ईरानी राष्ट्रपति की मौत, हादसा या साज़िश !

हालांकि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हैलीकॉप्टर के क्रैश होने को लेकर अभी तक साज़िश की कोई ठोस बात सामने नहीं आयी, लेकिन अमरीकी सीनेट में वरिष्ठ डेमोक्रेट सांसद चक सूमर ने कहा है कि हम पूरे घटनाक्रम पर नज़र बनाये हुए हैं और पूरे मामले की बारीकी से जांच हो रही है। लेकिन जिस तरह से इज़रायली मीडिया में ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर जश्न मनाया जा रहा है और जिस तरह से इज़रायली रब्बी इसे ईश्वर का न्याय बता रहे हैं, उससे लगता है कि काफी संख्या ऐसे लोगों की भी है, जो हैलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गये ईरानी राष्ट्रपति की मौत से बेहद खुश हैं। इज़रायल के एक रब्बी मीर अबुतबुल ने फेसबुक में रईसी को ‘तेहरान का जल्लाद’ बताया और कहा, ‘यह शैतान यहूदियों को फांसी देना चाहता था, इसलिए ईश्वर ने उसे हैलीकॉप्टर दुर्घटना में नष्ट कर दिया। यह भी ईश्वर की सजा का एक रूप है।’
गौरतलब है कि 19 मई 2024 को शाम करीब 7 बजे ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी विदेशमंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन समेत 9 लोगों के साथ जिस हेलीकॉप्टर में अजरबैजान से वापस ईरान आने के लिए सवार हुए थे, वह हैलीकॉप्टर अजरबैजान की सीमा के पार एक वन्यजीव गलियारे डिजमार्क संरक्षित क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें ईरान के राष्ट्रपति और विदेशमंत्री के अलावा ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलेक रहमती और पूर्वी अजरबैजान में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के प्रतिनिधि अयातुल्लाह मोहम्मद अली आलेहासैन भी सवार थे। ये सब लोग अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीएब के साथ अजरबैजान और ईरान द्वारा मिलकर तैयार किये गए एक सहकारी बांध का उद्घाटन करके लौट रहे थे। घंटों की तलाश के बाद जब राहतकर्मी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां कोई भी राहत देने वाली खबर नहीं थी। वहां किसी के बचने की संभावना तो दूर, किसी शव के पहचाने जाने की भी स्थिति नहीं थी। इसलिए अब 50 दिनों के भीतर ईरान में नये राष्ट्रपति चुनाव होंगे। हालांकि प्रशासनिक दायित्व-निर्वाहन हेतु मौजूदा उप-राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर को अंतरिम राष्ट्रपति और उप-विदेश मंत्री बाघेरी कनी को नया विदेश मंत्री बनाया गया है।
जो लोग इस हादसे में साज़िश की बू सूंघ रहे हैं, उनका मानना है कि जब तीन हैलीकॉप्टर एक साथ उड़े थे और दो हैलीकॉप्टर उसी विकट मौसम की स्थितियों में सुरक्षित रूप से ईरान के तय शहर तबरीज में लैंड हो गये, तो राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर क्यों उस खराब मौसम की बाधा को पार नहीं कर सका? सोशल मीडिया में सूत्रों से ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर काफी पुराना और जर्जर था। बड़ी बात यह है कि आमतौर पर वीआईपी हेलीकॉप्टर बीच में होता है और उसके आगे-पीछे या अगल बगल उसका सुरक्षा कानवाय चलता है। लेकिन यहां वीआईपी हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और साथ चल रहे दोनों हैलीकॉप्टर को पता ही नहीं चल पाया जबकि अगर ये दोनों हैलीकॉप्टर राष्ट्रपति का सुरक्षा कानवाय बनकर चल रहे थे, तो उन्हें इसकी हार्डलैंडिंग का पता क्यों नहीं चला? दूसरी बात यह कि वीआईपी लोग जिस हैलीकॉप्टर से उड़ान भरते हैं, उसे प्राय: हार्डलैंडिंग की स्थितियों से निपट लेने तक के स्तर की मज़बूती दी जाती है। गौरतलब है कि हार्डलैंडिंग उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई विमान या हैलीकॉप्टर खराब मौसम, संचालन की त्रुटि या यांत्रिक समस्याओं के कारण अपेक्षा से कठिन और अधिक तेज़ी से जमीन पर लैंड करता है, या दूसरे शब्दों में जमीन से टकरा जाता है। चूंकि हैलीकॉप्टर इस तरह की दुर्घटनाओं का शिकार दशकों से होते रहे हैं, इसलिए नई हैलीकॉप्टर निर्माण में इस खास दुर्घटना आशंका को ध्यान में रखकर हैलीकॉप्टर बनाये जाते हैं और विशेषकर वीआईपी लोगों के इस्तेमाल के लिए इन्हीं हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल होता है। सवाल है, क्या ईरानी राष्ट्रपति का हैलीकॉप्टर हार्डलैंडिंग स्थितियों से निपटने लेने लायक था या नहीं?
