हरियाणा में जल्द लागू होगी लाडो योजना
हरियाणा में लाडो योजना के जल्दी ही लागू होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार महिलाओं को 2100 रुपए महीना देगी। इसके लिए नियम तय किए जाने हैं। योजना के लिए नायब सिंह सैनी सरकार पहले ही रकम का बंदोबस्त कर चुकी है। विधानसभा के पिछले सत्र में इसकी घोषणा भी कर दी गई थी। मंत्रिमंडल की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इस योजना को लागू करने की तारीख का एलान संभव है। मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने का भी फैसला किया जाएगा। सदन में लाडो योजना के मुद्दे पर नायब सरकार को विपक्ष की तरफ से घेरा जा सकता है। ऐसे में हरियाणा सरकार विपक्ष के हमलों को कुंद करने के इरादे से पहले ही लाडो योजना के बारे में महिलाओं को विस्तार से जानकारी दे सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने राज्य की महिलाओं को 2100 रुपए महीना देने का वादा किया था।
चुनाव परिणाम आए और भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बने नौ महीने हो गए हैं, लेकिन वादे के मुताबिक लाडो योजना अभी तक लागू नहीं हो पाई है। इंतजार की घड़ियां लगातार लंबी होती जा रही हैं। इससे पहले कि राज्य के महिला संगठनों की तरफ से आवाज उठे, नायब सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में इस योजना पर स्थिति स़ाफ कर देगी और उम्मीद की जा रही है कि हरियाणा में लाडो योजना जल्द लागू हो जाएगी। इस योजना के लिए प्रदेश के बजट में पहले से ही प्रावधान किया जा चुका है।
कब तय होगा नेता प्रतिपक्ष?
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आने वाला है, लेकिन अभी भी विपक्ष का नेता तय नहीं हुआ है। कब तक तय होगा, कांग्रेसी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। खुल कर बोलने से परहेज कर रहे कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इससे पार्टी को ही नुकसान हो रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का लगातार मौका मिल रहा है। विधानसभा चुनाव हुए नौ महीने का समय बीत चुका है, फिर भी कांग्रेस जिला स्तर पर अपनी इकाइयों का गठन नहीं कर पाई है। कांग्रेस में संगठन सृजन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन यह कब तक पूरी होगी, कोई नहीं जानता। कांग्रेसी चाहते हैं कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को जो कुछ करना है, फौरन करना चाहिए। मामले को लटकाने से पार्टी को कोई फायदा नहीं है। हरियाणा के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस में गुटबाजी कभी खत्म नहीं हो सकती। गुटबाजी कांग्रेस आलाकमान की देन है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसे चाह कर भी खत्म नहीं किया जा सकता। गुटबाजी का ही नतीजा है कि पिछले 11 साल से हरियाणा में जिला और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस की इकाइयां नहीं हैं। कांग्रेस नेता यह भी मानते हैं कि जिला इकाइयों के अभाव में पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने इस हार के बाद भी कोई सबक नहीं सीखा है। संगठन का गठन कब तक होगा? विपक्ष के नेता का चयन कब तक होगा? सवाल तो हैं, लेकिन इनका जवाब पार्टी के किसी नेता, सांसद या विधायक के पास नहीं है।
अभय चौटाला को धमकी
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को धमकी मिली है। इस संबंध में उनके बड़े बेटे व सिरसा जिला परिषद के अध्यक्ष कर्ण चौटाला ने चंडीगढ़ पुलिस के पास मामला भी दर्ज करवाया है। बताया जाता है कि धमकी उनके बेटे को विदेश के फोन नंबर से दी गई। अभय सिंह चौटाला हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं और इस समय उनके छोटे बेटे अर्जुन चौटाला रानियां से विधायक हैं। अभय सिंह चौटाला को यह धमकी ऐसे समय में मिली है, जब कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला प्रदेश सरकार पर राज्य में गैंगस्टरों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर हमलावर हैं। सुरजेवाला ने अभय चौटाला को धमकी के सवाल पर कहा कि भले ही हमारी विचारधारा इनेलो से मेल नहीं खाती, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं। यह भी कि इससे पहले इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या की जा चुकी है। ऐसे में अभय चौटाला को मिली धमकी को प्रदेश सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। अभय चौटाला लोगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर हमले करते रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि उन्हें एक दिन के लिए हरियाणा की बागडोर उनको सौंप दी जाए तो वह राज्य को गैंगस्टरों से मुक्त करा देंगे। जो भी हो, इनेलो ने अभय चौटाला को धमकी के मामले को गंभीरता से लिया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले में सवाल उठाए हैं। गैंगस्टरों की तरफ से कारोबारियों को तो फिरौती के लिए धमकियां मिल ही रही थीं, अब राजनीतिज्ञों को भी धमकियां दी जा रही हैं। भाजपा सरकार ने समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए तो आम लोगों में भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर बढ़ेगा।
भ्रष्टाचार पर नायब सरकार सख्त
हरियाणा में नायब सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए राजस्व विभाग के 38 अफसरों को चार्जशीट किया है। राजस्व विभाग के इन अफसरों पर कार्रवाई से पहले 370 पटवारियों और 404 दलालों की सूची सार्वजनिक होने पर बवाल मच गया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को चार्जशीट करने की फाइल को मंजूरी दे दी है। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने भी संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से ब्यौरा मांग लिया है। इनमें ज्यादातर तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारी शामिल हैं। राज्य सरकार की तरफ से अंदरूनी जांच में सामने आया कि राजस्व विभाग के इन अफसरों के पास आय से अधिक संपत्ति है। राजस्व विभाग के इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। इसमें धारा 7-ए का उल्लंघन किया गया था। पटवारियों और दलालों की सूची लीक होने के बाद राज्य सरकार ने आरोपी राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की सूची को पूरी तरह से गोपनीय रखा है। यह मामला बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए रजिस्ट्रियां करने का है। इस संबंध में तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार यह घोटाला कोरोना काल के दौरान हुआ था। तब सरकार ने इसके लिए विशेष जांच समिति गठित की थी। माना जा रहा है कि आने वाले दिन इन अफसरों के लिए ज्यादा परेशानी वाले हो सकते हैं।
इंजीनियर भी आए लपेटे में
राजस्व विभाग ही नहीं, सिंचाई विभाग के इंजीनियर और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी लपेटे में आ गए हैं। सिंचाई विभाग के करीब 80 अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है, जबकि जन स्वास्थ्य विभाग में 42 अधिकारियों व कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। लपेटे में आने वाले सिंचाई विभाग के अफसरों में जूनियर इंजीनियर, असिस्टैंट इंजीनियर और एक्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर शामिल हैं। इन्हें रूल सात के तहत चार्जशीट किया गया है। सात सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर भी चार्जशीट किए गए हैं। इसके साथ ही दो चीफ इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। जल संसाधन व सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी कहती हैं कि विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं से 48 नमूने इकट्ठे किए गए थे, जिनमें से 18 गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। विकास कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, जिस की जांच के बाद ही यह कार्रवाई की गई है। दूसरी तरफ जनस्वास्थ्य विभाग में रोहतक के 42 अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है। सिविल कार्यों में अनियमितताओं के चलते यह कदम उठाया गया है। जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर गंगवा का कहना है कि जिन एजेंसियों की लापरवाही सामने आई, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया है। हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य जनता को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
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