राजस्थान चुनाव प्रचार के केन्द्र में है झूठ और बांटने की राजनीति

राजस्थान चुनाव प्रचार में झूठ बोलने और लोगों को बांटने का मुद्दा जोरों पर है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने और लोगों को बांटने का आरोप लगाया है, और मोदी ने भी चौतरफा हमला करते हुए कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के साथ ही कहा कि मुख्य मंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पांच महत्वपूर्ण साल बर्बाद कर दिये और वह शून्य अंक की हकदार है। राजस्थान की जनता को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को बहुमत देने की गलती याद दिलायी, वहीं कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने जनता को सिर्फ एक साल बाद 2019 में भाजपा को राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटें देने की गलती याद दिलायी है। खड़गे ने कहा कि लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 25 भाजपा सांसदों को चुना, लेकिन वे राजस्थान के लोगों के लिए न तो धन ला सके और न ही पानी। उनके आरोप में कुछ सच्चाई है और कोई भी इसका खंडन नहीं कर सकता।
सांसद निधि से विकास की एम.पी.एल.ए.डी. योजना का उदाहरण लिया जा सकता है। इस योजना के तहत प्रत्येक सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास योजनाओं पर खर्च करने के लिए 17 करोड़ रुपये का हकदार है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उनके लिए केवल 5 करोड़ रुपये से लेकर 12 करोड़ रुपये तक की बहुत कम धनराशि जारी की। कुल 425 करोड़ रुपये की राशि, जो राज्य इस योजना के माध्यम से प्राप्त करने का हकदार था, केन्द्र ने अब तक केवल 187.5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जैसा कि योजना की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के लिए सबकुछ करने का दावा करते रहे हैं और अपने चुनाव पूर्व अभियानों में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं लांच करते रहे हैं।
इससे पता चलता है कि राज्य के भाजपा सांसद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार से फंड नहीं ला सके, जो अब विधानसभा चुनाव अभियान में भाजपा के शुभंकर हैं। इस प्रकार पीएमकेयर का नारा झूठा है, क्योंकि वह भाजपा सांसदों को भी फंड जारी करना सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं, जिसके वे इस योजना के तहत हकदार हैं। राज्य की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन पर विश्वास किया और लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें भाजपा को दे दीं, लेकिन उन्हें धोखा दिया गया। इसी योजना के तहत राज्य के प्रदर्शन को देखा जा सकता है, क्योंकि एम.पी. लैड्स योजना के तहत सांसद की भूमिका केवल सिफारिश तक ही सीमित है। इसके बाद सांसद द्वारा अनुशासित योजनाओं को निर्धारित समय के भीतर मंजूरी देना, निष्पादित करना और पूरा करना ज़िले के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। जारी निधि के उपयोग का प्रतिशत 96.13 प्रतिशत था जबकि अव्ययित शेष केवल 52.46 करोड़ था। इससे पता चलता है कि केन्द्र द्वारा धन आवंटन के मामले में निराशाजनक प्रदर्शन की तुलना में राज्य सरकार के अधिकारियों का प्रदर्शन कहीं अधिक सराहनीय था।
200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा सिर्फ 73 सीटें ही जीत सकी थी। तब से स्थिति बदल गयी है। उसके बाद भाजपा को 3 सीटों का नुकसान हुआ और निवर्तमान विधानसभा में पार्टी के पास केवल 70 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस की ताकत बढ़कर 108 सीटों पर पहुंच गयी है। यह अपने आप में इस बात का संकेत है कि राज्य में भाजपा का दबदबा कम हो रहा है जबकि कांग्रेस मज़बूत हो रही है। राज्य सरकार द्वारा किये गये कार्यों से जनता को अवगत कराने के लिए कांग्रेस ने जागरूकता अभियान चलाया है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा है कि मोदी ने अपने हालिया भाषणों में ‘लाल डायरी’ के बारे में बात की और दावा किया कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की वित्तीय अनियमितताओं का लेखा-जोखा है। हालांकि, ‘उस लाल डायरी में लिखा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस राजस्थान में फिर से अपनी सरकार बनायेगी।’ खड़गे ने भाजपा पर उनकी पार्टी के काम की नकल करने का आरोप लगाया। लेकिन जनता भाजपा को कोई कॉपीराइट नहीं देगी और कांग्रेस के काम को याद रखेगी। भाजपा और अन्य पार्टियां लोगों को गारंटी देने में कांग्रेस का अनुसरण कर रही हैं। अगर उनकी पार्टी राजस्थान में अपनी सत्ता बरकरार रखती है, तो वह 2024 में केन्द्र में भी सत्ता में आयेगी।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली के दौरान दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली से एक खास उपहार पहले से ही तैयार कर लिया है, भाजपा सरकार ने फैसला किया है कि अब उज्ज्वला की लाभार्थी बहनों को केन्द्र सरकार से गैस सिलेंडर केवल 600 रुपये में मिलेगा। दशहरा और दीपावली से पहले उज्ज्वला सिलेंडर 100 रुपये और सस्ता कर दिया गया है।