उप-मुख्यमंत्री ने शिमला में आयोजित ज़िला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में फहराया तिरंगा

शिमला, 15 अगस्त (चमन शर्मा) -  ज़िला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह आज शिमला के रिज मैदान पर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उप-मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने की। उप-मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर भव्य परेड की सलामी ली जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर आशीष कौशल ने किया। 

उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आज का दिन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, त्याग और संघर्ष की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई। स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, एकता, अखंडता और भाईचारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करने का अवसर भी है। 

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि ने भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हमारे वीर जवानों ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा में अपनी वीरता का परिचय दिया है। यह गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश के वीर सपूतों को देश सेवा के लिए 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र और 24 कीर्ति चक्रों से नवाज़ा गया है। देश का पहला परमवीर चक्र, प्रदेश के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को प्राप्त हुआ था। इसके अतिरिक्त, कर्नल डी.एस. थापा, कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार मेजर संजय कुमार को उनके शौर्य व बलिदान के लिए परमवीर चक्र से नवाज़ा गया। आइए हम सब मिलकर राष्ट्रीय ध्वज को नमन करें। हमें अपने अतीत की गौरव गाथा से प्रेरणा लेते हुए भविष्य को उज्जवल बनाने का संकल्प लेना होगा। विकास के पथ पर हिमाचल प्रदेश ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है और यह यात्रा निरंतर जारी है। 

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जब अस्तित्व में आया, उस समय साधनों की कमी सहित कई चुनौतियां थी। लेकिन हिमाचल लग्न, परिश्रम एंव बुलंद हौसलों के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हिमाचल आज दूसरे पहाड़ी राज्यों के लिए विकास का आदर्श का मॉडल बनकर उभरा है। वर्ष 2023 में हिमाचल ने गम्भीर प्राकृतिक आपदा का सामना किया। इससे उबरने के लिए प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से आपदा राहत पैकेज वितरित किया। 

उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ की घटनाओं से हमें जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस वर्ष भी आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए हमारी सरकार ने विशेष राहत पैकेज का प्रावधान किया है, जिसमें राहत राशि को 25 गुणा तक बढ़ाया गया है। हिमाचल के विकास में हमारे कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही है इसलिए हमारी सरकार ने कर्मचारियों से किए अपने वायदे को पूरा करते हुए पहली मंत्रिमंडल बैठक में कर्मचारियों के लिए ओपीएस शुरू की।

उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए ई-टैक्सी योजना शुरू हुई, जिसमें ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत अभी तक 75 लाभार्थियों को अनुदान राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने पर बल दे रही है। इसके तहत, निजी भूमि पर 100 से 500 किलोवाट तक के सौर संयंत्र लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए पहल करते हुए, हिमाचल दूध खरीद पर समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है। सरकार द्वारा पशुपालकों को गाय के दूध पर 51 रुपये और भैंस के दूध पर 61 रुपये प्रति लीटर समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। आज कार्यक्रम शिमला में हो रहा है बागवानी विकास के क्षेत्र में शिमला जिला ने प्रदेश में अपनी पहचान बनाई है तथा शिमला जिला अपने सेब उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। 

उन्होंने बताया कि सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब उत्पादकों की सभी देनदारियों का भुगतान के लिए 153 करोड़ जारी किए। जिसमे पिछली भाजपा सरकार की 90 करोड़ रुपये की देनदारी भी शामिल है। किसानों और बागवानों को सेब कीटनाशकों और उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी को पिछली भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने इसे बहाल कर दिया है। कांग्रेस की राज्य सरकार ने सेब के समर्थन मूल्य में 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की ऐतिहासिक वृद्धि की है, जिससे सेब का समर्थन मूल्य अब 12 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली को लागू किया गया है, जिससे बागवानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिल सके। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला प्रदेश का अहम जिला है। शिमला शहर में 1734.70 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है, जिसकी लम्बाई 13.79 किलोमीटर होगी। यह परियोजना स्वीकृति के अंतिम चरण पर है और अगामी सालों में इसे जमीनी हकीकत में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यह परियोजना 4 साल में पूरी हो सकेगी। इसके अतिरिक्त शिमला शहर में 50 करोड़ रुपये की लागत के 19 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बन रहे है, जिसमें लिफ्ट और एस्कलेटर इत्यादि शामिल हैं। जाखू मंदिर में एस्केलेटर की सुविधा प्रदान की है और आने वाले समय मे ही जाखू मंदिर सौदर्यकरण योजना शुरू करेगें।

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