवस्था में भी आ रहे हैं। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 माह पूर्व देश में शुरू हुई इस महामारी के दौरान लगभग सात बार लोगों को सम्बोधित किया है। नये पैदा हुये हालात के संबंध में उन्होंने अपनी चिन्ता व्यक्त की है और कहा है कि गतिविधियों के साथ-साथ महामारी के संबंध में सावधानियों का अपनाया जाना बेहद आवश्यक है।  इसलिए भी क्योंकि लोग गलियों-बाज़ारों में निकल आए हैं। त्यौहारों का मौसम है। ऐसे समय में सचेत होकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। चाहे प्रत्येक तरह के जनसमूहों पर अभी भी पाबंदियां जारी हैं परन्तु अब इनका सख्ती से पालन नहीं किया रहा है। प्रधानमंत्री ने कोरोना के विरुद्ध भारत में लड़ी जा रही लड़ाई की प्रशंसा की और यह भी कहा है कि ठीक होने वालों की संख्या दूसरे विकसित देशों से कहीं अधिक है। इस संबंध में उन्होंने आंकड़े भी दिए हैं। देश में 10 लाख जनसंख्या के पीछे बीमारों की संख्या 5500 है जबकि अमरीका और ब्राज़ील जैसे देशों में यह संख्या 25,000 है। इसी तरह भारत में मृत्यु दर 10 लाख के पीछे 83 है जबकि इन देशों में 600 से भी ऊपर है। इसके साथ ही उन्होंने बीमारों की देखभाल हेतु जो अलग-अलग राज्यों में यत्न किये गये हैं, उन पर संतोष प्रकट किया है और कहा, कि अब देश भर में 90 लाख बिस्तर (बैड) हो गए हैं और एकांतवास शिविरों की संख्या 12,000 से अधिक हो गई है परन्तु इसके साथ ही ये समाचार भी मिल रहे हैं कि अमरीका तथा ब्रिटेन आदि देशों में यह बीमारी पुन: हमला कर रही है जिस कारण भारतीयों को और भी सचेत रहने की आवश्यकता होगी। आज विश्व भर में इस बीमारी के उपचार हेतु प्रभावशाली टीके तैयार करने की दौड़ लगी हुई है। 
प्राप्त समाचारों के अनुसार कई देशों ने इस में बड़ी सफलता भी हासिल कर ली है। भारत में भी इसके बड़े परीक्षण चल रहे हैं। रूस, अमरीका और ब्रिटेन की कम्पनियों के साथ बड़े समझौते भारत द्वारा किये गये हैं, जिनसे टीकों की करोड़ों खुराकें (डोज़) मंगवाई जाएंगी। इसके साथ ही भारत में भी बड़ी मात्रा में टीके तैयार किये जाने की व्यवस्था की गई है। श्री मोदी ने यह भी कहा है कि जब भी निकट भविष्य में ऐसा टीका आएगा तो इस बात की योजनाबंदी पहले से की जा रही है कि इसे देश के प्रत्येक नागरिक के पास किस तरह पहुंचाया जाएगा। नि:सन्देह इस समय तो आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ पूरी सावधानियां अपनाने में ही सभी की भलाई है।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द