आओ कॉटन बॉल लांचर बनाएं

बच्चो! क्या तुमने कभी रबर बैंड को खींचकर किसी दूसरे पर फेंका है? न में सिर मत हिलाओ। यह शरारत सभी ने कभी न कभी की होती है। मैंने भी की थी। लेकिन इस ऊर्जा का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है और रबर बैंड-पॉवर्ड कॉटन बॉल लांचर बनाया जा सकता है। इसके लिए हमें कुछ चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी, जैसे छोटी सी पेंसिल, दो रबर बैंड, दो कार्डबोर्ड ट्यूब जिन पर टॉयलेट पेपर लपेटा जाता है, पैकिंग टेप, कैंची, कॉटन बॉल्स और सिंगल होल पंच।  अब सबसे पहले हमें यह करना है कि एक टॉयलेट पेपर को कैंची से लम्बाई में काटना है। इस रोल को दबाना है कि वह डायामीटर में अपने मूल आकार से पतला होकर आधा हो जाये और फिर उसे टेप से बांध दें कि वह अपनी जगह पर टिका रहे। इस ट्यूब में होल पंच से छेद कर दें कि वह एक-दूसरे के आमने सामने हों और सिरे से लगभग आधा इंच के फासले पर हों। यह इसलिए ताकि आप इनमें पेंसिल को घुसा सकें।
ध्यानपूर्वक पेंसिल को छेदों में घुसा दो। इसके बाद दूसरी टॉयलेट पेपर ट्यूब में एक सिरे पर दो स्लिट्स काट दें लगभग ( इंच लम्बे और आधा इंच के फासले पर) उसी सिरे पर वैसे ही दो स्लिट्स और काटने हैं जोकि पहली स्लिट्स के ठीक सामने हों। ध्यानपूर्वक एक रबर बैंड को एक तरफ की स्लिट्स में लूप बनाकर डाल दें कि वह कार्डबोर्ड के बीच तक लटका रहे। स्लिट्स पर टेप लगा दें ताकि कार्डबोर्ड टैप मज़बूत हो जाये।  दूसरे रबर बैंड को ट्यूब की दूसरी तरफ वाले स्लिट्स में लूप कर दें। जब आप यह काम पूरा करने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि रबर बैंड ट्यूब के दोनों तरफ लटक रहे हों, बीच तक। 
रबर बैंड ट्यूब को पकड़कर उसमें पतली ट्यूब घुसा दो ताकि रबर बैंड टॉप पर रहें और पेंसिल वाला सिरा नीचे की तरफ रहे। अब ध्यानपूर्वक रबर बैंड्स को खींचकर पेंसिल पर चढ़ा दें, कुछ इस तरह कि एक रबर बैंड पेंसिल के एक सिरे पर हो और दूसरा बैंड पेंसिल के दूसरे सिरे पर हो। 
अपने लांचर को इस तरह पकड़ें कि पेंसिल वाला सिरा नीचे की तरफ हो। कॉटन बॉल को टॉप पर इस प्रकार रख दें कि वह अंदर की पतली ट्यूब पर टिक जाये। 
बिना कॉटन बॉल को गिराये हुए लांचर को थोड़ा आड़ा पकड़ लें। पेंसिल को थोड़ा पीछे खींचों कि वह लांचर के दो इंच पीछे हो जाये। पेंसिल रिलीज़ कर दो और कॉटन बॉल को उड़ते हुए देखो।
इस प्रयोग में आपने दो प्रकार की ऊर्जा का प्रयोग किया, लोड करने और कॉटन बॉल लांच करने के लिए। जब आपने कॉटन बॉल को लोड करके पेंसिल को पीछे खींचा तो आपने सिस्टम में पोटेंशियल एनर्जी को जोड़ा। पेंसिल को जितना पीछे खींचा गया उतनी पोटेंशियल एनर्जी स्टोर हुई। जब पेंसिल को रिलीज़ किया तो पोटेंशियल एनर्जी काइनेटिक एनर्जी बन गई और कॉटन बॉल उड़ती हुई चली गई।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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