सोशल मीडिया में इन आशंकाओं से संबंधित कुछ ऐसी पोस्ट भी देखने को मिली हैं कि राष्ट्रपति के हैलीकॉप्टर में कुछ गड़बड़ियां थीं, लेकिन ईरान की किसी अधिकृत एजेंसी या सरकार की तरफ से ऐसी कोई आशंका नहीं व्यक्त की गई। यह भी सच है कि ईरान कई तरह के हैलीकॉप्टर का संचालन करता है, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जो देश की इस्लामिक क्रांति यानी 1979 से भी पहले के हैं और जिस तरह से दशकों से ईरान को तरह-तरह के प्रतिबंधों का शिकार होना पड़ रहा है, माना जाता है कि उन बाधाओं के कारण ईरान के विमानों और हैलीकॉप्टरों को ज़रूरी स्पेयर्स पार्ट्स खरीदने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तो क्या ईरानी राष्ट्रपति की मौत प्रतिबंधों के चलते पैदा हुई लाचारी का नतीजा भी हो सकती है? अगर ऐसा है तो यह न सिर्फ बहुत दुखद है बल्कि आगे के लिए भी बहुत खतरनाक है, क्योंकि ईरान के ज्यादातर विमान और हैलीकॉप्टर काफी पुराने हैं और अकसर यह बात रह रहकर सामने आती रही है कि इनका रख-रखाव एक बड़ी समस्या है। इसलिए अगर ईरान के राष्ट्रपति प्रतिबंधों से उपजी इस दयनीयता के चलते हादसे का शिकार हुए हैं तो ईरान को जल्द ही ऐसी स्थितियां अपने अनुकूल बनानी होंगी कि उसके विमान और हैलीकॉप्टर उड़ते हुए मौत के हिंडोले न साबित हों।
राष्ट्रपति रईसी के काफिले के जो दो हेलीकॉप्टर सुरक्षित जमीन पर उतरे, उनमें एक में ऊर्जा मंत्री अकबर महेरबियन और आवास एवं परिवहन मंत्री मेहरदाद बजरपास सवार थे इन वरिष्ठ मंत्रियों तथा, इन हैलीकॉप्टर के क्रू ने ऐसी किसी भयानक स्थिति का सामना नहीं किया, जिससे इन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कत आयी हो। सवाल है कि खराब मौसम फिर कितना खराब था? कहीं ऐसा तो नहीं है कि राष्ट्रपति के हैलीकॉप्टर को विशेष रूप से टारगेट किया गया हो? यह बात इसलिए भी सोची जा सकती है, क्योंकि ईरान के राष्ट्रपति रईसी के साथ कई तरह के आरोप चस्पां रहे हैं। उन्हें बेहद कट्टरपंथी माना जाता था और वह सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी भी माने जाते थे और उनके प्रतिद्वंद्वियों को यह आशंका थी कि वह खामनेई के उत्तराधिकारी भी हो सकते थे। इब्राहीम रईसी ईरान के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनके पदभार ग्रहण करने पहले ही अमरीका ने कड़ा प्रतिबंध लगा दिया था। माना जाता है कि वह ईरान के 1988 के उस खुफिया ट्रिब्यूनल का महत्वपूर्ण हिस्सा थे, जिसे डेथ कमेटी के रूप में जाना जाता है और जिसने ईरान के 5000 नेताओं को एक ही फैसले के तहत देशद्रोही साबित कर दिया था, जिस कारण उन्हें फांसी की सजा सुनायी गई।
इसलिए न सिर्फ इज़रायल के रब्बी बल्कि ईरान में भी लोगों का एक बड़ा तबका है जो उन्हें मौत का सौदागर और ‘ईरान का जल्लाद’ जैसे शब्दों से नवाजता था। 19 जून, 2021 को ईरान का राष्ट्रपति बनने से पहले इब्राहिम रईसी 2019 में ईरान के चीफ जस्टिस बनाये गये थे। तभी से अमरीका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। माना जाता है कि 1994 में जब वह तेहरान के प्रोसिक्यूटर जनरल बने, तब से ईरान में फांसियों की आंधी आ गई थी और इस आंधी में इनकी संदिग्ध भूमिका देखी जाती थी। लब्बोलुआब यह कि न सिर्फ देश के बाहर बल्कि भीतर भी उनके दुश्मनों की बहुत लम्बी फेहरिस्त थी। इसलिए भी यह हादसा कहीं न कहीं साज़िश की आशंकाओं से जुड़ता तो है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर