हरियाणा सरकार के लिए चुनौती
सप्ताह भर पहले हरियाणा के ए.डी.जी.पी. वाई. पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या करने के मामले में हरियाणा सरकार बेहद जटिल स्थिति में फंसी दिखाई दे रही है। वाई. पूरन कुमार ने अपने आत्महत्या नोट में कुछ उच्च पुलिस अधिकारियों सहित 14 व्यक्तियों के नाम लिखे हैं और विस्तारपूर्वक यह भी लिखा है कि उन्हें विगत लम्बी अवधि से तंग-परेशान किया जा रहा था। उन्होंने यह भी बयान किया कि ऐसा उनके साथ अनुसूचित जाति से संबंधित अधिकारी होने के कारण किया जाता रहा है और उसे बार-बार परेशानियों में से गुज़रना पड़ा है। इस नोट में उन्होंने मौजूदा डी.जी.पी. शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एस.पी. नरेन्द्र बीजारनिया का नाम विशेष रूप में लिया है। नरेन्द्र बीजारनिया को तो रोहतक से बदल दिया गया है और डी.जी.पी. श्री कपूर को फिलहाल छुट्टी पर भेज दिया गया है। इसके साथ ही सरकार द्वारा विशेष पुलिस टीम (एस.आई.टी.) बनाई गई है, जो इस मामले की पूरी जांच करके अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
वाई. पूरन कुमार की पत्नी एक उच्च आई.ए.एस. अधिकारी हैं। उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले संबंधी कड़ा रवैया धारण किया है और कहा है कि पूरन कुमार का पोस्टमार्टम और संस्कार उस समय तक नहीं किया जाएगा, जब तक आत्महत्या से संबंधित नोट में लिखे गए अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता। हरियाणा सरकार इस पूरे समय के दौरान किसी न किसी तरह परिवार को मनाने का यत्न करती रही है परन्तु स्थिति अभी तक वैसी ही बनी हुई है। इस हालात ने अब सामाजिक और राजनीतिक पहलू भी उजागर किए हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री सहित सरकार के मंत्री और पदाधिकारी परिवार को संस्कार करने के लिए मनाने का यत्न कर रहे हैं और दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार यह कह रहे हैं कि नोट में लिखे गए नामों से संबंधित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
तीसरी बार हरियाणा में बनी भाजपा सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हरियाणा का दौरा करने वाले थे परन्तु इस संबंध में अब अनिश्चितता बनी दिखाई देती है। चाहे अब पुलिस प्रमुख को भी छुट्टी पर भेज दिया गया है, परन्तु बड़ी सीमा तक उभरा यह मुद्दा शीघ्र शांत होने वाला प्रतीत नहीं होता। जातिवादी रंग पकड़ने के कारण यह और भी गम्भीर हो गया प्रतीत होता है। विगत दिवस इस मामले के संबंध में चंडीगढ़ में एक महा-पंचायत भी बुलाई गई थी, जिसने हरियाणा सरकार को यह मामला सुलझाने के लिए 24 घंटों का अल्टीमेटम भी दिया था। जिस तरह के हालात बने दिखाई देते हैं, उससे यह भी प्रतीत होने लगा है कि आगामी दिनों में यह मामला और भी गम्भीर रूप धारण कर सकता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गम्भीर होते इस हालात के साथ किस तरह निपटेंगे, यह देखने वाली बात होगी।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द