पहलगाम के भुतहे हाथों ने किया सिडनी में बेगुनाहों का कत्ल
भारत के पहलगाम की तर्ज पर आस्ट्रेलिया में हुए भयावह आतंकी हमले से एक बार फिर दुनिया सन्न रह गई है। भारत के पहलगाम आतंकी हमले की तर्ज पर आस्ट्रेलिया के सिडनी के बोंडी बीच पर रविवार को यहूदी पर्व हनुक्का के दौरान दो आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई। इनमें 10 साल की एक बच्ची भी शामिल है। वहीं करीब 50 लोग घायल हुए हैं। दोनों आतंकी जिस तरह खुशियां मनाते लोगों पर बेरहमी से गोलियां चलाने लगे, उसने पहलगाम आतंकी हमले की खौफनाक याद दिला दी। बोंडी बीच पर दोनों आतंकियों के गोलियां बरसाते वीडियो सामने आए हैं। जिस अंदाज से उन्होंने इस हमले को अंजाम दिया है, उससे पता चलता है कि उनके पास न केवल अत्याधुनिक हथियार थे बल्कि उन्हें चलाने का बाकायदा प्रशिक्षण भी उन्हें मिला होगा। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गोलीबारी के बाद पास की एक सड़क पर एक कार से कई विस्फोटक भी बरामद किए गए, यानी हमले की साजिश इससे कहीं ज्यादा तबाही फैलाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की थी। एक आतंकी पुलिस की गोली से घटनास्थल पर ही मारा गया जबकि दूसरा अभी घायल है। पुलिस के मुताबिक दोनों आतंकी बाप-बेटा थे। उनके नाम साजिद और नवीद अकरम बताए गए हैं। मूल रूप से दोनों पाकिस्तान के थे। पहलगाम और सिडनी दोनों आतंकी वारदात में यह समानता पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है। आस्ट्रेलिया हमले में भी पाकिस्तान का नाम आने के बाद शहबाज शरीफ सरकार और सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं, क्योंकि अब इस घटनाक्रम में ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ इज़रायल भी जुड़ गया है।
यह हमला यहूदियों पर हुआ है, इसलिए इज़रायल की स्वाभाविक तौर पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया ‘आतंकवादी हमला’ करार दिया है, यानी आस्ट्रेलिया में यहूदी विरोधी माहौल बन रहा है, इसे सरकार ने भी मान लिया है। बोंडी बीच इलाका, ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े यहूदी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां करीब 40,000 यहूदी रहते हैं। हनुक्का उत्सव के पहले दिन आयोजित इस समुद्र-तटीय कार्यक्रम में करीब 1000 लोग मौजूद थे।
शांति और खुशी के माहौल में त्योहार मना रहे लोगों से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है, लेकिन नस्ल और धर्म आधारित नफरत के शैतान हमेशा इन्सानियत के कत्ल से अपनी खूनी प्यास मिटाने की जुर्रत करते रहते हैं। इस हमले के वीडियो देखकर पहलगाम हमले की यादें ताजा हो जाती हैं। वहां भी आम लोग छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, बोंडी बीच पर भी लोग छुट्टियों का लुत्फ उठा रहे थे। पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोलियां बरसाई थीं, बोंडी बीच पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, क्योंकि पहले से पता था कि ये यहूदी हैं जो हनुका त्योहार मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। हंसी-खुशी का माहौल मातम में बदल गया।
पाकिस्तानी अवाम में इस हमले को गाज़ा, फिलिस्तीन, लेबनान, ईरान से जोड़कर देखा गया है। आश्चर्य आम लोगों की हत्याओं पर कोई खुशी कैसे मना सकता है? इससे उसकी कैसी मानसिकता झलकती है? ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियों को चाहिए कि वे वास्तविकता को स्वीकार करें। देश सुरक्षित होगा तो लोकतंत्र सुरक्षित होगा। लोगों के अधिकार सुरक्षित होंगे। लोग सरकार पर दबाव डालें कि कट्टरपंथ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों की सोशल मीडिया गतिविधियों को गंभीरता से लें। जो व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में रहकर उसके कानून का सम्मान नहीं करता, संस्कृति की खिल्ली उड़ाता है, हर कहीं अपनी मर्जी चलाता है, उसके निष्कासन का इंतजाम किया जाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के पास मौका है कि वह अपनी पुरानी गलतियों को सुधारे। अति-उदारवाद दिखाने की कोशिश में यूरोप के कई देशों ने मुसीबत मोल ले रखी है। अब उन्हें पछतावा हो रहा है, लेकिन वहां कानून ऐसे हैं कि सरकारें कुछ खास कर नहीं सकतीं। वोट बैंक की राजनीति भी एक बड़ी समस्या है। भारत ने भी पूर्ववर्ती कथित सेकुलरिज्म की झंडाबरदार सियासती दलों की गलत नीतियों के कारण लम्बे समय तक कट्टरपंथी आतंकवाद को झेला है। कश्मीर में जिस तरह एक ही रात में कट्टरपंथी मजहबी ताकतों ने मस्जिदों से ऐलान कर हिन्दुओं को पलायन के लिए मजबूर किया, वह इसी कथित सेकुलर उदार सोच का घातक नतीजा था। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता है। यह स्थिति भविष्य में अप्रिय मोड़ ले सकती है। आस्ट्रेलिया समेत यूरोपीय देशों में जिस तरह एक कट्टरपंथी समुदाय के लोगों द्वारा इन देशों की उदारवादी नीतियों का फायदा उठाकर पैर जमाने की सुनियोजित साजिश पर काम किया जा रहा है, वह इन देशों पर भविष्य में खतरे की घंटी है। पिछले दिनों फ्रांस ने भी कट्टरपंथी आगजनी को झेला है। दुनिया को अपनी सोच और नीतियों की समीक्षा करनी होगी ताकि कट्टरपंथी मजहबी ताकतें अपनी सोच को थोपने के षड्यंत्र में नाकाम रहें।



