भाजपा के लिए आसान नहीं है इस बार पिछला इतिहास दोहराना

इस बार हरियाणा में भाजपा के लिए पिछला 2019 वाला इतिहास दोहराना आसान नहीं है। पिछली बार हरियाणा की सभी 10 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत हासिल की थी। भाजपा नेता इस बार पिछला इतिहास दोहराने के लिए जी-जान से न सिर्फ कोशिश कर रहे हैं बल्कि हरियाणा के चुनावी संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह सहित तमाम बड़े भाजपा नेताओं को चुनाव प्रचार में झोंक रखा है। इसके बावजूद भाजपा नेताओं के चेहरे पर पिछले चुनाव जैसी चमक और रौनक नजर नहीं आ रही है। पिछली बार मोदी लहर में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर भाजपा की आंधी में कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से चुनाव हार गए थे। इस बार भूपेंद्र हुड्डा चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि उनके राज्यसभा सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर रोहतक से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस नेताओं की बॉडी लैंग्वेज और चेहरे की चमक यह दिखा रही है कि इस बार जमीनी हकीकत पिछली बार से बेहद अलग है। 
भडाना की पार्टियों की परिक्रमा
हरियाणा के पूर्व मंत्री और चार बार सांसद रह चुके अवतार सिंह भडाना पार्टियों की परिक्रमा करने में लगे हैं। वे किसी एक पार्टी में टिक नहीं पा रहे हैं। कभी इस पार्टी में तो कभी उस पार्टी में छलांग लगाने में व्यस्त हैं। अब उनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई है। कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया ने भडाना को कांग्रेस में शामिल कर लिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवतार भडाना के कांग्रेस में शामिल होने से फरीदाबाद और गुरुग्राम सीटों पर राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों के लिए 25 मई को मतदान होना है। भडाना गुर्जर समुदाय से हैं और गुर्जर बहुल इलाकों में उनकी अच्छी पैठ है। उन्हें पार्टी ने फरीदाबाद और गुरुग्राम में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है। फरीदाबाद से कई बार चुनाव जीत चुके भडाना उत्तरप्रदेश के मेरठ क्षेत्र से भी सांसद रह चुके हैं। लंबे समय तक उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्त्रिय रहे भडाना अब फिर से हरियाणा की राजनीति में लौट आए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते चौधरी देवीलाल ने बिना विधायक बने ही वर्ष 1988 में भडाना को मंत्री पद की शपथ दिलवा कर उन्हें चर्चा में ला दिया था। उन्हें तब शहरी स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला के विरोध की वजह से छह महीने बाद ही उनकी मंत्रिमंडल से विदाई हो गई थी। इस दौरान भडाना ने कई बार दल बदले, लेकिन अब फिर से कांग्रेस में लौट आए हैं।
पसीना-पसीना होती जूही बब्बर
 हरियाणा में गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर की जीत के लिए उनकी बेटी फिल्म अभिनेत्री जूही बब्बर गर्मी में खूब पसीना बहा रही हैं। गांव-गांव जा कर लोगों को समझा रही हैं कि चुनाव जीतने पर इस इलाके के विकास के लिए उनके पापा क्या करेंगे। जूही कह रही हैं, पापा जादू की छड़ी से नहीं, गुड़गांव के लोगों के बीच रह कर इस क्षेत्र के विकास को गति देंगे। हरियाणा के गुड़गांव क्षेत्र के लिए मतदान 25 मई को होगा। सोहना पहुंच कर लोगों से राज बब्बर को वोट देने की अपील करते हुए जूही बब्बर ने कहा कि गुड़गांव भले ही मिलेनियम सिटी के तौर पर घोषित किया गया हो, लेकिन यहां शिक्षा, बिजली पानी, सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। 
लोगों को अपने घरों से दफ्तर पहुंचने के लिए कई घंटों तक बसों का इन्तजार करना पड़ता है। जूही ने कहा कि सेवा बंगलों में बैठ कर नहीं, बल्कि लोगों के बीच में रह कर की जाती है। राज बब्बर का यही तरीका है। राज बब्बर को बाहरी उम्मीदवार बताने के जवाब में जूही कहती हैं कि उनके परिवार ने पाकिस्तान से आते समय सबसे पहले अंबाला में ही शरण ली थी। अब वे गुरु द्रोणाचार्य की धरती के लोगों की सेवा के लिए गुड़गांव आये हैं। जूही ने कहा कि नेताओं की निष्क्त्रियता की वजह से ही गुड़गांव का बहुत सा हिस्सा अभी भी पिछड़ा हुआ है। संपूर्ण गुड़गांव के विकास के लिए राज बब्बर की जीत जरूरी है।
खट्टर को रेवड़ी का झटका
हरियाणा की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को तगड़ा झटका दिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रेवड़ी भाजपा छोड़ कर अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं हैं। रेवड़ी का पानीपत शहरी विधानसभा क्षेत्र करनाल लोकसभा में आता है। खट्टर यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। रेवड़ी ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर पहली बार पानीपत शहरी क्षेत्र से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी और पानीपत के भाजपा जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को रेवड़ी ने व्हाट्सएप पर ही अपना इस्तीफा भेज दिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं। अपने हाथ से लिखे इस्तीफे में रेवड़ी ने कहा कि वह निजी कारणों के चलते भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। इसके बाद बिना कोई देर किए रेवड़ी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
खत्म होगी सदन की सदस्यता?
जजपा के दो विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए जजपा की तरफ से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को शिकायत दी जा चुकी है। लिखित शिकायत में मांग की गई है कि बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग और नरवाना के रामनिवास सूरजाखेड़ा की सदस्यता रद्द कर दी जाए। शिकायत में सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज लगाए गए हैं, जिनमें सिहाग और सूरजाखेड़ा भाजपा के मंच पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं। हिसार और सिरसा लोकसभा सीटों से जजपा के उम्मीदवारों के मैदान में होने के बावजूद सिहाग और सूरजाखेड़ा हिसार में भाजपा उम्मीदवार चौधरी रणजीत सिंह और सिरसा में डॉ. अशोक तंवर के लिए वोट मांग रहे हैं। जजपा ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि और दलबदल माना है और उनके बयानों को भी शिकायत के साथ नत्थी किया गया है। 
पर्दे के पीछे रहेंगे बबली
हरियाणा के पूर्व ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली लोकसभा चुनाव में पर्दे के पीछे रहेंगे। खुद आगे बढ़ कर तो कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा के लिए वोट नहीं मांगेगे, लेकिन अपने समर्थकों को कह रहे हैं कि टोहाना में वे कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा की मदद करें। माना जा सकता है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जजपा के लिए यह एक कठिन परीक्षा का दौर है। टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा जजपा के लिए एक झटका है। बबली ने हाल ही में टोहाना क्षेत्र में रायशुमारी करवाई थी कि लोकसभा चुनाव में किस पार्टी की मदद की जाए। सर्वे के बाद बबली ने अपने समर्थकों से बातचीत के बाद कहा कि लोकसभा चुनाव में उनके कार्यकर्ता कांग्रेस उम्मीदवार की मदद करेंगे। बबली खुद प्रचार नहीं करेंगे, बल्कि उनके समर्थक ही चुनाव की बागडोर संभालेंगे। बबली ने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उन्हें किस पार्टी में शामिल होना है, इसका फैसला वह लोकसभा चुनावों के बाद ही करेंगे। 

-मो.-9855465946