टैरिफ को 90 दिन तक स्थगित करने के लिए मजबूर क्यों हुए ट्रम्प ?

जिस तरह डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ  ने दुनिया और वित्तीय बाज़ारों को हिलाकर रख दिया था, उसी तरह उनके क्रियान्वयन पर अचानक ब्रेक ने नेताओं से लेकर बाज़ार के दिग्गजों को भी उतना ही चौंका दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी अपने ‘पारस्परिक’ टैरिफ को लागू करने के समय को अचानक पीछे धकेल दिया था। उन्होंने इसे नब्बे दिनों के लिए टाल दिया और उसके बाद बाज़ारों में कुछ समय के लिए उछाल आ गया। उन्होंने चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए टैरिफ को रोक दिया। इस पूरे तमाशे ने ट्रम्प प्रशासन की पूरी अप्रत्याशितता और अवास्तविकता को रेखांकित किया। यहां तक कि अमरीकी वाणिज्य सचिव सहित उनके सबसे करीबी सहयोगियों और अधिकारियों को भी इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि यह स्थगन होना वाला है। ट्रम्प प्रशासन की अप्रत्याशितता ने वित्तीय बाज़ारों को फिर से प्रभावित किया और तेज़ी को रोक दिया।
लेकिन फिर सवाल है कि किस बात ने उनके बहुचर्चित टैरिफ  उपायों को लागू करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें जल्दबाजी में पीछे हटने पर मजबूर कर दिया? ट्रम्प ने दावा किया था कि व्यापार युद्ध की उनकी नीति नहीं बदलेगी। वह इन उपायों को अंत तक जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि कम से कम 75 देशों ने उनसे कुछ सौदा करने और उनके बढ़े हुए टैरिफ  से राहत देने का अनुरोध किया है। हमेशा की तरह ट्रम्प ने टैरिफ  उपायों के बारे में बड़बोलेपन से दावा किया था, लेकिन फिर भीरती हलकों में सभी देशों में एक साथ कठोर उपायों को आगे बढ़ाने का आत्मविश्वास और ऐसी भावना अधिक गंभीर विचारों को जन्म दे रही थी।
रिपोर्टों के अनुसार अमरीकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट बाज़ारों की स्थितियों को रेखांकित करने के लिए ट्रम्प के निजी आवास पर आये थे। वित्त सचिव ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि अमरीकी वित्तीय बाज़ार में गिरावट आयी है और यह वह केन्द्र है जिसके इर्द-गिर्द संघीय सरकार का वित्त चलता है।
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट थी कि गत बुधवार को अमरीकी संघीय सरकार के बॉन्ड प्रस्ताव ने उस तरह का तत्काल ध्यान आकर्षित नहीं किया, जैसा कि आमतौर पर होता है, जैसे टैरिफ  की तबाही के मद्देनज़र अमरीकी सरकार के ऋण के प्रमुख खरीदार अब इनके प्रति उत्साही नहीं थे। यानी अमेरीकी सरकार वित्तीय बाज़ारों से ऋण जुटाने में विफल रही। जैसा कि आम तौर पर जाना जाता है दुनिया भर की सरकारें वास्तव में अपने बकाया ऋणों का भुगतान कभी नहीं करती हैं। वे केवल उन ऋणों का भुगतान करने के लिए नये सिरे से उधार लेती हैं, जिनका भुगतान करने की बारी आती है। धन के इस चक्रीय प्रवाह के बिना सरकारें ठप हो जाएंगी। पारस्परिक टैरिफ और उसके बाद वित्तीय बाज़ारों में हुई उथल-पुथल ने वित्तीय बाज़ार पर पूरी तरह से रोक लगाने की संभावना पैदा कर दी। इसलिए इस संभावना को देखते हुए ट्रम्प को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपनी टैरिफ  योजनाओं पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया। यह अमरीकी बॉन्ड बाज़ार की स्थिति है जिसने उलटफेर किया और ट्रम्प को पूरी तरह से उलटफेर करने के लिए मजबूर किया। दूसरी बात, जो एक गंभीर विचार के रूप में काम किया, वह था जिसे वह ‘टैलीफोन की रोशनी’ कहते हैं। व्यापार जगत के अधिकारियों और उद्योग के नेताओं की ओर से बहुत-से टेलीफोन कॉल थे, जिन्होंने जो कुछ हो रहा था, उस पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। अपने टेलीफोन कॉल के माध्यम से अमरीका के ये व्यापार और उद्योग के नेता डोनाल्ड ट्रम्प की इन नीतियों को आगे बढ़ाने के खिलाफ  सलाह दे रहे थे। मुख्य आवाज़ जे.पी. मॉर्गन निवेश बैंक के व्यापक रूप से सम्मानित प्रमुख जेमीडिमन की थी। उन्होंने बैंक के शेयरधारकों को अपने वार्षिक पत्र में बहुत गंभीरता से भविष्यवाणी की थी कि अमरीका मंदी की ओर बढ़ रहा है।
कई अन्य लोगों ने भी इस संभावना का उल्लेख किया था, जिसमें लैरी समर्स, अत्यधिक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पूर्व वित्त सचिव शामिल थे, जिन्होंने ट्रम्प के आर्थिक पैकेज के बाद मंदी की भविष्यवाणी की थी। कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रम्प की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है। हालांकि ऐसा दिखावा कर रहे हैं कि वह अपनी धमकियों की सफलता से स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं। (संवाद)

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