गौरव गोगोई ने लोकसभा में उठाए बेरोज़गारी व कृषि संकट के मुद्दे

 

राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘महाराजा’ होने का आरोप लगाया, जिन्होंने संसद को ‘लोकतंत्र के मंदिर’ से ‘राजा के दरबार’ में बदल दिया है। कांग्रेस नेता ने देश में बेरोज़गारी की गम्भीर स्थिति को भी उजागर किया। गोगोई ने कहा कि भारत में 25 वर्ष से कम आयु के लगभग 42 प्रतिशत ग्रेजुएट बेरोज़गार हैं। उन्होंने कहा कि नौकरियां न मिलने के कारण नौजवान बेहद निराश हैं। इस संबंध में उन्होंने हाल ही में घटित एक घटना का भी ज़िक्र किया, जिसमें 303 लोगों जिनमें अधिकतर प्रधानमंत्री के गृह प्रदेश से थे, ने एक चार्टड विमान किराए पर लेकर गैर-कानूनी ढंग से अमरीका में दाखिल होने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि 2022-23 में 90 हज़ार लोगों ने अवैध रूप में अमरीका में दाखिल होने की कोशिश की। वह अपने घर-परिवार को छोड़ कर यूएई, कनाडा, अमरीका जाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने आगे कहा कि महाराज इतने ऊंचे सिंहासन (कुर्सी) पर बैठे हैं कि उन्हें यह सब दिखाई नहीं दे रहा। उन्होंने आगे कहा कि जब किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, नौजवान कह रहे हैं कि वे बेरोज़गार हैं, महिलाएं कह रही हैं कि महंगाई बहुत है, जब देश के 50 प्रतिशत स्रोतों को सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी नियंत्रित कर रही है तो वह (प्रधानमंत्री) देश को सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र को कमज़ोर करने तथा अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भ्रम (झूठ) का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह राजा को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए लोगों को मायाजाल (भ्रम के जाल) में फंसाना चाहते हैं।
नितीश द्वारा मोदी, शाह व नड्डा से मुलाकात
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के ‘फ्लोर टैस्ट’ (विधायकों का बहुमत सिद्ध करने की परीक्षा) से पहले जनता दल (यू) के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा गत माह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को छोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने तथा यह कहते हुए कि अब वह इसे दोबारा नहीं छोड़ेंगे, के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की गई। प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद नितीश ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा अध्यक्ष जी.पी. नड्डा से भी मुलाकात की। नितीश द्वारा भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात में दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव से पहले कई प्रभावशाली राजनीतिक मुद्दों से निपटने, जिनमें उनके तथा उनके छोटे भागीदारों में चुनाव लड़ने के लिए संसदीय सीटों के विभाजन तथा प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से संबंधित मुद्दों बारे भी चर्चा की गई। बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों खाली हो रही हैं, जिनके लिए 27 फरवरी को चुनाव होंगे। ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि नितीश बिहार विधानसभा को भंग करने के इच्छुक हैं ताकि इसके चुनाव अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनाव के साथ हो सकें, परन्तु शायद भाजपा, जिसके पास सदन में जे.डी. (यू) से कहीं अधिक ताकत है, को यह विचार स्वीकार न हो। 
भाजपा की ओर जा सकता है आरएलडी
समाजवादी पार्टी (सपा) तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच दूरियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं, क्योंकि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी मुजफ्फरनगर, कैराना तथा बिजनौर लोकसभा सीटों पर आरएलडी के चुनाव चिन्ह पर अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ाना चाहती है, जिसे लेकर जयंत चौधरी काफी नाराज़ हैं। आरएलडी तथा इसके प्रमुख जयंत चौधरी के भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने के संकेत तब मिले, जब समाजवादी पार्टी द्वारा पुरानी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में दाखिल होने जा रही राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने के निमंत्रण को अखिलेश यादव ने स्वीकार कर लिया। भाजपा ने आरएलडी को उत्तर प्रदेश में चार लोकसभा सीटों (कैराना, बागपत, मथुरा तथा अमरोहा) के अतिरिक्त केन्द्र में एक मंत्री पद तथा लखनऊ से एक और सीट देने की पेशकश की है जबकि आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी, जो कि 2022 में सपा के समर्थन से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे, ने भाजपा के साथ बैठकों के ताज़ा समाचारों पर चुप्पी धारण की हुई है। 
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वीरवार को कहा कि भाजपा जानती है कि पार्टियों को कैसे तोड़ना है और कब व किसे खरीदना है। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर ईडी, सीबीआई तथा आयकर विभाग जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने के भी आरोप लगाए। फिलहाल इस 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश राज्य में सीटों के विभाजन को लेकर कांग्रेस तथा सपा के बीच चर्चा चल रही है। सपा ने पहले ही 16 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और कांग्रेस को 11 सीटों की पेशकश की है, जो कि 20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
बहुमत सिद्ध करेंगे नितीश
बिहार विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वह अपने पद से नहीं हटेंगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह घोषणा भी की कि वह 12 फरवरी को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले इस्तीफा नहीं देंगे, जिस दिन मुख्यमंत्री नितीश कुमार को ‘फ्लोर टैस्ट’ का सामना करना है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से संबंध रखने वाले चौधरी वर्तमान समय में बिहार विधानसभा के स्पीकर हैं। राजग नेता ‘फ्लोर टैस्ट’ से पहले उन्हें हटाना चाहते हैं। 28 फरवरी को भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास का नोटिस सचिव को जारी किया था। सचिव को नोटिस देने के 14 दिन बाद स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। यदि 38 विधायक अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो वोटिंग प्रक्रिया पूर्ण हो सकती है। दूसरी ओर जीतन राम मांझी ने नितीश कुमार कैबिनेट में दो मंत्रियों के पदों की मांग की है, जिससे सरकार में नया तनाव बढ़ गया है। विधानसभा में हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (एस) के चार विधायक हैं, जिनकी ‘फ्लोर टैस्ट’ में भूमिका अहम बन जाती है जबकि कांग्रेस द्वारा हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (एस) के जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई है।