अमरीका में बढ़ रहा राजनीतिक हिंसा का खतरा
हालांकि हिंसा व हत्या को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता और न ही उसका समर्थन किया जा सकता है। अमरीका की विवादित व खतरनाक बंदूक संस्कृति के कारण वहां हर साल सैंकड़ों निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं और मृतकों में मासूम स्कूली बच्चे भी होते हैं, लेकिन मज़बूत गन लॉबी के प्रभाव में ऐसे व्यक्तियों की भी कमी नहीं है, जो बंदूक संस्कृति का समर्थन करते हैं और चुनावी वायदे के बावजूद उस पर प्रतिबंध नहीं लगने देते हैं। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के कट्टर ‘मागा’ समर्थक व उनके लिए फण्ड एकत्र करने वाले चार्ली किर्क ऐसे ही पुरातनपंथी युवा एक्टिविस्ट थे, जो बंदूक संस्कृति के प्रबल समर्थक थे और अप्रवासन व भारतीयों को वीज़ा दिये जाने का ज़बरदस्त विरोध करते थे। 31 वर्षीय किर्क, जिन्होंने ट्रम्प की पुरातनपंथी राजनीति की वकालत करने के लिए ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ संस्था का गठन किया हुआ था, 10 सितम्बर 2025 की दोपहर में यूट्टाह वैली यूनिवर्सिटी में छात्रों से वार्ता कर रहे थे कि तभी एक गोली उनकी गर्दन में आकर लगी, खून की तेज़ धार बही और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
अनुमान यह है कि गोली लगभग 200 मी के फासले से छत से चलायी गई थी। किर्क के गोली लगते ही अफरा-तफरी मच गई। उनके सुरक्षाकर्मी उन्हें अस्पताल लेकर भागे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। किर्क तेज़तर्रार वक्ता और ट्रम्प के अंदरुनी सर्किल के विश्वसनीय सदस्य थे। अपनी फण्ड एकत्र करने की क्षमता के लिए विख्यात, मागा एक्टिविस्ट व पॉडकास्ट होस्ट किर्क किसी पद पर न होने के बावजूद राजनीतिक सत्ता का केंद्र थे। उनके बेबाक विचारों के कारण उनके असंख्य समर्थक थे और उतनी ही तादाद में आलोचक भी। ट्रम्प ने उनकी मौत को अमरीका के लिए ‘सबसे काला पल’ बताया है। ट्रम्प ने कहा, ‘चार्ली किर्क महान भी थे और लीजेंड भी। उनकी मौत हो गई है। अमेरिका में युवाओं के दिल को चार्ली से बेहतर कोई नहीं समझता था... यह अमेरिका के लिए सबसे काला पल है।’
इसमें कोई दो राय नहीं कि किर्क दक्षिणपंथी राजनीति के सबसे अधिक प्रभावी नेता थे। उनकी टर्निंग पॉइंट यूएसए संस्था अमरीका के 3,500 से अधिक कॉलेजों में सक्रिय थी। वह कॉलेजों में ‘प्रूव मी रांग’ (मुझे गलत साबित करो) डिबेट आयोजित किया करते थे और इस सेमेस्टर में उन्होंने ‘अमेरिकन कमबैक टूर’ कार्यक्रम आरंभ किया था, जिसकी पहली कड़ी यूट्टाह विश्वविद्यालय में थी और विरोधाभास देखिये कि उनके अंतिम शब्द बंदूक संस्कृति से संबंधित थे। उनसे एक छात्र ने सवाल किया था, ‘क्या आपको मालूम है कि पिछले दस वर्षों के दौरान अमरीका में कितने मास शूटर्स हुए हैं?’ इसके जवाब में किर्क ने कहा था, ‘गैंग हिंसा को गिनना है या नहीं गिनना है?’ और तभी उनकी गर्दन में एक गोली आकर लगी। गौरतलब है कि किर्क ने 5 अप्रैल, 2023 को कहा था, ‘हर साल बंदूकों से कुछ मौतों का हो जाना ठीक ही है ताकि हम अपने ईश्वर-प्रदत्त अन्य अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए दूसरे संशोधन (हथियार रखने का अधिकार) को बरकरार रख सकें।’ किर्क के इन विवादित बयानों का वामपंथी निरन्तर विरोध किया करते थे। इसलिए ट्रम्प ने किर्क की हत्या का दोष ‘रेडिकल लेफ्ट’ की लफ्फाज़ी को ठहराया है।
बहरहाल, बंदूक संस्कृति के अतिरिक्त किर्क अप्रवासन के विरुद्ध बहुत कड़ा रुख अपनाते थे। वह अवैध ही नहीं बल्कि वैध अप्रवासन के भी खिलाफ थे, विशेषकर भारतीयों के। वह एच1-बी वीज़ा का भी विरोध करते थे, जिसका बहुत से भारतीय छात्र व प्रोफेशनल प्रयोग करते हैं। किर्क का सीधा सा दृष्टिकोण था—अमेरिका भर चुका है, भारतीयों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने 2 सितम्बर, 2025 को कहा था, ‘भारतीयों को अमेरिकी वीज़ा देने की अब कोई ज़रूरत नहीं है। अमेरिकी श्रमिकों को जितना अधिक विस्थापित भारतीयों ने किया है, उतना किसी अन्य अवैध अप्रवासन ने नहीं किया है, शायद।’ ट्रम्प प्रशासन भारतीय कम्पनियों को की जाने वाली आउटसोर्सिंग को सीमित करने पर विचार कर रहा है। इसका समर्थन करते हुए किर्क ने 5 सितम्बर, 2025 को कहा, ‘यह अच्छा है। पहले इस देश में निवेश करो। अमरीकी कम्पनियों व अमरीकी श्रमिकों को काम दो।’
दरअसल, किर्क जो विचार रखते थे बाद में वाइट हाउस उसी के अनुरूप बयान देता या कार्य करता था, जिससे उनके राजनीतिक प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। मसलन वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा था कि जो सोशल मीडिया एकाउंट्स एक्स पर भारत का दृष्टिकोण रख रहे हैं, वह विदेशी एजेंट्स के रूप में कार्य कर रहे हैं। किर्क के अन्य विषयों पर भी दक्षिणपंथी विचार हमेशा विवादित ही रहे हैं। यहां सबका उल्लेख करना संभव नहीं है। ट्रम्प को ऐसे ही पुरातनपंथी लोगों के समर्थन की ज़रूरत है। इनसे तो अमरीका पुन: महान नहीं हो सकता, हां, उसके धरातल में जाने की आशंका अवश्य है, लेकिन ट्रम्प ऐसे ही लोगों को अपने साथ रखते हैं व उनका सम्मान करते हैं। किर्क को मरणोपरांत प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम दिये जाने की घोषणा की गई है, जोकि अमरीका में उच्चतम नागरिक सम्मान है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर