भारी पड़ गया मालदीव को उसका बड़बोलापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतने प्रयोगधर्मी हैं कि न सिर्फ उनकी सोच व उनकी भाषा बल्कि उनका एक-एक कार्य सिर्फ और सिर्फ देश हेतु किया गया होता है। अभी कुछ दिनों पूर्व उन्होंने बात-बात में ही एक सार्वजनिक संबोधन में देशवासियों से आग्रह किया कि भारतीय अपनी खुशियों के पल, समारोह आदि के लिए भारत के खूबसूरत स्थानों विशेषकर उत्तराखंड देवभूमि में करें तो यह एक सुखद बात होगी। इस बात ने जाने कितने लोगों को देश में ही अपने महत्वपूर्ण समारोह मनाने की प्रेरणा दे दी।
इसी क्रम में हाल ही में प्रधानमंत्री पिछले दिनों खूबसूरत द्वीप स्थल लक्षद्वीप के प्रवास पर थे। अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने वहां बिताये पलों, वहां की प्राकृतिक खूबसूरती और किए गए कुछ सामुद्रिक क्रियाकलापों के अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साझा किए गए खूबसूरत दृश्यों को देख कर लोगों ने स्वाभाविक रूप से इसकी तुलना प्राकृतिक बनावट में ऐसी ही एकरूपता लिए हुए देश मालदीव की खूबसूरती से कर दी।
ज्ञात हो कि हर साल भारत से हज़ारों पर्यटक मालदीव जाते हैं, जो मालदीव की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यहां हुआ यह कि मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद मालदीव के मंत्रियों के एक गुट ने समूह बना कर इसके विरुद्ध अपमानजनक बातें लिखते हुए प्रतिक्रिया दे दी। इसकी भाषा निहायत ही अपमानजनक थी और स्वाभाविक रूप से इसका बेहद तीखी प्रतिक्रिया हुई। राजनयिक स्तर पर तो भारत की तरफ से इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए मालदीव सरकार के मंत्रियों को आड़े हाथों लिया और खरी खोटी सुनाई। इधर सोशल प्लेटफार्म पर मौजूद सारे भारतीयों ने जिनमें आम भारतीय से लेकर बड़े नामचीन फिल्मी सितारे और खिलाड़ियों तक ने मालदीव का बहिष्कार करने की शुरुआत की। प्रतिरोध इतना तीव्र था कि थोड़े ही समय बाद मालदीव सरकार और इसके बड़बोले राजनेताओं को अपनी गलती का एहसास हुआ और मंत्रियों ने वे सभी ओछी बातें सोशल मीडिया से हटा दीं, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और भारत के डिजिटल वर्ल्ड में ‘बायकाट मालदीव’ की मुहिम चल पड़ी थी। वैश्विक आलोचना के निशाने पर आते मालदीव सरकार भी हरकत में आई और अपने बड़बोले मंत्रियों को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मरियम शिउना, मालशा शरीफ तथा महजूम माजिद नामक तीनों मंत्रियों को तुरंत निकाले जाने तक मालदीव अपनी बहुत भारी क्षति करवा चुका था। हज़ारों भारतीय पर्यटकों ने अपने देश के साथ-साथ इसे अपने प्रधानमंत्री के प्रयासों का अपमान समझ कर मालदीव जाने के सारे कार्यक्रम रद्द करते हुए अपनी बुकिंग रद्द करवा कर अपना गुस्सा व्यक्त कर दिया।
भारत के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मालदीव की राजधानी माले से पूर्व राष्ट्रपति ने भी सरकार के इन मंत्रियों को कड़ी फटकार लगाई। भारत आज विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और इसकी सबसे बड़ी ताकत है भारत का असीमित, अपार संभावनाओं वाला बाज़ार।