अंतरिम बजट   झलक रहा है मोदी सरकार का आत्मविश्वास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पेश अंतिम व अंतरिम बजट अगले लोकसभा चुनाव की जीत के आत्म-विश्वास से लबरेज दिखायी पड़ रहा है। यही वजह है कि अंतरिम बजट पेशी के पूर्व ही प्रधानमंत्री ने इस बात का इशारा कर दिया था कि उनकी सरकार आगामी जुलाई में अपना पूरा बजट पेश करेगी और इस अंतरिम बजट में आगामी बजट के दिशा-निर्देशों का बस उल्लेख भर होगा। ज़ाहिर है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस अंतरिम बजट भाषण में नयी लोकप्रिय घोषणाओं के बजाय मोदी सरकार के लगभग सभी निवर्तमान योजनाओं के कशीदे काढ़े गए। सरकार के सभी चलंत नारों का पुर्नोद्घोष किया गया। जबकि आज से ठीक पांच साल पूर्व पेश अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पीएम किसान सम्मान निधि, आयकर की सीमा बढ़ाने, असंगठित मज़दूरों के लिए पेंशन जैसे कई लोकलुभावन घोषणाएं की थीं, उससे उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने में मदद मिली थी और वही योजनाएं मोदी सरकार की मौजूदा संबल भी बनी हुई हैं।
ज़ाहिर है कि मोदी सरकार पांच साल पूर्व की तुलना में  स्वयं को अभी राजनीतिक तौर पर ज्यादा आरामदेह स्थिति में महसूस कर रही है। इसीलिए वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की अभी मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपने बजट भाषण में आय व व्यय में संतुलन साधने को लेकर ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ी है। 2020 के उपरांत जहां कोविड महामारी की वजह से भारत सरकार को वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.5 फीसदी तक ले जाना पड़ा, वह अब अर्थव्यवस्था की बढ़ती विकास दर और सरकार के बढ़ते राजस्व से घटनी शुरू हो गई है। अंतरिम बजट भाषण में वर्ष 2023-24 का पुनरीक्षित वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी होने तथा आगामी 2024-25  के लिए 5.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। 
वित्त मंत्री के मुताबिक आगामी 2025-26 तक इसे 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य हासिल हो जायेगा। अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने पूंजीगत व्यय और आधारभूत संरचना के निर्माण की प्राथमिकता पर एक बार फिर से अपना बल दिया है। इसे ध्यान में रख कर पूंजीगत व्यय में करीब 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर आगामी वित्त वर्ष  2024-25  में करीब 11.1 लाख करोड़ रुपये व्यय करने का लक्ष्य रखा गया है, जो हमारे जीडीपी का 3.4  फीसदी है। इसमें रेलवे आधारभूत संरचना में विगत के फ्रेट कॉरिडोर निर्माण के अलावा तीन और ऊर्जा-सीमेंट-इस्पात ढुलाई कॉरिडोर, बंदरगाह कनेक्टीविटी कॉरिडोर और हाई डेनसिटी ट्राफिक कॉरिडोर विकसित किये जाने की घोषणा बेहद महत्वपूर्ण है। ये चारों कॉरिडोर पीएम गतिशक्ति की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा होंगे। रेलवे को लेकर इस अंतरिम बजट में जो दूसरी महत्वपूर्ण घोषणा है, वह यात्री ट्रेनों की मौजूदा 40 हज़ार बोगियों को वंदे भारत बोगी में तब्दील किया जाना।
मोदी सरकार ने इस अंतरिम बजट के जरिये यह दर्शाया है कि देश के विकास में बुनियादी विकास को वह काफी महत्व देती है। इसी के तहत अंतरिम बजट में भारत के हवाई परिवहन का भी एक वृहद रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। बताया गया है कि भारत में हवाई अड्डों की संखया दोगुनी बढ़कर अब 149 हो गई है और टीयर 2 और 3 के शहरों में हवाई यात्रियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है जिसके तहत 570 नये हवाई रूट बने हैं। यही वजह है कि भारत में 1000 नये हवाई जहाज़ के खरीद आर्डर दिये गए। अंतरिम बजट में पर्यटन उद्योग के विकास का नया खाका पेश किया गया है और भारत के भावी विकास की नयी संभावनाओं से इसे जोड़ा गया है। निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में मोदी सरकार द्वारा तीन तरह की आधारभूत संरचना यानी भौतिक आधारभूत संरचना, डिजिटल आधारभूत संरचना और सामाजिक आधारभूत संरचना के विकास का संकल्प दिखायी पड़ा। 
वित्त मंत्री ने यह दर्शाया कि उनकी सरकार ने पिछले दस सालों में 7 नये  आईआईटी, 16 नये ट्रिपल आई टी, 2 हज़ार आई टीआई, 15 एमस स्थापित करने के साथ करीब 1.84 करोड युवाओं का कौशल विकास किया। सामाजिक आर्थिक विकास कार्यक्रमों मसलन रसोई ईंधन, नल जल, बिजली कनेक्शन, पक्के मकान, मुफ्त राशन, बैंक खाता, शौचालय निर्माण के ज़रिये पिछले दस सालों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला। कुल मिलाकर गांवों में करीब तीन करोड पक्के मकान गरीबों को दिये गए और करीब 2 करोड़ और पक्के मकान बनाये जाने का आगामी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के हरित उर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, स्व-सहायता समूह के  विकास का पूरा उल्लेख किया गया। देशभर में करीब एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन करने तथा उन घरों में 300  यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की घोषणा की गई। बताया गया है कि इससे 15 हज़ार करोड़ रुपये के बिजली की बचत होगी। गौपालन व मत्स्य को लेकर एक नया मिशन और मंत्रालय बनाये जाने का भी अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया जिसमे यह कहा गया कि इससे 55 लाख नये रोज़गार हासिल होंगे। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने तीन राजनीतिक समूहों मसलन किसान, मज़दूर और मध्यवर्ग के अलावा महिलाओं व युवाओं को विशेष रूप से साधने का प्रयास किया है। महिला स्व-सहायता समूहों की उल्लेखनीय प्रगति का ब्यौरा देते हुए वित्त मंत्री ने इनकी मौजूदा 83  लाख की संख्या को बढ़ाकर 1 करोड़ करने की घोषणा की। बताया गया कि इसमें करीब 9 करोड़ महिलाएं स्वरोज़गार व जीवन आशा जुड़ी हुई हैं। इनमें करीब दो करोड़ महिलाएं अब लखपति बीबी की श्रेणी में आ चुकी हैं जिनकी संख्या मोदी सरकार बढ़ाकर तीन करोड़ करना चाहती है।
 नई आर्थिक नीति और कारपोरेट जनित आर्थिक सुधार के मामलों में चैंपियन रहने के बावजूद नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन और किसान आंदोलन को लेकर किये गए विवादास्पद फैसलों से आर्थिक विकास दर 2017 से लेकर 2021 तक हतोत्साहित रही परन्तु अब मौजूदा स्थिति ने मोदी सरकार को मुस्कुराने का मौका दिया है और यह मौका ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव आसन्न है और पहचान से लबरेज भारतीय राजनीति के आकाश में राम मंदिर निर्माण के ज़रिये उसे एक राजनीतिक सूर्य प्राप्त हो गया है जिसकी रोशनी में मोदी सरकार राजनीतिक रूप से आरामदेह दिख रही है और इसी का लक्षण इस अंतरिम बजट में भी परिलक्षित हुआ है, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं और मुफ्त की रेवड़ियों की बौछार नहीं है फिर भी ये लोगों को गुदगुदा रही है।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर