बोतल में अंडा

बच्चो! क्या यह मुमकिन है कि आपके छुए बिना एक उबला हुआ अंडा खुद ही एक बोतल में स्लिप कर जाये? बात जादू की सी लगती है, है न? लेकिन नहीं, यह जादू नहीं है बल्कि साइंस है। अब मैं आपको बताता हूं कि बिना छुए अंडे को बोतल के अंदर कैसे पहुंचाया जा सकता है। इस प्रयोग के लिए आपको अधिक तामझाम की ज़रूरत नहीं है। हमारे किचन या रसोई में जो चीज़ें होती हैं, उनसे ही काम चलाया जा सकता है। इसलिए ऐसे प्रयोगों को किचन-साइंस भी कहते हैं। पहले मैं आपको यह प्रयोग करना सिखाता हूं और फिर उसके बाद इसके पीछे की साइंस भी समझाऊंगा। ध्यान रहे कि बोतल में अंडा प्रोजेक्ट यह जानने का मजेदार तरीका है कि एयर प्रेशर से बदलाव से किस तरह दिलचस्प नतीजे बरामद होते हैं, जो देखने में जादुई से प्रतीत होते हैं। 
अब हम करते यह हैं कि छोटे मुंह वाली एक कांच की बोतल ले लेते हैं (आप छोटे मुंह का जार या सॉस बोटल भी ले सकते हैं)। हमारे पास एक माचिस, पेपर स्ट्रिप और एक उबला हुआ अंडा भी है। इसका छिलका हमने उतार दिया है। ध्यान दीजिये कि अंडा बोतल के मुंह से थोड़ा सा बड़ा है यानी बोतल के मुंह पर डाट की तरह फंस जायेगा, अंदर नहीं जायेगा। 
बच्चो! यहां तो मैं मौजूद हूं, लेकिन जब आप इस प्रयोग को अपने घर पर करें तो अपने मम्मी पापा में से किसी को साथ अवश्य रखें, क्योंकि इसमें आग का खेल भी शामिल है। 
अब देखो, मैंने पेपर स्ट्रिप को फोल्ड करके इसमें माचिस से आग लगा दी है, जलती हुई पेपर स्ट्रिप को मैंने बोतल के अंदर डाल दिया है और अंडे को बोतल के मुंह पर डाट की तरह रख दिया है। अब आप जादू होता हुआ देखें। 
हां, एक बात का ध्यान रखें कि बोतल के मुंह के सिरों को वनस्पति तेल से चिकना करना न भूलें ताकि अंडा आसानी से बोतल के अंदर चला जाये। जो कुछ आप होता हुआ देखें उसे साइंस वर्कशीट पर नोट करना न भूलें।
अरे, यह क्या हुआ? अंडा तो अपने आप ही बोतल के अंदर चला गया। वाव! ऐसा क्यों हुआ? सोचो। दरअसल, जब हमने जलती हुई पेपर स्ट्रिप बोतल के अंदर डाली थी तो अंदर की हवा गर्म हो गई थी। गर्म होने पर हवा ने बोतल के अंदर अधिक स्पेस ले ली। चूंकि अंडा बोतल के मुंह पर डाट की तरह था, इसलिए उसने गर्म हवा को बाहर निकलने से रोक दिया। 
गर्म होने पर हवा बोतल के अंदर फैलने लगी। बॉयल का नियम है कि जब गैस (हवा) का वॉल्यूम बढ़ता है तो प्रेशर कम हो जाता है। एक बार जब पेपर स्ट्रिप जलना बंद हो जाती है तो बोतल के अंदर की हवा ठंडी होने लगती है। ठंडी होने पर हवा सिकुड़ने लगती है और बोतल के अंदर आंशिक वैक्यूम बन जाता है। अब चूंकि बोतल के बाहर प्रेशर बोतल के अंदर से अधिक है, तो यह अंदर बाहर के प्रेशर का अंतर अंडे को बोतल के अंदर पुश कर देता है। 
यह प्रयोग बॉयल के नियम के सिद्धांतों की ज़िन्दा मिसाल है। बॉयल के नियम के अनुसार, स्तिर तापमान पर गैस के दबाव और आयतन में विपरीत संबंध होता है। साधारण शब्दों में अगर आप गैस को छोटी जगह में स्कुईज़ कर दोगे तो उसका प्रेशर बढ़ जाता है और अगर बड़ी स्पेस में फैला दोगे तो प्रेशर कम हो जायेगा। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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