भविष्यवाणियां    

मैं कोई ज्योतिषी, भविष्यवक्ता या ज्योतिष शास्त्र का ज्ञाता नहीं हूं। न ही मुझे भविष्यफल या भविष्यवाणियों में विश्वास है पर सुना है कि सतयुग, त्रेता, द्वापर में आकाशवाणी हुआ करती थी जो किसी अत्याचारी के वध के लिए या किसी को आततायी से बचाने के लिए देवताओं द्वारा की जाती थी।
 आकाशवाणी के चलते कलयुग में आकाशवाणी केन्द्रों (रेडियो स्टेशन) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य समाचार, मनोरंजन, विविध जानकारी लोगों तक पहुंचाना था। मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर पूर्वानुमान (आकाशवाणी) के अक्सर झूठे साबित होने पर विश्वास उठ गया है। मौसम विभाग पूर्वानुमान व्यक्त करती कि अमुक-अमुक स्थान पर वर्षा होगी, आंधी-तूफान चलेगा व वह स्थान सूखाग्रस्त घोषित हो जाता। आजकल के पूर्वानुमान कुछ हद तक सही होने लगे हैं।
मैंने पहले ही कह दिया है कि मैं भविष्यवाणियों में विश्वास नहीं रखता लेकिन कभी-कभी मैं स्वयं के बात को याद आने पर झुठला नहीं सकता। सुबह-सुबह अनायास मुख से कोई बात निकल जाती है तो याद आने पर आश्चर्य होता है। हुआ भी यही। सुबह नहा-धोकर अनायास मुख से बात निकल गई और शाम को सच साबित हो गई लेकिन मैं फिर भी नहीं कहता कि मैं एक भविष्यवक्ता हूं।
भविष्यवाणियों के बारे में ऐतिहासिक जानकारियां भी हैं। किसी किताब में लिखा है कि अमुक सन् में दुनिया नष्ट हो जाएगी। वह सन् निकल गया और सब वर्तमान है। यह ठीक वैसे ही है जैसे दशकों पहले स्काईलैब के गिरने की अफवाह थी और परिणाम कुछ और आया।
भविष्यवाणियां अनेक प्रकार की होती हैं । राजनीतिक भविष्यवाणियां, सामाजिक भविष्यवाणियां, पारिवारिक, विदेश यात्रा संबंधी, चुनावी भविष्यवाणियां, राजयोग, वैवाहिक भविष्यवाणियां आदि। यह आवश्यक नहीं है कि भविष्यवाणियां शत प्रतिशत सही हो। कुछ भविष्यवाणियां सही होती है तो कुछ का परिणाम अलग। 
भविष्यवाणियां आजकल के चुनावी एक्जिट पोल की तरह है। एक्जिट पोल कुछ कहता होता कुछ और है। विश्वास करने वाले सिर पकड़ कर बैठे रहते हैं। 
एक भविष्यवाणी द्वारा ज्ञात हुआ है कि आने वाले दिनों में मुम्बई समुद्र में समा जाएगा। कुछ लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। पुरी के मंदिर के बारे में यह सुनने में आ रहा है कि कलयुग में कल्कि के अवतार लेते ही मंदिर समुद्र में जलसमाधि ले लेगा। इस प्रकार की भविष्यवाणी होती रहती है। लोग भविष्यवाणी सुनकर अनेक प्रकार की बात करते रहते हैं। इस तरह की भविष्यवाणी होगी और लोग तरह-तरह की चर्चा करते रहेंगे।

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