ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बन कर टूट रही आकाशीय बिजली

जलवायु परिवर्तन से जहां जनजीवन बेहताशा प्रभावित हुआ है, वहीं प्राकृतिक आपदाएं बढ़ गई हैं। इन आपदाओं में सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार आकाशीय बिजली गिरने से सबसे ज़्यादा नुकसान उन लोगों को होता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और आंधी-तूफान के दौरान बाहर खुले में रहते हैं। प्रकृतिक आपदाओं से सबसे ज़्यादा नुकसान किसानों को होता है जिनकी फसल तो चौपट होती ही है, साथ ही खुले खेतों में काम करने के कारण उन पर बिजली गिरने की आशंका सबसे ज़्यादा होती है। देश के अनेक राज्य इस समय मौसम में बदलाव के कारण आंधी, तूफान, बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आपदा का शिकार हो रहे हैं। विशेषकर आकाशीय बिजली कहर बनकर टूट रही है। बिजली गिरने से लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई प्रदेशों में आकाशीय बिजली गिरने से 100 से अधिक लोगों की मौतें होने के समाचार मिले हैं और अनेक लोग घायल हुए हैं। पशुओं के मरने, पेड़ों के गिरने और सम्पति के नुक्सान की जानकारी भी लगातार मिलती रहती है। 
आकाशीय बिजली या तड़ित भारत में चिंता का विषय रही है, जिससे प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। आकाशीय बिजली एक शक्तिशाली करंट है। इसके गिरने के समय लोगों को खुद को बचाने का क्षण भर का समय भी नहीं मिलता। मौसम विभाग के अनुसार बिजली का गिरना या आघात एक बड़ा विद्युतीय प्रवाह है जो तूफान के दौरान हवा की गति के बढ़ने और कम होने के कारण उत्पन्न होता है। इस दौरान पृथ्वी की बाहरी परत पर सकारात्मक चार्ज होता है, जो विपरीत चार्ज को आकर्षित करता है। आंधी के बादलों में मौजूद नकारात्मक चार्ज पृथ्वी की बाहरी परत पर मौजूद सकारात्मक चार्ज से जुड़ना चाहता है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आकाशीय बिजली हर सेकेंड में 40 बार और एक दिन में लगभग 30 लाख बार गिरती है। 
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के साथ तेज़ चमकती रोशनी और उसके बाद कड़कड़ाती आवाज़ सुनाई देती है। आसमान में चमकी यह बिजली तेजी से पृथ्वी पर गिर कर इंसानों की मौत का कारण भी बनती है। यह भी बताया जाता है तेज़ गर्मी और नमी के मिलन से बिजली वाले विशेष तरह के बादल गरजने के साथ तूफान का रूप ले लेते हैं। इस प्रक्रिया को थंडरस्टॉर्म (गड़गड़ाहट-तूफान)कहा जाता हैं। थंडरस्टॉर्म मूल रूप से एक उग्र मौसम की स्थिति है जो बिजली के साथ आती है और एक प्रकार की तेज़ ध्वनि भी होती है जिसको गड़गड़ाहट के रूप में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में हर साल बिजली गिरने की करीब 2 लाख 40 हज़ार घटनाएं दर्ज होती हैं। इन घटनाओं में कितनी जानें जाती हैं, इसे लेकर कई तरह के अध्ययन अलग-अलग आंकड़े बताते हैं। एक स्टडी की मानें तो दुनिया में 24 हज़ार लोग हर साल बिजली गिरने से मारे जाते हैं। भारत में आकाशीय बिजली गिरने से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार हर साल 2 से 3 हज़ार लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण होती है। 

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