आतंकवाद की चुनौती

कुछ दशक पहले पंजाब बेहद कठिन दौर में से गुज़रा था। इसका सीना रक्त-रंजित हुआ था। इसकी आर्थिकता पूरी तरह से डगमगा गई थी। मायूसी का यह दौर लम्बी अवधि तक जारी रहा परन्तु धीरे-धीरे इसकी धड़कन वापस आ गई, परन्तु इसके बाद भी आर्थिक रूप से यह पूरी तरह न उठ सका। तत्कालीन सरकारों ने लक्ष्य निर्धारित किए, तेज़ दौड़ने का यत्न भी किया परन्तु वह भी अक्सर अधर में हांफते दिखाई दीं। इसकी आर्थिकता स्थिर न की जा सकी। युवा निराशा के आलम में विचरण करने लगे। प्रदेश में प्राथमिक सुविधाओं की कमी महसूस होने लगी। इसके साथ-साथ ही यहां किसी न किसी ढंग-तरीके से बाहर निकलने की होड़ भी मच गई। यह पलायन चाहे विदेशों को किया गया हो, चाहे देश के अन्य भागों में हुआ परन्तु यह प्रदेश की दर्दनाक नियति को ज़रूर बयान करता है।
जिस तरह यहां समस्याओं ने सिर ऊंचे उठा लिए हैं, प्रशासन और सरकारें उन पर काबू पाने में असमर्थ नज़र आईं। ऐसे अनेक अन्य कारणों के दृष्टिगत लोगों ने सरकारों को बदलने के लिए प्राथमिकता दी। मौजूदा सरकार भी ऐसी स्थिति के कारण ही अस्तित्व में आई है, परन्तु जिस तरह से तरह-तरह की समस्याओं ने घेरा हुआ है, उनसे सम्बोधित हो पाना, इसके लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी दिखाई देती है। विशेष रूप से अमन-कानून की बिगड़ती स्थिति और नशों की हुई भरमार ने प्रदेश का पूरा तंत्र ही उलझा कर रख दिया है। अब सरकार ने पूरा मन बना कर जिन दो बड़ी समस्याओं से निपटने का संकल्प लिया है, उनमें नशों के प्रचलन को प्रभावशाली ढंग से रोकना और अमन-कानून की स्थिति पर काबू पाना शामिल है। अमन-कानून की बिगड़ी स्थिति संबंधी प्रशासन ने बड़े कदम उठाने का संकल्प लिया है परन्तु इसके लिए उसे अनेक मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ेगी। इनमें एक पहलू बढ़ती हिंसा है। देश और खास तौर पर पंजाब की समस्याओं को बढ़ाने के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान भी लगातार सक्रिय रहा है। उसने 2 मोर्चों पर लगातार भारत की परेशानी को बढ़ाए रखा है। एक है भारी मात्रा में सीमा पार से तरह-तरह के नशों की खेप भेजना और दूसरा देश को अप्रत्यक्ष रूप में रक्त-रंजित करना शामिल है। इसमें समाज विरोधी तत्वों, गैंगस्टरों और सीमा पार बैठे देश विरोधी आतंकवादी संगठनों का बड़ा हाथ कहा जा सकता है। विगत दिवस जालन्धर में भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया के घर पर हैंड गे्रनेड फैंकने की बनाई गई योजना किसी क्रम का हिस्सा है। सूचनाओं के अनुसार विगत लम्बी अवधि से ऐसे ग्रेनेड और हथियार अलग-अलग ढंग-तरीकों द्वारा सीमा पार से इधर आते रहे हैं। यह भी एक बड़ा कारण है कि पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में ग्रेनेड फैंकने की घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य दहशत पैदा करना और प्रशासन को चुनौती देना है। घटित ऐसी बहुत-सी घटनाओं में पकड़े गए आरोपियों ने यह कबूल किया है कि ऐसा कुछ वह सीमा पार से आती प्रत्येक तरह की सहायता से ही कर रहे हैं।
नि:संदेह प्रदेश सरकार ने नशों के विरुद्ध युद्ध छेड़ा हुआ है और अमन-कानून की स्थिति को सुधारने का भी संकल्प लिया है, परन्तु जालन्धर में वरिष्ठ राजनीतिक नेता के घर पर ग्रेनेड फैंकने की कार्रवाई से देश विरोधी तत्वों ने जहां प्रशासन को एक बार फिर बचाव की स्थिति में ला खड़ा किया है, वहीं ऐसी कड़ी चुनौती भी पेश की है, जो उसके लिए कठिन परीक्षा की तरह है। इसका सामना करने के लिए पंजाब सरकार और प्रशासन को और अधिक दृढ़ता और योजनाबंदी से काम करना पड़ेगा।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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