युद्ध के गहराते बादल
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर युद्ध के बादल गहरा गए हैं। लश्कर-ए-तैयबा प्रतिदिन भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रच कर पाकिस्तान की धरती से अपने हथियारबंद आतंकवादियों को इधर भेजता है। उसने नाम निहाद कई संगठन बनाए हुए हैं। ‘द रजिस्टैंट फ्रंट’ उससे संबंधित ही संगठन है, जिसने पिछले मंगलवार को पहलगाम के बैसारन पर्यटन स्थल पर 26 भारतीयों पर गोलीबारी कर हत्या करने की ज़िम्मेदारी ली है। अब तक दोनों देशों में 4 युद्ध हो चुके हैं। इनमें पाकिस्तान को नमोशीजनक हार का मुंह देखना पड़ा परन्तु इसके बावजूद इसके कई बड़े राजनीतिक नेताओं और सैन्य प्रमुखों ने भारत के विरुद्ध हमेशा ज़हर उगला है।
ज़ुल्फिकार अली भुट्टो जो पाकिस्तान का प्रधानमंत्री भी रहा है, जिसे बाद में वहां बनी सैन्य सरकार ने फांसी पर लटका दिया था, ने वर्ष 1972 में कहा था कि हम हज़ारों ज़ख्म देकर भारत को रक्त-रंजित करेंगे। इसी नीति पर ही वहां के सैन्य प्रमुख अब तक चले आए हैं। राजनीतिज्ञों की अपेक्षा वहां असली शासन सेना का ही चलता रहा है। विगत दिवस वहां के सैन्य प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भी भारत के विरुद्ध पूरा ज़हर उगला था, जिसके बाद पहलगाम में आतंकवादियों ने भारतीयों के खून से होली खेली। पाकिस्तान से ही हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त करके आतंकवादियों ने वर्ष 2001 में देश की संसद पर हमला करके इसकी प्रभुसत्ता को चुनौती दी थी। जुलाई 2006 में मुम्बई में बहुत-सी रेलगाड़ियों में बम धमाके किए गए थे। इससे भी आगे वर्ष 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने वहां इस महानगर के बाज़ारों और बड़े होटलों में सैकड़ों लोगों का खून बहाया था। वर्ष 2019 में कश्मीर के पुलवामा में ही एक बारुद से भरा वाहन आतंकवादियों ने सी.आर.पी.एफ. के वाहन में मार कर 40 सुरक्षा बलों को शहीद कर दिया था। नि:संदेह भारत के लिए यह पड़ोसी देश हमेशा की सिरदर्द बना रहा है। अब पहलगाम के निकट 26 भारतीयों, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, को सरेआम गोलियां मार कर एक बार फिर इन आतंकवादियों और हमारे पड़ोसी देश ने भारत को चुनौती दी है। इसके विरोध में एकजुट होकर लोगों ने रोष व्यक्त किया है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक स्वर में सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त की है और यह भी कहा है कि इन आतंकवादियों द्वारा पड़ोसी देश की ओर से दी गई चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। इस भयावह और दु:खद घटना के बाद सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं, जो पाकिस्तान के लिए कड़ा सन्देश है। यह भी कि भारत इन मनसूबों को हर स्थिति में नकेल डालेगा।
विश्व भर के देशों ने इस शोक के घड़ी में भारत के साथ खड़े होने को प्राथमिकता दी है, जिस कारण आज पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में अकेला खड़ा दिखाई दे रहा है। विगत समय में चीन और बड़े अरब देश जो इसकी प्रत्येक ढंग से सहायता करते रहे हैं, इससे किनारा करने लगे हैं। इसे कड़े आंतरिक टकराव का सामना करना पड़ रहा है। बलोचिस्तान और ़खैबर पख्तूनख्वा जैसे इसके प्रांत, इसके विरुद्ध दुश्मन बन कर खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक रूप से यह देश पूरी तरह खोखला हुआ दिखाई दे रहा है, जिसने इसके भविष्य पर बड़ा प्रश्न-चिन्ह लगा कर दिया है। जो रास्ता इसके संरक्षकों ने चुना है, वह इस देश को गहन अंधेरे में ले जाने का ही कारण बनेगा। भारत में संयुक्त रूप से पैदा हुए रोष का यह देश किस तरह मुकाबला करेगा, यह देखने वाली बात होगी।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द