बेहद चिन्ताजनक है बिगड़ता माहौल

कोटकपूरा में बेअदबी कांड से संबंधित एक और व्यक्ति की, की गई हत्या से प्रदेश के हालात बहुत नाज़ुक होते जा रहे हैं। जिस तरह सरेआम कुछ व्यक्तियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया, उससे यह ज़ाहिर ज़रूर होता है कि गोली सभ्याचार से जुड़े अनेकानेक युवक पूरी तरह बेख़ौफ होकर विचरण करने लगे हैं, जो प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बने दिखाई देते हैं। प्राप्त समाचारों के अनुसार ये व्यक्ति पंजाब के बाहर से लाये गये थे। इस हत्या की ज़िम्मेदारी भी कनाडा में बैठे एक गैंगस्टर ने ली है, जिस गैंगस्टर का नाम सिद्धू मूसेवाला की दिन-दहाड़े की गई हत्या में भी आता है। सिद्धू मूसेवाला को कुछ युवकों द्वारा गोलियों से छलनी करने के बाद पंजाब तथा देश भर में सतर्क  हुई पुलिस द्वारा परत-दर-परत गैंगस्टरों से संबंधित जो बातें सामने आ रही हैं, वे बड़ी चिन्ता पैदा करने वाली हैं।
 ऐसी घटनाओं के बाद इन गैंगस्टरों द्वारा निशाने पर लिये गये लोगों को और भी अधिक धमकियां मिलने लग पड़ी हैं, जिसके संबंध में लगातार शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही हैं। अपराध जगत से जुड़े ज्यादातर लोग भी सोशल मीडिया द्वारा जिस प्रकार की ब्यानबाज़ी कर रहे हैं, उससे माहौल और भी खराब हो रहा है। आज सोशल मीडिया पर हर किसी का जो भी मन करता है वह इसके माध्यम से अपनी भड़ास निकालता है, जिससे माहौल और भी गरमा जाता है। विगत दिवस अमृतसर में शिव सेना के एक नेता की सभी के सामने गोलियां मार कर की गई हत्या भी ऐसे माहौल की ही उपज कही जा सकती है। सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के विरुद्ध की जा रही ऩफरत भरी ब्यानबाज़ी एवं दलीलबाज़ी से कैसे निपटना है, इस संबंध में प्रशासन भी बेहद उलझा हुआ दिखाई देता है क्योंकि किये गये अपराध किसी एक कड़ी के अधीन नहीं आते, अपितु इनके कारण अलग-अलग होते हैं। प्रदेश के हालात बहुत खराब हो गये हैं, कहीं दिन-दहाड़े बैंक लूट लिये जाते हैं, लूटपाट तथा चोरियों की तो गिनती किया जाना भी कठिन हो चुका है। ज्यादातर लोग तो सायं के बाद घरों से बाहर निकलने से भी घबराने लगे हैं क्योंकि सड़कों, गलियों-बाज़ारों एवं हर स्थान पर ़खतरा खड़ा दिखाई देने लगा है। चाहे पड़ोसी पाकिस्तान द्वारा पंजाब में इस सीमा तक गड़बड़ करवाने की अपनी नीति तथा नियत है जिससे वह अभी भी बाज़ नहीं आ रहा। इसके साथ ही वह ड्रोनों द्वारा हथियार एवं नशों की खेप भेजने की भी चाल चलता रहा है। जम्मू-कश्मीर में पहले से स्थिति में अवश्य कुछ सुधार आया है परन्तु अभी भी वहां लगातार सुरक्षा बलों के साथ होते मुकाबलों में मारे जाने वाले आतंकवादियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान द्वारा यह जाल इस सीमा तक फैला दिया गया है कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों का रहना बेहद कठिन हो गया है। 
गैंगस्टरों की पुलिस थानों पर कार्रवाइयां भी सरकार के लिए सीधी चुनौती हैं। कई बार ऐसा घटनाक्रम घटित हो जाता है जिसमें अलग-अलग समुदायों में आपसी तनाव बढ़ने लगता है जो प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण तथा बुरा सन्देश है। प्रत्येक बड़ी-छोटी वारदात के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार को निशाने पर ले लेती हैं, परन्तु अब समय ऐसी आलोचना का नहीं रहा क्योंकि अमन-कानून की बेहद बिगड़ती जा रही स्थिति सभी का सांझा सरोकार बननी ज़रूरी है। इसलिए सरकार सहित सभी विपक्षी गुटों, राजनीतिक पार्टियों तथा संगठनों द्वारा एकजुट होकर कोई सांझी योजनाबंदी करनी बनती है। पूरे योजनाबद्ध ढंग से अलग-अलग मोर्चे पर पैदा हो रही आपराधिक स्थिति का एकजुट होकर ही मुकाबला किया जाना बेहद ज़रूरी है, इसी में ही समाज तथा प्रदेश की भलाई मानी जाएगी।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द