क्या कोरोना महामारी ने दुनिया को फिर दहशत में डाला है ?

इस साल अगस्त माह में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में टेक्नोलॉजी, ज्ञान तथा क्लीनिकल डाटा की सुलभता में बेहतरी लाने पर लक्षित एक साझेदारी के दायरे को विस्तृत बनाये जाने की घोषणा की थी। तब डब्ल्यू.एच.ओ. ने जोर देकर कहा था कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उपचार व इसके प्रयासों को न सिर्फ जारी रखना होगा बल्कि इसके लिए हर समय सजग भी रहना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस आशंका को व्यक्त किए अभी सही से छह महीने भी नहीं गुजरे कि कोरोना के नये जेएन-1 सब-वैरिएंट ने दुनियाभर में दहशत पैदा कर दी है। अपने यहां केरल में भी इस वैरिएंट का एक मरीज 8 दिसम्बर 2023 को पाया गया था और हाल के दिनों में जो कई सारे लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, उनमें भी इस वैरिएंट के संक्रमण की आशंका है। बीते 17 दिसम्बर 2023 को अपने यहां पांच लोगों की एक ही दिन में कोरोना से मौत हुई है, जो हाल के दिनों में कोरोना के चलते एक ही दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतें हैं। 
गौरतलब है कि कोविड-19 का नया जेएन-1 सब-वैरिएंट पिछले एक पखवाड़े के भीतर बहुत तेज़ी से फैलते हुए इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 40 से ज्यादा देशों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर इसके प्रति तत्काल सजगता नहीं दर्शायी गई तो एक बार फिर से महामारी की नई लहर आ सकती है। विशेषज्ञों की इसलिए भी चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उनके मुताबिक कोरोना का यह नया वैरिएंट पहले के वैरिएंट से कहीं ज्यादा संक्रामक हो सकता है। जिस तरह से महज एक पखवाड़े के भीतर दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में यह फैल गया है और हिंदुस्तान में भी केरल और तमिलनाडु में इसने साफ तौर पर दस्तक दी है, उससे पता चलता है कि यह पहले के किसी भी स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा तीव्र है।
गौरतलब है कि 8 दिसम्बर को केरल में एक 78 साल की बुजुर्ग महिला के आरटी-पीसीआर पॉजिटिव सैंपल में यह स्ट्रेन मिला था। इसके दो दिनों बाद तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली ज़िले और कुछ अन्य जगहों में भी आशंका के रूप में इसकी मौजूदगी दर्ज हुई है, क्योंकि इन जगहों में तेज़ी से लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। मालूम हो कि सार्स-कोव-2, जोकि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है, अपनी आनुवांशिक जानकारी संग्रहित करने के लिए आर.एन.ए. का उपयोग करता है। हालांकि आजतक विज्ञान को ठीक-ठीक नहीं पता कि वायरस की उत्पत्ति के लिए कोई एक और स्पष्ट कारण क्या है? जो अनुमान है वह यह है कि वायरस पहली बार मोबाइल आनुवांशिक तत्वों से उत्पन्न हुए होंगे, जिन्होंने कोशिकाओं के बीच स्थानांतरित होने की क्षमता प्राप्त कर ली है। कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक वे पहले से मुक्त रहने वाले जीवों के वंशज हो सकते हैं, जिन्होंने परजीवी प्रतिकृति की रणनीति को अपनाया है।
केरल में जिस बुजुर्ग महिला को भारत में इस वैरिएंट से पीड़ित पहली मरीज के रूप में जाना गया, उसे इंफ्लुएंजा जैसी एक मौसमी बीमारी के हल्के फुल्के लक्षण थे और इन पंक्तियों के लिखे जाने तक वह इससे उबर भी चुकी है, लेकिन उनकी जांच से जिस नये कोरोना वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उसने देश को डरा दिया है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले दो हफ्तों में पूरी दुनिया में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अकेले सिंगापुर में ही एक पखवाड़े के भीतर 32000 से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 56 हजार हो गई है। इसके बाद ही डब्ल्यू.एच.ओ. ने तेजी से सक्रिय होते हुए दुनिया को आगाह किया है कि वायरस नया रूप ले रहा है और यह नया रूप भी लगातार बदल रहा है। कोरोना के इस नये वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में सिर्फ एक अतिरिक्त म्यूटेशन है। वैसे केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 17 दिसम्बर 2023 को कहा है कि यह वैरिएंट चिंता का विषय नहीं है। उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के एक सीनियर अधिकारी ने भी केरल की स्वास्थ्य मंत्री की हां में हां मिलाया है। लेकिन विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि हमें लगातार सजग तो रहना ही पड़ेगा। क्योंकि कभी भी यह खतरा भयावह हो सकता है। 
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि कोरोना के इस नये वैरिएंट के लक्षण पहले जैसे ही हैं। यह भी ऊपरी श्वंसन तंत्र में परेशानियां पैदा करता है, मरीजों को हल्के फुल्के बुखार, खांसी, नाक और गले के बंद होने, गले में खरास तथा सिर दर्द और पेट में गड़बड़ी की परेशानियां पैदा करता है। अब चूंकि यह स्ट्रेन काफी संक्रामक है, इसलिए कोविड का नया डर बन गया है। अमरीका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार जो वैक्सीन वायरस के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती हैं, वे जेएन-1 और बीए-2-86 के खिलाफ भी असरदार साबित होनी चाहिए। दूसरे डॉक्टरों का भी कहना है कि इससे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है, लेकिन सावधानी हर कदम पर ज़रूरी हो गई है। क्योंकि डॉक्टर भले न घबराने की सीख दे रहे हों, लेकिन 17 दिसम्बर 2023 की चेतावनी के बाद 18 दिसम्बर 2023 को अचानक भारत में कोरोना संक्रमित नये मामलों की संख्या का 140 से बढ़कर 335 हो जाना आम लोगों को परेशान तो करता ही है। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को अपडेट करते हुए जो डाटा जारी किया है, उसके मुताबिक महज दो दिन के भीतर तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना के नये संक्रमितों के कारण देश में कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 1701 हो गये हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि हम लगातार कोरोना की इस नई अंगड़ाई पर नज़र रखें। भले देश में 98.81 प्रतिशत कोरोना का रिकवरी रेट हो, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अब तक 5,33,316 लोगों की मौत भी हो चुकी है।


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