जम्मू-कश्मीर में चुनावी गतिविधियां

विगत दिवस भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से किया गया दो दिवसीय जम्मू एवं कश्मीर का दौरा बहुत ही अहम कहा जा सकता है। इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के साथ दो निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं एस.एस. संधू भी थे। श्रीनगर में चुनाव आयोग के सदस्यों ने वहां की 9 पार्टियों के साथ भेंट की जिनमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा, सी.पी.आई.एम., नैशनल कान्फ्रैंस, पीप्लज़ डैमोक्रेटिक पार्टी, जम्मू एंड कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी (भीम) तथा जम्मू एंड कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी (इंडिया) आदि शामिल थीं। इन सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने होने वाले चुनावों के प्रति सकारात्मक समर्थन दिया परन्तु साथ ही यह भी कहा कि ये चुनाव पारदर्शी ढंग से तथा पूरी तरह सुरक्षित होने चाहिएं। विगत दिवस जम्मू के क्षेत्र में हुईं बड़ी आतंकवादी घटनाओं ने एक बार फिर वहां दहशत का माहौल पैदा किया है परन्तु चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के प्रति सकारात्मक समर्थन देते हुए इन्हें समय पर तथा हर ढंग से करवाने की वचनबद्धता प्रकट की है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी कहा कि पिछले समय में हुए लोकसभा चुनावों में भी इस क्षेत्र की सभी पार्टियों ने इनमें भरपूर रूप से भाग लिया था। उन्होंने इस क्षेत्र में चल रही अमरनाथ यात्रा का ज़िक्र किया, जो सुरक्षा के घेरे में निर्विघ्नता से चल रही है।
अब यहां विधानसभा के ये चुनाव 10 वर्ष की अवधि के बाद होने जा रहे हैं। पिछली बार ये चुनाव नवम्बर-दिसम्बर 2014 में हुए थे। इन चुनावों में विधानसभा की कुल 90 सीटों में पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी को 28 सीटें तथा भारतीय जनता पार्टी को 25 सीटें मिली थीं। पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी एवं भाजपा ने पिछले चुनावों के बाद गठबंधन की सरकार बनाई थी जो बाद में भाजपा की ओर से समर्थन वापिस लेने के कारण 19 जून, 2018 को भंग हो गई थी। उसके बाद 20 दिसम्बर, 2018 को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
अगस्त 2019 को केन्द्र सरकार की ओर से इस प्रदेश को अधिक अधिकार देने वाली धारा-370 को हटाने की घोषणा कर दी गई थी। इस घोषणा के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंध न रखने की घोषणा कर दी थी तथा सीमा द्वारा होते आपसी व्यापार पर भी प्रतिबन्ध लगा दिये गये थे। पिछले दशक भर से पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रशिक्षण एवं हथियार देकर जम्मू-कश्मीर एवं अन्य स्थानों पर भेज कर भारत को रक्त-रंजित एवं परेशान करता आया है। नि:संदेह केन्द्र सरकार के हर पक्ष से किए गए बड़े यत्नों से जम्मू एवं कश्मीर के हालात एक बार फिर सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं। अब यहां की विधानसभा के चुनाव करवाने के लिए शुरू की गई गतिविधियों से भी यह उम्मीद पैदा होती है कि यहां का जन-जीवन पुन: पथ पर लौट सकेगा। ऐसा क्रम ही पाकिस्तान के गलत मन्सूबों पर बड़ी नकेल डालने वाला सिद्ध हो सकता है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द