समाजवादी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश में ‘मिशन-80’ की तैयारियां

कांग्रेस पार्टी के साथ मतभेदों के कारण संबंध बिगड़ने के दृष्टिगत समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश से लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की लिए ज़मीन तैयार करने के लिए कहा है और साथ ही यह भी कहा है कि पार्टी 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में नई बनी प्रदेश कार्यकारिणी समिति की पहली बैठक में समाजवादी पार्टी के प्रमुख के सम्बोधन के दौरान 65 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात सामने आई। हालांकि सपा प्रमुख ने यह खुलासा नहीं किया कि गठबंधन के भागीदार राष्ट्रीय लोक दल (आर.एल.डी.) को कौन-सी सीटें दी जाएंगी। इस दौरान अखिलेश यादव अब अपने पी.डी.ए. (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) मुद्दे पर राजनीतिक एकजुटता करने के लिए ज़ोर लगा रहे हैं और समाजवादी पार्टी गैर-यादव अन्य पिछड़े वर्ग (ओ.बी.सी.) को लुभाने की कोशिश कर रही है, जो आबादी का लगभग 35 प्रतिशत भाग है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में अपने मिशन-80 के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्येक गांव के नौजवानों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ना चाहती है और भविष्य के लिए रणनीति तैयार करना चाहती है।
बिहार में भागीदारों के बीच नोक-झोक 
बिहार में जे.डी.यू. तथा आर.जे.डी. के बीच तब एक बार फिर तनाव देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मौजूदा समय के बिजलीकरण की स्थिति की तुलना लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल से 2005 में प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद की, जो वर्तमान में सत्तारूढ़ महागठबंधन का सबसे बड़ा सहयोगी है।
 पटना में बिहार स्टेट पावर होल्ंिडग कम्पनी लिमिटेड (बी.एस.पी.एच.सी.एल.) के 11वें स्थापना दिवस के अवसर पर करवाए गए एक समारोह में नितीश कुमार ने श्रोताओं को कहा, ‘बीस वर्ष पहले बिजली की हालत क्या थी, याद है न, जहां उन्होंने 13,934.89 करोड़ रुपये के बिजली प्रोजैक्टों का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया, जिसमें से 12509.74 करोड़ रुपये प्रदेश के ग्रामीण खपतकारों के शेष रहते 112 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए खर्च किए जाएंगे। 
नितीश ने कार्यक्रम में मौजूद अपने कैबिनेट भागीदार आलोक मेहता को कहा कि उनकी पार्टी (आर.जे.डी.) को प्रदेश में अध्यापकों की भर्ती का पूरा श्रेय नहीं लेना चाहिए। नितीश ने इसे बिहार की महागठबंधन सरकार की संयुक्त कवायद बताया। इस दौरान आर.जे.डी. की बिहार इकाई ने एक्स (ट्विटर) पर एक गुप्त पोस्ट साझा की, जिसमें अध्यापकों की भर्ती के लिए बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का धन्यवाद किया गया। आर.जे.डी. की बिहार इकाई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जो वायदा किया गया था, उसे पूरा किया गया।’ तेजस्वी बिहार की महागठबंधन सरकार बना कर नौजवानों की उम्मीदों पर खरे उतरे। 1,20,336 अध्यापकों को नियुक्ति-पत्र बिहार में इतिहास रचने वाला पल है। 
कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को हिदायत
कर्नाटक कांगे्रस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तथा उप-मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के गुटों के बीच एक बार फिर बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने सख्ती से कैबिनेट सदस्यों तथा विधायकों को पार्टी के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियां बंद करने के लिए कह कर दोनों गुटों के बीच आंतरिक जंग को कम करने की कोशिश अवश्य की है। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, जो कर्नाटक में पार्टी के मामलों की देख-रेख करते हैं, ने कहा है कि मैं स्पष्ट तौर पर चेतावनी दे रहा हूं कि किसी भी मंत्री या विधायक को पार्टी के अनुशासन का उल्लघंन नहीं करना चाहिए। सिद्धारमैया तथा शिवकुमार के वफादार मुख्यमंत्री के कार्यकाल पर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणियां कर रहे थे, जिससे दोनों के बीच सत्ता साझा करने के समझौते के टूटने की अटकलें तेज़ हो गई थीं। हालांकि सिद्धारमैया तथा शिवकुमार को लोगों को दी गई गारंटियों को पूरा करने के लिए कार्य करने हेतु कहा गया है, ताकि इससे लोकसभा चुनाव में पार्टी को लाभ हो सके।  
कर्नाटक में नया भाजपा प्रमुख
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, भाजपा कर्नाटक में एक नया प्रदेश इकाई प्रधान नियुक्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रही है। सीनियर लिंगायत नेता बी.एस. येदियुरप्पा अपने बेटे और प्रदेश के उप-प्रधान विजयेंद्र येदियुरप्पा को इस पद के लिए नामज़द करवाने की हर कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ इस कतार में केन्द्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और सी.टी. रवि जैसे अन्य दावेदार भी हैं। वोककालिगा और उडूपी-चिक्कमगलुरू चुनाव क्षेत्र से लोकसभा सांसद करंदलाजे इस पद के लिए सबसे आगे हैं। वोककालिगा, जो राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली समुदाय है, मुख्य तौर पर राज्य के पुराने मैसूर क्षेत्र में रहता है, जहां भाजपा अपनी वोटों को ओर पक्का करने की योजना बना रही है। भाजपा ने आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पहले ही जे.डी.(यू.) के साथ गठबंधन करने का ऐलान कर दिया है। वोककालिगा बहुत पुराने मैसूर क्षेत्र में मज़बूत वोटर आधार वाले जे.डी.(एस.) से इन क्षेत्रों में भाजपा की संभावनाओं को मज़बूती मिलने की उम्मीद है और वह पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। नलिन कुमार कतील, जो मौजूदा समय में भाजपा के प्रदेश प्रधान के रूप में काम कर रहे हैं, को पिछले वर्ष उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद वादा दिया गया था। हालांकि विधानसभा चुनावों में हार के बाद उनको पद छोड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन भाजपा हाईकमान ने उनको योग्य व्यक्ति मिलने तक पद पर बने रहने के लिए कहा था।
कहां से चुनाव लड़ेंगे नितीश कुमार?
उत्तर प्रदेश में जे.डी.(यू.) नेताओं का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को 2024 के आम चुनाव में फूलपुर या मिज़र्ापुर की कुरमी बहुमत वाली सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। 28 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 100 से अधिक जे.डी.(यू.) पदाधिकारी पटना पहुंचे और अलग-अलग ग्रुपों में बिहार के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की और उनको उत्तर प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक दृश्य से अवगत करवाया और उनको फूलपुर या मिर्जापुर से चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। जे.डी. (यू.) वर्करों ने ‘देश का पी.एम. कैसा हो, नितीश कुमार जैसा हो’ जैसे नारे भी लगाए। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी का अपना दल (कमेरवादी) के साथ गठबंधन था और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब यू.पी. में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की जे.डी. (यू.) के साथ गठबंधन की उम्मीद कर रहे हैं। नितीश कुरमी ओ.बी.सी. समुदाय से संबंध रखते हैं और समाजवादी पार्टी को यू.पी. में ओ.बी.सी. तक पहुंच बनाने के लिए इसका फायदा होने की पूरी उम्मीद है। कुरमियों के पास यू.पी. की कई सीटों पर चुनाव परिणाम तय करने की समर्था है, क्योंकि वह प्रदेश में दूसरा सबसे प्रभावशाली ओ.बी.सी. वर्ग है। (आई.पी.ए.)