जीव-जन्तुओं का विलक्षण संसार

बच्चो! चींटियां 24 घंटों में से सिर्फ 13 से 16 मिनट तक ही सोती हैं। शेष समय यह भोजन इकट्ठा करने में ही लगा देती हैं। खरगोश एक ऐसा जीव है जो अपनी गर्दन को घुमाकर पीछे तक देख सकता है, इसका दिल इतना कमज़ोर होता है कि यह सहम से ही मर जाता है। छिपकली का दिल एक मिनट में एक हज़ार बार धड़कता है। बहुत सी छिपकलियां अंडे देती हैं जबकि गैको प्रजाति की छिपकलियां बच्चे देती हैं। ये छिपकलियां अधिकतर न्यूज़ीलैंड में देखी जा सकती हैं। छिपकलियों की उंगलियों के नीचे सूक्षम प्लेटें होती हैं, जो इनको दीवार आदि के साथ चिपक कर चलने में मदद करती हैं।
हीमिग एक ऐसा पक्षी है, जो उल्ट दिशा की तरफ भी उड़ सकता है। कौआ एक ऐसा पक्षी है, जिसके दिमाग का ‘आई क्यू’ मनुष्य के दिमाग से भी अधिक ताकतवर होता है, यह सैकड़ों किलोमीटर दूर से अपने रिहायशी ठिकानों को आसानी से ढूंढ लेता है। यह समूह में अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। कौआ अपने दुश्मण को कभी भी नहीं भूलता। यह पूरी उम्र ही दुश्मन से बदला लेने की ताक में रहता है। बाज़ एक ऐसे पक्षी है जो 10 किलोमीटर ऊंचा उड़ सकता है। बाज़ के उड़ने की रफ्तार 35 मील प्रति घंटा है। ज़रूरत पड़ने पर यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी उड़ सकता है। मधुमक्खी माऊंट एवरेस्ट से भी ऊंची उड़ सकती है। सलोनेनिया की आर्थिकता का बड़ा हिस्सा मधुमक्खियों के पालन से ही चलता है। यहां एक लाख से अधिक मधुमक्खियों की कालोनियां हैं।  किसी भी पक्षी के दांत नहीं होते, वे अपनी चोंच से ही भोजन ग्रहण करते हैं। कुछ ऐसे पक्षी भी हैं जो भोजन के साथ रेत भी निगल जाते हैं। यह रेत पेट में भोजन को बारीक करने के लिए चक्की का काम करती है, जिससे भोजन आसानी से पच जाता है।
बहुत से पक्षियों के पंखों में मज़बूत हड्डियां होती हैं, जो उनको ऊंचा उड़ने में सहायता करती हैं। मगरमच्छ एक घंटे तक अपनी सांस रोककर रख सकता है और यह पानी में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ तैर सकता है। मगरमच्छ करीब 25 करोड़ साल से इस धरती पर रह रहे हैं।
कछुआ करीब ढाई सौ साल तक जीवित रह सकता है। इसकी खोपड़ी का कवच 60 तरह की मज़बूत हड्डियों से बना होता है, जो इसको बाहरी हमलों और चोटों से बचाने में सहायता करता है। इसकी मूल जन्म भूमि दक्षिण अमरीका है। मकड़ी यदि आग की चपेट में आ जाये तो बारूद की तरह फट जाती है। ब्लू व्हेल की आवाज़ को सैकड़ों किलोमीटर तक सुना जा सकता है। कबूतर कभी भी रास्ता नहीं भूलते इनको चाहे जितना मर्जी दूर छोड़ आओ, वह वापिस वहीं आ जाएंगे। 

गांव व डाक-खोसा पांडो, मोगा-142048