गर्मी की तपन से पशु-पक्षी और पेड़-पौधे भी हलकान

भीषण गर्मी और हीट वेव की तपन मानव के साथ बेजुबान पशु पक्षियों और हमें जीवनदायी आक्सीजन प्रदान करने वाले पेड़ पौधों को भी हलकान कर रही है। गर्मी ने पशु-पक्षियों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पशु-पक्षियों को ज़िंदा रहने के लिए हर रोज़ पानी की ज़रूरत होती है। गर्मियों में हर साल सैकड़ों पक्षी और आवारा पशु पानी की कमी से मर जाते हैं। तेज़ी से कम होते प्राकृतिक जल स्रोत और पेड़ों की कमी से इन बेजुबानों की स्थिति विकट हो गई है। गर्मियों में पक्षियों को भी प्यास अधिक लगती है जबकि पानी की उपलब्धता कम हो जाती है। गर्मी की तपन के साथ बेजुबान जानवरों की परेशानियां बढ़ गयी। एक जमाना था जब देशभर में पानी के प्राकृतिक स्रोत मौजूद थे। मगर आज पानी के प्राकृतिक स्रोत न के बराबर हैं। जो बचे भी हैं उनका पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में आप तो अपने घर में साफ पानी की व्यवस्था कर लेते हैं मगर जानवरों और पक्षियों को इन्हीं गंदे पानी के स्रोतों से प्यास बुझानी पढ़ती है जिससे इनको फायदा कम होता है बल्कि ये बीमार भी हो जाते हैं। घरों के आँगन तथा छत पर पंछियों के लिए छोटे-छोटे पात्रों में जल भरकर रखना चाहिए, जिससे गर्मी में थक कर आये पक्षी जल ग्रहण कर पुन: अनंत आकाश में गोता लगा सकें। 
गर्मी की तपन से इन्हें बचाने के लिए जिस तरह इंसान को शुद्ध पानी और वायु की ज़रूरत होती है, उसी प्रकार गर्मी में पशु-पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम लोग करते हैं, ताकि पक्षियों को भी जीवन मिल सके। पशु-पक्षियों की सेवा करने वाले लोगों का मानना है घर की छतों पर पक्षियों के लिए दाना पानी रखने से घर में स्मृद्धि आती है। शास्त्रों में बेजुबान जानवरों की सेवा करने के लिए कहा गया है। इसका भी अपना धार्मिक महत्व है। साथ ही पशुओं और पक्षियों की सेवा करने से मन को काफी शांति मिलती है। ज्योतिष के अनुसार भी पक्षियों को पाने पिलाने के बहुत से फायदे हैं। पशु पक्षियों को दाना और पानी पिलाने से भविष्य में आपके ऊपर आने वाली परेशानियां ये बेजुबान जानवर अपने ऊपर ले लेते हैं। इसके अलावा यह आपके ग्रह संबंधी दोषों को भी दूर करते हैं जिससे आपकी परेशानियां कम होने लगती है।
गर्मी शुरू होते ही समाज सेवी लोग जगह-जगह प्याऊ की व्यवस्था करते है। आज ज़रुरत इस बात की है, की ठीक वैसे ही पक्षियों के लिए भी प्याऊ की व्यवस्था की जाये ताकि उन्हें भी गर्मी में साफ और ठंडा पानी मिल सके। साफ पानी न मिलने से उन्हें गर्मी में ज्यादा तकलीफ होती है। पानी खत्म होते ही दूसरा पानी और गर्म होते ही ठंडा पानी भरें, ताकि जानवरों को भी शुद्ध और ठंडा पानी मिल सके। घर के बाहर या बालकनी में छांव वाली जगह पर बर्तन में पानी भरकर रखें। पानी और दाना आदि रख रहे हैं तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखें। इस चीज को सुनिश्चित कर लें कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से उचित हो, ज्यादा छोटा या ज्यादा बड़ा बर्तन भी ठीक नहीं। एक समय ऐसा भी था जब लोग अपने घरों के बाहर जानवरों के लिए पानी के छोटे कुंड बनाते थे मगर शहरीकरण के कारण यह व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गयी। गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं।