संगीतमय आवाज़ें निकालने वाली मछली गरनार्ड

गरनार्ड एक समुद्री मछली है। सागर में इसी नाम की एक और मछली पाई जाती है, जिसे उड़ने वाली गरनार्ड कहा जाता है। हालांकि इसका गरनार्ड से कोई संबंध नहीं है। बहरहाल गरनार्ड शब्द मूलत: फ्रेंच भाषा के ग्रागनर शब्द से बना है। इसका अर्थ होता है घुर्र-घुर्र की आवाजें निकालना। मछुआरों द्वारा पकड़ी जाने पर या फिर पानी के बाहर निकालने पर वह इसी तरह घुर्र-घुर्र की आवाजें निकालती है। यही वजह है कि इसका नाम गरनार्ड रखा गया है। हालांकि इस तरह की आवाजें कुछ अन्य मछलियां भी निकालती हैं। 
सामान्यत: स्विम ब्लेडर वाली मछलियां अपने स्विम ब्लेडर और इससे संबद्ध मांसपेशियों की सहायता से इस प्रकार की आवाजें निकालती है। गरनार्ड को अपनी मांसपेशियों और स्विम ब्लेडर की सहायता से सामान्य आवाजों के साथ ही कुछ संगीतमय आवाजें भी निकालने में भी महारत हासिल है।
गरनार्ड विश्व के अधिकांश उष्ण कटिबंधीय उपउष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण सागरों और महासागरों में पायी जाती है। इंग्लैंड के आसपास के सागरों में इसकी संख्या बहुत अधिक है। गरनार्ड अमरीका में भी अटलांटिक महासागर में नोवास्काटिया से लेकर वेनेज्वेला तक मिलती है। यहां इसे समुद्री रॉबिंस कहते हैं। गरनार्ड उथले पानी में सागर तल में रहना अधिक पसंद करती है। कुछ गरनार्ड मध्यम गहराई वाले सागरों में भी पाया जाती हैं किंतु ये अधिक गहराई वाले भागों में कभी नहीं जाती। गरनार्ड की विभिन्न जातियां भी अस्तित्व में हैं। इसकी एक जाति अपने आपको रेत के भीतर गाड़ लेती है और लंबे समय तक वहीं रहना पसंद करती है। गरनार्ड की अन्य मछलियों से इसलिए भी भिन्न है क्योंकि यह अपनी उंगलियों (फीलर्स) की सहायता से सागर तल में चलती फिरती रहती है। कुछ गरनार्ड तो अपनी उंगलियों की सहायता से काफी तेजी से चल सकती हैं। इनमें चलते-चलते तेजी से दाहिने-बाएं अथवा पीछे मुड़ने की विलक्षण क्षमता होती है।
गरनार्ड की शारीरिक संरचना अन्य समुद्री मछलियों से पूरी तरह भिन्न है। इसकी लंबाई 60 सेंटीमीटर से लेकर 90 सेंटीमीटर तक होती है एवं शरीर का रंग लाल-पीला, नारंगी होता है। इंग्लैंड की ग्रे गरनार्ड की लंबाई लगभग 45 सेंटीमीटर होती है तथा शरीर का रंग गहरे ग्रे से लेकर गुलाबी तक होता है। इंग्लैंड की सबसे बड़ी गरनार्ड पीली गरनार्ड है। इसकी लंबाई 60 सेंटीमीटर तक एवं शरीर का रंग सुनहरापन लिये हुए कत्थई सा होता है। इसकी छाती के मीनपंख गहरे नीले रंग के होते हैं एवं पूंछ का मीनपंख काफी बड़ा होता है। गरनार्ड का सिर बड़ा, भारी और बक्से के आकार का होता है। इसके ऊपर हड्डियों की प्लेटें और कांटें होते हैं, जिनकी मदद से यह अपना बचाव करती हैं। इसकी आंखे इसके सिर के काफी ऊंचाई पर होती हैं, जिससे यह काफी दूरी तक सरलता से देख सकती है। गरनार्ड के दो पीठ के मीन पंख होते हैं तथा इसके नितम्ब का मीनपंख केवल एक होता है और लंबा होता है। गरनार्ड की छाती के मीनपंख पक्षियों के पंख जैसे होते हैं। इनसे दो-तीन फिनरेज बाहर निकली रहती हैं। ये उंगलियों जैसी दिखाई देती हैं और उंगलियों की तरह काम भी करती है। गरनार्ड के मीनपंख नीले और हरे रंग के होते हैं। इसकी कुछ जातियों के पीठ के मीनपंख के आधार पर और पार्श्वरेखा पर कांटे होते हैं। सामान्यतया मछलियों की स्वादेंद्रियां इनकी जीभ पर होती हैं एवं कुछ मछलियों में स्वादेंद्रियां इसकी उंगलियों में होती हैं। यह एक आश्चतर्यजनक तथ्य है। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर

#संगीतमय आवाज़ें निकालने वाली मछली गरनार्ड