ऋतुजा व अंकिता भारतीय टैनिस की नई आशाएं

लिएंडर पेस व महेश भूपति के टैनिस से रिटायर होने, सानिया मिर्जा द्वारा इस सत्र के बाद प्रोफेशनल टैनिस को अलविदा कहने की घोषणा करने और नये खिलाड़ियों में इन लीजेंड्स जैसी क्षमता व प्रतिभा का अभाव प्रतीत होने से ऐसा लगने लगा था कि अब भारतीय टेनिस के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व पर लम्बे समय के लिए ब्रेक लग जायेगा लेकिन काले बादलों में उम्मीद की दो किरणें दिखाई देने लगी हैं, अंकिता रैना व ऋतुजा भोंसले के रूप में। भारत की टॉप-रैंक महिला टैनिस खिलाड़ी अंकिता ने ऋतुजा के साथ मिलकर हाल ही में सम्मानित  इंटरनेशनल टैनिस फेडरेशन (आईटीएफ ) प्रतियोगिता का महिला युगल खिताब जीता है। यह टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया के बंडिगो शहर में खेला गया था। एक जोड़ी के रूप में अंकिता व ऋतुजा का यह पहला अंतर्राष्ट्रीय खिताब है। इस जीत को लेकर दोनों ही बहुत खुश हैं। अंकिता ने बताया, ‘इस साल यह मेरा पहला मुख्य खिताब है और एक जोड़ी के रूप में पहला युगल खिताब है। एक प्रतियोगिता जीतने के बाद हमेशा अच्छा महसूस होता है।’ अंकिता व ऋतुजा ने एक साथ अधिक टैनिस नहीं खेला है, लेकिन एक समय था जब इन दोनों को ही हेमंत बेंद्रे कोचिंग दिया करते थे। इसलिए वे दोनों एक दूसरे के खेल को अच्छी तरह से समझती हैं और कोर्ट पर दोनों के बीच शानदार तालमेल रहता है। हाल में जीत के बाद तो दोनों इतना अधिक खुश हुईं कि कोर्ट पर ही नाचकर जश्न मनाने लगीं। जल्द ही ये दोनों बिली जीन किंग कप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनके मुताबिक अपने देश को रिप्रजेंट करना हमेशा ही गर्व का एहसास प्रदान करता है। हालांकि क्ले पर खेलना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन अंकिता को क्ले पर खेलने में आनंद आता है। इन दिनों वह पुणे के क्ले कोर्ट्स पर प्रैक्टिस कर रही हैं। उनका कहना है कि क्ले पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एक खिलाड़ी के रूप में आप में संयम होना चाहिए क्योंकि हार्ड कोर्ट्स की तुलना में उस पर अधिक लम्बी रैलियां होती हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी दोनों अंकिता व ऋतुजा कुछ प्रतियोगिताएं क्ले पर खेल रही हैं, जिससे उन्हें उम्मीद है कि बिली जीन किंग कप में उन्हें काफी मदद मिलेगी। कोविड पॉजिटिव होने के कारण अंकिता काफी समय तक खेल नहीं पायीं थीं, जिससे उसने कुछ पॉइंट्स खोये और उसकी विमेंस टैनिस एसोसिएशन रैंकिंग में गिरावट आयी है। इस समय उनका लक्ष्य है कि जल्द से जल्द टॉप 200 में वापस पहुंचा जाये। 2022 उसके लिए महत्वपूर्ण वर्ष है और वह कोशिश करेंगी कि सभी ग्रैंडस्लैम के मेन ड्रा में पहुंचें। अंकिता इस बार एशियन गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहती हैं, उसने 2018 के खेलों में कांस्य पदक जीता था। इसलिए इस साल उन्होंने अपने कार्यक्रम व ट्रेनिंग में कुछ बदलाव किया है। वह फिट व स्ट्रोंग होने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।

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