बीमार होने पर शरीर का तापमान क्यों बढ़ता है ?

दीदी, आज सुबह मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा था, कोई खास बात नहीं थी, फिर भी मां ने थर्मामीटर से मेरा तापमान लिया। मैंने कारण मालूम किया तो वह कुछ बोली नहीं। वह यह देखना चाह रही होंगी कि तुम कहीं बीमार तो नहीं पड़ गये हो। लेकिन थर्मामीटर से तो तापमान का पता चलता है,बीमारी के बारे में कैसे मालूम होगा?
एक स्वस्थ शरीर का औसत तापमान 37 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। जब तापमान इससे अधिक बढ़ जाता है तो हम इसे बुखार या फीवर कहते हैं। बुखार अपने आप में कोई खास बीमारी नहीं होती, लेकिन यह संकेत होता है कि हमें कोई बीमारी है।
क्या कोई भी रोग हो, बुखार जरूर होगा?
नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन अधिकतर बीमारियों का लक्षण या संकेत बुखार है। तो बुखार से यह कैसे मालूम होता है कि कौन-सी बीमारी है?
डाक्टर या नर्स अमूमन दिन में कम से कम दो बार तापमान लेते हैं और उसे चार्ट पर अंकित कर देते हैं, यह देखने के लिए कि बुखार ऊपर व नीचे किस तरह से जा रहा है। इस चार्ट से डॉक्टर को अक्सर मालूम हो जाता है कि रोग क्या है क्योंकि अलग-अलग रोगों का अलग-अलग पैटर्न या तापमान कर्व होता है। नया कोरोना वायरस या कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद भी बुखार हो जाता है,मेरा मतलब है कि बीमार होने पर हमारे शरीर का तापमान क्यों बढ़ जाता है?  अजीब बात यह है कि हमें अब तक मालूम नहीं है कि बुखार वास्तव में है क्या। लेकिन यह मालूम है कि बीमारी से लड़ने में बुखार वास्तव में मदद करता है।
वह किस तरह से?
बुखार के कारण शरीर की महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं व अंग तेजी से काम करने लगते हैं। शरीर अधिक हॉर्मोन, एंजाइम व रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। हमारे शरीर के उपयोगी रसायन हॉर्मोन व एंजाइम कड़ी मेहनत करने लगते हैं। हमारी रक्त कोशिकाएं हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने लगती हैं। रक्त संचार तेज हो जाता है,सांस तेजी से ली जाती है और इस प्रकार हमारे शरीर से वेस्ट व पाइजन बाहर निकलने लगता है तो बुखार बीमारी से लड़ने में मदद करता है। तो बुखार से डरने की जरूरत नहीं है। 24 घंटे से अधिक का बुखार हानिकारक है, क्योंकि यह प्रोटीन नष्ट कर देता है। बुखार के जरिये रोगों से लड़ना महंगा है।

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