कॅरियर में कामयाबी के लिए ज़रूरी है डिजिटल लर्निंग एब्लिटी
आज के दौर में कॅरियर में कामयाबी के लिए डिजिटल लर्निंग एब्लिटी का होना बहुत ज़रूरी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आज पल पल में तकनीकी बदल रही है और अगर हमें इस बदलती तकनीक के दौर में प्रासंगिक बने रहना है तो हमें इस तकनीक में पारंगत होना बहुत ज़रूरी है। यह तभी संभव है, जब हम बहुत तेज़ी से बदलती हुई तकनीक को उसके बदलने के क्रम में ही उस पर महारत हासिल कर लें। क्योंकि आज की नौकरी में सबसे बड़ी खासियत तकनीक में दक्ष होना ही रह गया है। पहले कोई भी तकनीक आती थी, तो यह मानकर चला जाता था कि वह कम से कम दस सालों के लिए है। फिर पिछली सदी के 90 के दशक में थोड़ी तेजी आयी और तकनीक पांच सालों की होने लगी। लेकिन 21वीं सदी के इस दूसरे दशक में तो तकनीक सामान्यत: एक साल में ही अगर आउटडेटिड नहीं तो अपडेट हो जाती है। इसलिए आज एक सीजन से दूसरे सीजन तक ज्यादातर डिजिटल डिवाइस पुराने पड़ जाते हैं। इस स्थिति में आज लगातार हमें तकनीक के मामले में अपनी कुशलता को अपडेट करते रहना ज़रूरी है। एक यह बात भी है कि आज नौकरियों के लिए जितने किस्म की नई-नई डिजिटल तकनीकों की ज़रूरत पड़ रही है, वैसे पहले कभी नहीं थी। आज के कई जॉब्स जैसे डाटा एनालिस्ट, यूआई/यूएक्स डिजाइनर, डिजिटल मार्केटर जैसे टॉप जॉब्स आज के दस साल पहले कहीं नहीं थे।
अगर आज की तारीख में कोई व्यक्ति एक्सेल और डाटा विजुलाइजेशन की तकनीक नहीं जानता, तो समझिए कि वो डिजिटल वर्ल्ड में निरक्षर है। जबकि अभी तीन साल पहले तक इन तकनीकों का जानने का मतलब यह था कि आप इस क्षेत्र की सबसे ऊंची तकनीकों में माहिर हैं लेकिन आज एक्सेल और डाटा विजुलाइजेशन डिजिटल क्षेत्रों की शुरुआती या बुनियादी स्किल्स में शामिल हो गई हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिजिटल दुनिया में स्किल की डिमांड कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। पूरी डिजिटल दुनिया में आप तब तक अपढ़ समझें जाएंगे जब तक डेटा ड्रिवन निर्णय लेने में सक्षम नहीं होंगे और इसके लिए लगातार इस क्षेत्र में बदलती स्किल्स के साथ आपको अपडेट रहना ज़रूरी है। एक जमाने में आईटी या इंजीनियरिंग एक विशिष्ट क्षेत्र होते थे। आज आईटी और इंजीनियरिंग ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसके हिस्से न हों। चाहे शिक्षा हो, चाहे खेती हो, चाहे मैडीकल का क्षेत्र हो, चाहे मीडिया हो या कानून का क्षेत्र। हर जगह डिजिटल टेक्नोलॉजी का वातावरण बन चुका है और हर क्षेत्र में आईटी और इंजीनियरिंग का खास दबदबा बन चुका है। आज आप चाहे जिस क्षेत्र में कार्यरत हों, कुछ डिजिटल डिवाइसेस के बिना आपका काम चल ही नहीं सकता। जैसे- चैट जीपीटी, गूगल वर्कप्लेस, जूम और कैनवा। इन तकनीकों के जाने बिना आज किसी भी क्षेत्र में नौकरी करना संभव ही नहीं है।
अब टीचर या कोच का इंतजार करने का और उनसे कोई नयी चीज सीखने का समय किसी के पास नहीं है यह सेल्फ लर्निंग का दौर है। अत: आपको भी अपने कॅरियर में आगे बढ़ने के लिए खुद ही अपने आपसे विभिन्न डिजिटल माध्यमों में तकनीक भी सीखनी पड़ेगी, उसमें माहिर भी होना पड़ेगा और उसकी आत्मनिर्भरता भी अपने में बढ़ानी होगी। कुल मिलाकर आज आपको सिखाने वाला कोई नहीं है, खुद ही आगे बढ़कर सीखना होगा। जब तक आपमें सेल्फ लर्निंग की एब्लिटी नहीं आयेगी, तब तक इस डिजिटल इरा में आप कामयाब नहीं हैं। अब कंपनियां भी ऐसे लोगों को पसंद नहीं करतीं, जो आगे बढ़कर नई से नई तकनीक सीखने में उत्सुकता नहीं दिखाते या किसी भरोसे में बैठे रहते हैं।
आज कंपनियां अपने आप तेजी से नई तकनीक सीखने वाले लोगों को पसंद करती हैं। आज हायरिंग ट्रेंड्स की सबसे बड़ी खासियत यही है अगर आप खुद से अपने क्षेत्र में आ रही या बदल रही तकनीक को अपने आप तेजी से सीख सकते हैं, तभी आप किसी कंपनी के लिए प्रिय कर्मचारी हो सकते हैं। जो लोग नई तकनीक और नई टूल्स के साथ-साथ नये वर्किंग मॉडल्स को तेजी से समझते हैं, उन्हीं लोगों के लिए आज जॉब बाजार में हर तरफ अवसर ही अवसर हैं। क्योंकि ऐसे ही लोग किसी भी कंपनी के लिए आज सबसे ज्यादा वैल्यूबल हैं। आज भारत में बैठा हुआ कोई फ्रीलांसर अमरीका के किसी क्लाइंट के लिए तभी काम कर सकता है, जब वह आज की किसी डिजिटल तकनीक में माहिर हो और डिजिटल डिवाइसेस को नियंत्रित करने में पारंगत हो। अगर आपमें यह क्षमता नहीं है तो आपके लिए मल्टीनेशनल एंट्री लेबल जॉब जैसा बहुत आसान समझा जाता है, नहीं है। बिना डिजिटल लर्निंग एब्लिटी के आज आप जॉब की प्रतिस्पर्धा से बाहर हैं। इसलिए आज की तारीख में कॅरियर में सफलता के लिए सबसे जरूरी है आपमें डिजिटल लर्निंग एब्लिटी का होना।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर