आसमान का रंग नीला क्यों दिखाई देता है ?
सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है। लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, इंडिगो और बैंगनी। जब सूर्य की किरणें धरती के वातावरण में दाखिल होती हैं तो वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाईआक्साइड, जल वाशप और धूल कणों के साथ टकराकर प्रत्येक दिशा में बिखर जाते हैं। सूर्य के प्रकाश के रंगों में नीले रंग के बिखरने की समर्था सबसे अधिक होती है। इसलिए आसमान से आने वाले रंगों में नीले रंग की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसी कारण आसमान नीले रंग का दिखाई देता है।
वहीं, सूर्यास्त के समय इसकी दूरी धरती से अधिक बढ़ जाती है। सूर्य की किरनों को एक लम्बी दूरी तय करके धरती पर पहुंचना पड़ता है। नीले रंग के अधिक फैलने के कारण वह रास्ते में भी बिखर जाता है और हम तक पीला, संतरी और लाल रंग जो कम खिलता है, पहुंचता है और आसमान संतरी दिखाई देता है।