युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए
किसी भी देश के विकास में वहां के युवाओं की हमेशा अहम भूमिका होती है। देशों का भविष्य उसके युवा ही होते हैं, जो नई ऊर्जा और नई तकनीक के साथ विकास के पहिये को रफ्तार देते हैं और अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने देश और समाज का अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रौशन करते हैं, परन्तु आजकल पंजाब के युवा बेरोज़गारी के कारण खुद अनेक तरह की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसी कारण बड़ी संख्या में युवा जायज़-नाजायज़ तरीके से विदेश जाने के लिए मज़बूर हैं। बहुत-से युवा इसी कारण अपराध की दुनिया में दाखिल हो गये हैं और राज्य के लिए अमन और कानून के पक्ष से भी बड़ी समस्या बन गये हैं। राज्य में गैंगस्टरवाद, नशे की तस्करी और अन्य तरह के बढ़ रहे अपराधों को इस संदर्भ में भी देखा और समझा जा सकता है।
पंजाब के 15-29 वर्ष की आयु वाले युवाओं में व्यापक स्तर पर बेरोज़गारी पाई जा रही है। केन्द्र सरकार के आंकड़ों संबंधी मंत्रालय द्वारा अक्तूबर-दिसम्बर 2024 के समय के लिए जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं में बेरोज़गारी की दर जुलाई-सितम्बर 2024 में 12.2 प्रतिशत से बढ़कर अक्तूबर-दिसम्बर 2024 में 14.9 प्रतिशत हो गई थी। वैसे तो पुरुषों के मुकाबले राज्य की महिलाओं में और भी अधिक बेरोज़गारी पाई जा रही है। 2024 के जुलाई-सितम्बर के आंकड़ों अनुसार महिलाओं में बेरोज़गारी 18.5 प्रतिशत थी, जो अक्तूबर-दिसम्बर 2024 में बढ़कर 21.7 प्रतिशत हो गई थी। पुरुषों में इस समय दौरान बेरोज़गारी 10.7 प्रतिशत से बढ़कर 12.8 प्रतिशत हो गई थी। कुछ समय पहले अमरीका से जो गैर-कानूनी 332 प्रवासी वापिस भेजे गये थे, उनमें से 126 पंजाबी थे, जो इस तरह भेजे गये गैर-कानूनी प्रवासियों का 38 प्रतिशत बनते हैं। यह आंकड़ा भी बताता है कि पंजाब के युवाओं में कितने बड़े स्तर पर बेरोज़गारी पाई जा रही है। यदि पंजाब के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो इस पक्ष से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल तथा हरियाणा की स्थिति भी कोई बहुत अच्छी नहीं है। हरियाणा में 15-29 वर्ष आयु के 11.7 प्रतिशत युवा जुलाई-सितम्बर 2024 में बेरोज़गार थे। इसी वर्ष अक्तूबर-दिसम्बर में उनकी दर बढ़ कर 12.9 प्रतिशत हो गई थी। इसी समय के दौरान हिमाचल में बेरोज़गार युवाओं की दर 15.17 प्रतिशत से बढ़ कर 19 प्रतिशत हो गई थी।
चाहे हमने पंजाब से अतिरिक्त हिमाचल तथा हरियाणा के युवाओं में पाई जा रही बेरोज़गारी के आंकड़े भी दिए हैं, परन्तु यहां हम अधिक चर्चा पंजाब के युवाओं की स्थिति बारे करने जा रहे हैं। विगत लम्बे समय से पंजाब की अर्थव्यवस्था अधिकतर कृषि पर आधारित रही है, परन्तु पीढ़ी दर पीढ़ी भूमि बंट जाने के कारण तथा फसलों के लाभकारी दाम नहीं मिलने के कारण कृषि व किसान आर्थिक समस्याओं में घिर गए हैं और छोटे हो गए कृषि यूनिट किसान परिवारों के लिए तथा कृषि मज़दूरों के लिए अब लाभदायक नहीं रहे। इसलिए राज्य के युवाओं को रोज़गार के उचित अवसर देने के लिए जहां ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने की ज़रूरत है, वहीं गैर-कृषि उद्योग स्थापित करने संबंधी भी व्यापक स्तर पर योजनाबंदी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पंजाब सरकार के अलग-अलग सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भी तेज़ी से भर्ती की जानी चाहिए। लघु एवं मध्यम उद्योगों को दरपेश समस्याओं को दूर करके उनमें भी रोज़गार के अवसर बढ़ाए जाने चाहिएं। यह देखा गया है कि पंजाब के युवा परम्परागत किस्म के व्यवसाय जैसे कि घरों का निर्माण, बिजली की फिटिंग, सैनिटेशन, लकड़ी एवं लोहे के काम, फूड कॉर्नर तथा छोटे स्तर की अन्य दुकानों आदि प्रत्येक क्षेत्र में एक तरह से शून्य ही हो गए हैं। ऐसे बहुत-से काम भारत में विभिन्न राज्यों से आए ़गैर-पंजाबियों ने संभाल लिए हैं। पंजाब का पिछला इतिहास बताता है कि उपरोक्त किस्म के कार्यों में विशेषज्ञता हासिल करके भी पंजाबी युवा कुछ दशक पहले अच्छी रोज़ी कमाते रहे हैं। वर्तमान ज़रूरतों के अनुसार बहुत-से ऐसे व्यवसाय हैं, जिनका प्रशिक्षण प्राप्त करके युवा देश में ही रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। पंजाब में चाहे अधिक उद्योग नहीं, परन्तु जितने उद्योग चल भी रहे हैं, उन्हें भी प्रशिक्षित युवाओं की अक्सर ज़रूरत रहती है। इसलिए यदि पंजाब सरकार युवाओं को पंजाब के उद्योगों की ज़रूरतों के अनुसार आई.आई.टी. या अन्य तकनीकी संस्थाओं में प्रशिक्षण उपलब्ध करवाती है तो इससे भी रोज़गार के अवसर बढ़ सकते हैं। उद्योगों तथा अन्य निजी कारोबारों में सरकार को यह भी देखना चाहिए कि नौजवानों को उचित वेतन भी अवश्य मिले।
यदि हम चाहते हैं कि पंजाब के युवा अपने राज्य तथा समूचे देश के विकास में बड़ा योगदान डालें तो पंजाब सरकार को अपनी युवा नीति बनानी चाहिए और उसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को बेहतर शिक्षा देना, बेहतर संस्कार देना तथा उचित रोज़गार के अवसर देना होना चाहिए। यदि सरकार प्रतिबद्धता से ऐसे यत्न करती है तो राज्य में नशे की तस्करी, गैंगस्टरवाद तथा अन्य किस्म के अपराधों को कम करने में भी मदद मिलेगी और युवाओं को सम्मानजनक रोज़गार मिलने से वे अच्छा जीवन भी व्यतीत कर सकेंगे।