वक्फ संशोधन विधेयक : क्या टीडीपी केन्द्र सरकार को समर्थन देगी ?
चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। जो आसानी से नहीं गुजरेगा, वह है वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर हंगामा। अगली बड़ी राजनीतिक लड़ाई तब होगी जब संयुक्त संसदीय समिति विधेयक को संसद में वापिस भेजेगी। भारत भर में मुस्लिम समुदाय शीतकालीन सत्र के दौरान बड़े प्रदर्शन के लिए तैयार है और मुस्लिम संगठनों ने मोदी सरकार को बड़े पैमाने पर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। समुदाय के लिए यह करो या मरो की स्थिति है। ऐसा नहीं लगता कि मोदी सरकार प्रस्तावित संशोधनों पर पीछे हटेगी। वर्तमान में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग सरकार नितीश कुमार का जनता दल (यू) और एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की दया पर है, जो दो मुख्यमंत्री धर्मनिरपेक्ष और मुस्लिम-हितैषी माने जाते हैं।
इन दोनों में से टीडीपी के अपने रुख को संशोधित करने की अधिक संभावना है। टीडीपी के पास आंध्र प्रदेश विधानसभा में बहुमत है और उसे भाजपा या पवन कल्याण की जनसेना के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में टीडीपी वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने का श्रेय मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को देती है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में जमात उलेमा-ए-हिंद द्वारा बुलायी गयी मुसलमानों की एक बैठक में टीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने यह खुलासा किया। टीडीपी नेता नवाब जान ने मुसलमानों की सभा को आश्वासन दिया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एक सुरक्षा कवच की तरह खड़े हैं और नायडू मुस्लिम हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक को पारित नहीं होने देंगे जिसमें कोई अगर और मगरनहीं है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के संविधान बचाओ सम्मेलन में जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू की दो आंखें हैं—एक हिंदू और दूसरी मुस्लिम और नायडू कहते हैं कि एक आंख को नुकसान पहुंचाने से दूसरी आंख भी प्रभावित होती है।
जान ने नायडू के शासन में मुसलमानों को मिलने वाले लाभों को गिनाया। उन्होंने नायडू की धर्मनिरपेक्ष मानसिकता की ओर इशारा किया और कहा कि नायडू के बिना वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 को संयुक्त संसदीय समिति के पास नहीं भेजा जाता। साथ ही नायडू चाहते हैं कि मुस्लिम संस्थान में केवल उसी धर्म के लोग हों। जान ने यह कहकर खूब वाहवाही बटोरी कि ‘हम सब कुछ बर्दाश्त करेंगे, लेकिन देश की एकता को नुकसान पहुंचाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ लेकिन अब तक जबकि वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरने की धमकी दे रहे हैं, न तो चंद्रबाबू नायडू और न ही नितीश कुमार ने इस मामले पर एक शब्द भी कहा है।
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पेश किये जाने के बाद से अचानक बढ़ते वक्फ के दावों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जेपीसी बैठकें कर रही है और वक्फ हॉटस्पॉट की यात्रा कर रही है। विपक्ष अब तक मुस्लिम समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है, जो इन विपक्षी दलों का वोट बैंक है। महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश विधानसभा के उप-चुनावों के नतीजे टीडीपी और जेडी (यू) द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार को समर्थन जारी रखने पर असर डालेंगे। (संवाद)