पराली प्रबंधन के मामले में पंजाब को हरियाणा से सीख लेने की नसीहत

पराली प्रबंधन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को हरियाणा से सीख लेने की नसीहत दी है। इस बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि सुप्र्रीम कोर्ट की टिप्पणी से यह साफ हो गया है कि पराली जलाने की घटनाओं के मामले में असली दोषी कौन है। हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का भरपूर स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को बेहद गंभीरता से लिया और किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता पाई है। इसी के चलते वर्ष 2022 से 2023 के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई है। 
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि पराली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन देने के तरीके के लिए पंजाब को हरियाणा से सीख लेनी चाहिए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आम आदमी पार्टी व पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है, क्योंकि यह मुद्दा स्वास्थ्य से संबंधित है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आम आदमी पार्टी व पंजाब सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल और पड़ोसी राज्यों की सरकारें इस पर राजनीति कर रही हैं।
 पराली जलाने की घटनाएं
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पराली जलाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि 2021 में हरियाणा में पराली जलाने की 5093 घटनाएं सामने आई और 2022 में ये घटकर 3233 रह गईं। इसी तरह इस साल 2023 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 1986 रह गईं और पिछले एक वर्ष के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तुलना में पंजाब में वर्ष 2023 में पराली जलाने की 31932 घटनाएं सामने आई हैं, जो कि हरियाणा से कई गुना ज्यादा हैं और दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण हैं। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि हरियाणा सरकार पराली के ज़ीरो बर्निंग लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ पराली के उचित प्रबंधन के लिए किसानों को 1000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद न सिर्फ पंजाब व दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पराली जलाने के मुद्दे पर कटघरे में आ गई है बल्कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष नायब सैनी से लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी व्यापक स्वागत किया है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी विफलताओं को दूसरों पर डाल कर मात्र राजनीतिक ब्यानबाजी कर रही है, जबकि पराली प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। 
क्या सरकार कभी अपनी गलती मानती है?
क्या कोई सरकार कभी अपनी गलती मानती है? कोई सरकार माने या न माने, लेकिन हरियाणा की मनोहर लाल सरकार तो मानती है। अच्छी बात यह है कि न केवल सरकार ने अपनी गलती मानी है, बल्कि लोगों से विकास शुल्क के नाम पर वसूल की गई करोड़ों रुपए की राशि लौटा भी रही है। मामला यह है कि गलत गणना के आधार पर खट्टर सरकार ने उन संपत्ति मालिकों से भी विकास शुल्क की वसूली कर ली, जिनकी संपत्तियों पर यह लागू नहीं होता। ऐसे लोगों से करीब 5 करोड़ 19 लाख रुपए वसूल किए जा चुके हैं, लेकिन मामला सरकार के सामने आने के बाद सरकार ने 1588 संपत्तियों के मालिकों को यह विकास शुल्क अब वापस करने का फैसला कर लिया है। 
 शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने ऐसी संपत्तियों की पहचान कर ली है, जहां संपत्ति मालिकों ने लाल-डोरा आवासीय संपत्तियों व कृषि संपत्तियों में विकास शुल्क अदा कर दिया था। स्थानीय विभाग ने संबंधित नगर पालिकाओं को ऐसी संपत्तियों का विवरण उपलब्ध करवा कर ये पैसे लौटाने के लिए कह दिया है। इन सभी संपत्ति धारकों को एसएमएस के माध्यम से यह सूचना भी दे दी गई है। इस संदर्भ में निर्धारित प्रावधानों के तहत एनडीसी पोर्टल पर आवेदन कर वे लोग अदा की गई विकास शुल्क की राशि को वापस प्राप्त कर सकते हैं। विकास शुल्क की यह राशि लौटाने के लिए कर्मचारियों को बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि गलत गणना के आधार पर ली गई विकास शुल्क की राशि को वे जल्द से जल्द संपत्ति धारकों को वापस लौटा सकें।
भाईचारे की अनोखी मिसाल 
हरियाणा में बिढ़ाईखेड़ा गांव ने आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की है। पिछले बीस साल से इस गांव में न कभी कोई झगड़ा हुआ है और न पुलिस थाने में कोई शिकायत गई है। राज्य के पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री देवेंद्र बबली इसी गांव के हैं। गांव में हर मामला आपसी सहमति या पंचायत में बैठ कर सुलझा लिया जाता है। गांव की आबादी करीब 750 लोगों की है, जहां 125 घर हैं। जाट बाहुल्य इस गांव में छह वार्ड हैं, जिनमें 379 मतदाता हैं। बिढ़ाईखेड़ा गांव में वर्ष 2010 में पहली बार ग्राम पंचायत का गठन हुआ था। पहले यह गांव डांगरा पंचायत से जुड़ा हुआ था। इस गांव ने पहली बार कलावती को सर्वसम्मति से सरपंच चुना था। वर्ष 2016 में गांव के लोगों ने रामचंद्र बराला को सरपंच चुना और तय किया गया कि कोई भी मामला हो, पुलिस थाने में जाने के बजाए गांव में बड़े- बुजुर्गों की मध्यस्थता में आपसी सहमति से ही हल कर लिया जाएगा। रामचंद्र बराला ने बताया कि ग्रामीण थाने में जाने की सोचते भी नहीं। पिछले दो दशकों से यही परम्परा चली आ रही है। हर सुख-दुख में गांव के लोग मिल कर चलते हैं। टोहाना सदर थाने के प्रभारी का कहना है, थाने के रिकॉर्ड के मुताबिक बिढ़ाई खेड़ा में पिछले बीस साल से अपराध से संबंधित कोई मुकद्दमा दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यह गांव बेहद शांतिपूर्ण है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए पद-यात्रा
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए तलवार दंपति ने हरियाणा के पानीपत से उल्टे पैर यात्रा शुरू की है। यात्रा की शुरुआत जिला सचिवालय से की गई। दिनेश तलवार और उनकी पत्नी दिशा तलवार का कहना है कि इस सिलसिले में वे देश के कई प्रधानमंत्रियों को अब तक एक लाख पोस्टकार्ड लिख चुके हैं। उनकी प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा है और इसके लिए वे पिछले कई वर्षों से समय मांग रहे हैं। तलवार दंपति का कहना है कि जिस दिन जनसंख्या नियंत्रण कानून बन जाएगा, देश की समस्याएं भी धीरे-धीरे अपने आप खत्म हो जाएंगी। जब तक यह कानून नहीं बनेगा, देश में उल्टे पैर उनकी यह यात्रा जारी रहेगी। अपने इस मकसद को लेकर जब दिनेश तलवार उल्टे चलते हैं तो उनकी पत्नी दिशा उन्हें राह दिखाती है। जब पत्नी उल्टा चलती है तो पति रास्ता दिखाते हैं। जब दोनों पति-पत्नी उल्टा चलने लगते हैं तो उनके दोनों बच्चे यश और सिमरन उन्हें राह दिखाते हैं। तलवार दंपति के मुताबिक आजादी के समय देश की जनसंख्या 33 करोड़ थी, जो अब बढ़ कर करीब 150 करोड़ होने जा रही है। देश में 1952 में परिवार नियोजन लागू किया गया था, लेकिन आज क्या स्थिति है, यह किसी से भी छुपी हुई नहीं है। अपनी ज़िंदगी के 50 साल पूरे कर चुके तलवार दंपति को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवश्य उन्हें मिलने के लिए समय देंगे और जनसंख्या नियंत्रण पर कानून भी बनाएंगे, लेकिन अभी तक उन्हें भी इनसे मिलने का समय नहीं मिल पाया है।

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