ऐसे पाएं निजात मच्छरों की समस्या से 

सर्वप्रथम लोग अपनी इस गलतफहमी को दूर करें कि मच्छर कचरे में पैदा होते हैं। वास्तविक स्थिति यह है कि मच्छर सूखे एवं नम कचरे या ऐसी जगह पैदा ही नहीं हो सकते जहां उन्हें हिलने-डुलने के लिये एक सप्ताह तक पूरे समय पानी न हो। पानी के अभाव में वे बिन पानी के मछली की तरह तड़प-तड़प कर मर जाते हैं। कचरा, घास, पेड़-पौधे, खाद, नम, छायादार, अंधेरे स्थान ये सभी मच्छरों के छुपने के सर्वश्रेष्ठ अड्डे अवश्य हैं, पैदा होने के नहीं। मच्छरों को मारने के लिये आप फागिंग मशीन, आल आउट, कछुआ अगरबत्ती, मिट्टी तेल का स्प्रे उपयोग कर उड़ते मच्छरों को प्रतिदिन नष्ट करते हैं लेकिन मच्छर अगले दिन उसी तादाद में फिर आ जाते हैं क्योंकि आपने मच्छरों के पैदा होने वाले स्थानों को नष्ट कहीं किया है।  सर्वप्रथम अपने घर, आंगन, बगीचे, छत में मौजूद खुली नालियों को देखें कि उसमें कीचड़, पानी हर समय भरा तो नहीं रहता है क्योंकि कीचड़ पानी यदि हफ्ते में एक दिन भी पूरी तरह नहीं सूखता तो यकीन मानिये कि यहां पर मच्छरों के लार्वा, प्यूपा (इल्ली जैसे पानी में बिलबिलाते, तैरते कीड़े) मौजूद हैं । यदि नाली का ढाल गड़बड़ है जिसमें पानी भरा रहता या कीचड़ बनी रहती है, तब आप इसमें मिट्टी का तेल या कीटनाशक का छिड़काव हर हफ्ते ध्यान से बिना नागा के करवाते रहें। हफ्ते में एक बार दवा या मिट्टी का तेल छिड़कते रहें ताकि लार्वा, प्यूपा नष्ट हो जायें। घर में, छत में, आंगन में, पानी की टंकियां, डिब्बे जिनमें पानी प्रयोग या कपड़े धोने हेतु जमा किया जाता है इनको यदि पूरी तरह ढका नहीं रखा या सप्ताह में एक बार पूरी तरह सुखाया नहीं गया तो आप ऐसे स्थानों में भरे पानी में नजर डालें। आपको पानी एकदम साफ नजर आयेगा क्योंकि मच्छरों के बच्चे आपकी परछाई को देखते ही नीचे पानी के तल में चले जाते हैं लेकिन 15 मिनट तक बिना हिले-डुले वहीं देखते रहें तो आपको वे लहराते हुये ऊपर आते दिख जायेंगे क्योंकि उन्हें सांस लेने इतनी देर में ऊपर आना ही पड़ता है।इनको नष्ट करने के लिये सप्ताह में एक बार पानी पूरा खाली कर टंकी, बर्तन सुखा दें या ऐसी सभी टंकियां, डिब्बे उपयोग के समय ही खोलें एवं बाकी समय पूरी तरह ढंक कर रखें ताकि मच्छर न घुस सकें। उपरोक्त उपायों से जाली लगे घरों के मच्छर कंट्रोल तो हो जायेंगे लेकिन यदि आपके घर में मच्छर रोकने वाली जाली, खिड़की, दरवाजों में नहीं लगी है तो बाहर के मच्छर जो धूप के कारण, घास, पेड़-पौधे, खाद, कचड़ा, मिट्टी, नम स्थानों में छुपे बैठे हैं वे शाम होते ही घुसेंगे जिससे मच्छर की समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिलेगी अत: हमें बाहर पैदा हो रहे मच्छरों को भी रोकना है।

 (स्वास्थ्य दर्पण)